हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (HSGMC) के प्रमुख बाबा बलजीत सिंह दादूवाल (Baba Baljit Singh Daduwal) ने सिख युवाओं से कट्टरवाद और हिंसा से दूर रहने की नसीहत दी है। एक वीडियो संदेश में उन्होंने युवाओं से अलगाववादी संगठनों के ‘डॉलर के सपनों’ के लालच में भी नहीं फँसने की अपील की।
बाबा बलजीत ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि आज कई परिवार इस बात से पीड़ित हैं कि उनके बच्चों को कुछ हजार डॉलर के बदले या अमेरिका में नौकरी का लालच देकर अलगाववादी उनसे खालिस्तान के झंडे लहराने या खालिस्तानी नारे लिखने के लिए कह रहे हैं। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे कट्टरता में अपने जीवन को बर्बाद ना करें और अपने परिवार की देखभाल करें।
#WATCH | Haryana Sikh Gurudwara Management Committee chief Baljit Singh Daduwal releases statement exhorting Sikh youth to shun radicalism, and violence and not get lured by “dollar dreams” of secessionist organisations
— ANI (@ANI) August 3, 2022
(Source: Self-made video) pic.twitter.com/SWolW1qTHa
बाबा दादूवाल ने कहा, डॉलर के लालच में आकर कई युवा जेलों में बंद हैं। यह सिखों के लिए पीड़ादायक है कि उनसे में अधिकांश अमृतधारी सिख हैं। कई युवा दो साल से अधिक समय से जेलों में बंद हैं और वे जमानत भी नहीं पा रहे हैं। जिन गैर-कानूनी संगठनों से ये काम उनसे करवाया है, वे इसके लिए पैसे भी नहीं दिए।”
सिखों को गुमराह करने वाले विदेशी संगठनों से उन्होंने कहा कि अगर युवाओं की बेरोजगारी को लेकर वे इतने ही चिंतित हैं तो उन्हें भारत में आकर फैक्ट्रियाँ खोलनी चाहिए और सिख युवाओं को नौकरी देनी चाहिए। उन्होंने अन्य धार्मिक नेताओं से भी ऐसी ही अपील करने का आग्रह किया।
उधर, दिल्ली सिख गुरुदारा प्रबंधक कमेटी पंजाब में नशाखोरी और धर्मांतरण को रोकने के लिए जागरूकता अभियान शुरू कर रही है। कमिटी ने इसके लिए अमृतसर में धर्म प्रचार सेवा केंद्र की शुरुआत की है। इस कार्य के लिए संस्था ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, श्री दमदमा साहिब व निहंग सिंग जत्थेबंदियों से सहयोग माँगी है।
बता दें कि आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस और उसके आतंकी गुुरपतवंत सिंह पन्नू ने कई बार वीडियो मैसेज डालकर सिख युवाओं को बरगलाने और भड़काने का काम किया है। वह युवाओं को हरियाणा, हिमाचल और पंजाब में खालिस्तानी झंडे लहराने के लिए उकसाया था।
इसके बाद खालिस्तानी झंडे लहराने और खालिस्तान के समर्थन में नारे लिखे जाने की कई घटनाएँ अलग-अलग प्रदेशों में सामने आईं। इन मामलों में पुलिस ने कई युवाओं को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।