मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार (6 जुलाई) को द्वारका में दरिंदगी की शिकार 6 साल की बच्ची से मिलने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल पहुँचे। इस दौरान उन्होंने परिवार के सदस्यों से मुलाक़ात की और पीड़ित परिवार को ₹10 लाख रुपए देने की घोषणा की। इसके अलावा केजरीवाल ने पीड़िता का इलाज कर रहे डॉक्टर से भी मुलाक़ात की जिससे पता चला कि बच्ची की हालत अभी स्थिर है और वो ख़तरे से बाहर है। अरविंद केजरीवाल ने परिवार से कहा, “हम केस लड़ने के लिए पीड़ित परिवार को वकील मुहैया कराएँगे।”
“बच्ची के पिता से मिला, वो बेलदारी का काम करते हैं।
— AAP (@AamAadmiParty) July 6, 2019
उन्हें मैंने हर तरह के सहयोग का आश्वासन दिया है, दिल्ली सरकार उनको ₹10 लाख का मुआवजा देगी और बड़े से बड़ा वकील देगी, सरकार जो दोषी है उसको कड़ी से कड़ी सजा दिलाएगी, जो दूसरों के लिए उदाहरण बन सके”- @ArvindKejriwal pic.twitter.com/ER422LToZy
पीड़ित बच्ची के पिता ने कहा, “दिल्ली का बड़ा नाम सुना था। दो वक़्त की रोटी कमाने आए थे। क्या बताएँ कि क्या हुआ। बिटिया आज ही थोड़ा-थोड़ा बोली है पापा-पापा। और कुछ नहीं बोल पा रही।” उन्होंने बताया कि उनकी बेटी की हालत अभी भी ठीक नहीं है, कल तक वो कुछ नहीं कह पा रही थी। बच्ची का बयान लेने जज भी आईं थीं, लेकिन वो एक शब्द भी बोलने में असमर्थ थी। बच्ची की ऐसी हालत देखकर जज वहाँ से यह कहकर वापस चली गईं कि वो बयान लेने बाद में आएँगी।
इसके अलावा उन्होंने बताया:
“मेरे चार बच्चे हैं। बिटिया दूसरे नंबर की है। इकलौती लड़की है। कमरे का किराया और बच्चों को पालने के लिए पैसों की ज़रुरत है, इसलिए दोनों काम करते हैं। दो साल पहले काफ़ी उम्मीदें लेकर दिल्ली आए थे, लेकिन यहाँ दिल्ली में ग़रीब के लिए ज़्यादा कुछ नहीं है। थोड़े दिन ठीक से चलता रहा, मगर अब बिटिया के साथ ग़लत काम हो गया।”
घटना वाले दिन पर उन्होंने बताया कि उनकी बिटिया मंदिर में खेल रही थी। बच्ची की माँ को एक घर में साफ़-सफ़ाई का काम मिला था। मेहनताने के रुप में 700 रुपए प्रतिमाह तय हुआ था।
वहीं, मासूम बच्ची की माँ का कहना है कि वो (आरोपित) बच्ची को टॉफी का लालच देकर बहला-फुसला कर मंदिर ले गया था। इसके अलावा उन्होंने बताया कि बच्ची को अपने साथ ले जाने के दौरान मोहम्मद नन्हे ने उसके साथ खेलने वाले सभी बच्चों को वहाँ से भगा दिया था।
अपनी आँखों में हताशा, निराशा का भाव लिए एक पिता के लिए यह दिन देखना कितना कष्टकारी है, इस बात का तो केवल अंदाज़ा मात्र ही लगाया जा सकता है।
गत शुक्रवार (5 जुलाई) को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी मासूम बच्ची से सफदरजंग अस्पताल में जाकर मिली थीं।
दिल्ली के द्वारका सेक्टर-23 में 6 साल की मासूम को साथ मोहम्मद नन्हें ने अपनी जिस क्रूरता का परिचय दिया था उससे किसी की भी आत्मा काँप जाए। मासूम के साथ जिस बेरहमी से रेप किया गया उससे कलेजा मुँह को आ जाता है। घटना के बाद बच्ची की हालत काफ़ी नाज़ुक थी। यह कहना ग़लत नहीं होगा कि इस मामले में भले ही आरोपित गिरफ़्तार हो गया हो लेकिन उसके जघन्य अपराध की जो भी सज़ा मिलेगी वो शायद कम ही होगी। इस घटना से मोहम्मद नन्हे की विकृत सोच उजागर होती है।