Sunday, November 24, 2024
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पत्थरबाजी, आगजनी, फायरिंग… संभल में दंगाइयों ने सब कुछ किया, पर रोक नहीं पाए जामा मस्जिद का सर्वे: जानिए कौन हैं विष्णु शंकर जैन, मुस्लिम भीड़ की घेराबंदी में कैसे फँसे?

सर्वे टीम में शामिल वकील विष्णु शंकर जैन को पुलिस ने सुरक्षा के बीच बाहर निकाला। विष्णु शंकर जैन वही वकील हैं जिनकी याचिका पर कोर्ट ने 19 नवंबर को मस्जिद में सर्वे का आदेश दिया था और उसी शाम को पहली बार सर्वे भी हुआ था।

उत्तर प्रदेश के संभल की जामा मस्जिद में कोर्ट के आदेश पर दोबारा सर्वे करने के लिए रविवार (24 नवंबर 2024) की सुबह टीम पहुँची, जिसे घेरकर मुस्लिम कट्टरपंथियों की भीड़ ने पत्थरबाजी की और जमकर बवाल काटा। करीब ढाई घंटे तक चले सर्वे के दौरान बाहर भारी पत्थरबाजी होती रही, जिसे काबू करने के लिए प्रशासन को लाठीचार्ज करना पड़ा और आँसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बवाल में अज्ञात व्यक्ति की भी जान चली गई है। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि ये गोली गली की तरफ से आई, जो पुलिस पर पथराव और फायरिंग कर रही थी। इस दौरान डिप्टी कलेक्टर, एसपी के पीआरओ और सिपाही भी घायल हो गए हैं। पुलिस ने मुश्किल से हालात पर काबू पाया। किसी भी प्रकार के उपद्रव को रोकने के लिए पुलिस के साथ PAC और रैपिड एक्शन फ़ोर्स (RAF) के जवान तैनात हैं।

पत्थरबाजी की घटना को लेकर संभल के डीएम राजेंद्र पेन्सिया ने कहा, “सर्वेक्षण पूरा हो गया है। सर्वेक्षण दल को सुरक्षित निकाल लिया गया है। स्थिति को नियंत्रण में लाया जा रहा है। शरारती तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।”

मस्जिद में फंसे थे विष्णु शंकर जैन, पुलिस ने सुरक्षित बाहर निकाला

सर्वे टीम में शामिल वकील विष्णु शंकर जैन को पुलिस ने सुरक्षा के बीच बाहर निकाला। विष्णु शंकर जैन वही वकील हैं जिनकी याचिका पर कोर्ट ने 19 नवंबर को मस्जिद में सर्वे का आदेश दिया था और उसी शाम को पहली बार सर्वे भी हुआ था। उस दिन भी माहौल तनावपूर्ण हो गया था। इस मामले में एडवोकेट कमिश्नर 29 नवंबर तक अपनी रिपोर्ट कोर्ट में जमा करेंगे।

विष्णु शंकर जैन ने बताया, “19 नवंबर को पारित न्यायालय के आदेश के अनुपालन में आज एडवोकेट कमिश्नर द्वारा दूसरे दिन का सर्वेक्षण सुबह 7:30 बजे से 10:00 बजे तक किया गया। इस सर्वेक्षण के दौरान सभी विशेषताओं का अध्ययन किया गया। न्यायालय द्वारा निर्देशित वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी का अनुपालन किया गया है और अब यह सर्वेक्षण पूरा हो गया है। रिपोर्ट 29 नवंबर से पहले या 29 नवंबर को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी।”

पिता के रास्ते पर चलने वाले कर्मयोगी विष्णु शंकर जैन

बता दें कि वकील विष्णु शंकर जैन ने ही संभल की जामा मस्जिद पर श्री हरि हर मंदिर होने का दावा जिला कोर्ट में किया है। वरिष्ठ वकील हरिशंकर जैन और उनके बेटे विष्णु शंकर जैन की पिता-पुत्र की जोड़ी श्रीकृष्ण जन्मभूमि, ज्ञानवापी शृंगार गौरी समेत 110 मामलों की पैरवी कर रही है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में भी विष्णु जैन हिंदू पक्ष की पैरवी कर रहे हैं।

हरिशंकर जैन यूपी की राजधानी लखनऊ से ताल्लुक रखते हैं। 1976 में उन्होंने वकालत शुरू की थी, इस पेशे में वह करीब 48 साल से सक्रिय हैं. उनके बेटे विष्णु जैन भी पिता के नक्शेकदम पर चल रहे हैं। उन्होंने साल 2010 में बालाजी लॉ कॉलेज से डिग्री लेकर वकालत शुरू की। तब से वह पिता के साथ हैं। विष्णु जैन ने श्रीराम जन्मभूमि मामले से प्रैक्टिस शुरू की थी।

अधिवक्ता हरि शंकर जैन (जन्म 27 मई 1954) वर्ष 1976 से वकालत कर रहे हैं। उन्होंने लखनऊ कोर्ट से अपनी प्रैक्टिस शुरू की और धीरे-धीरे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी मुकदमे लड़ते गए। उनके बेटे विष्णु शंकर जैन (जन्म 9 अक्टूबर 1986) ने बचपन से ही अपने पिता को हिंदू हित में मुकदमे लड़ते देखा और फिर पिता के नक्शेकदम पर चल पए। विष्णु शंकर जैन ने 2010 में अपनी कानून की पढ़ाई पूरी की और तब से अपने पिता के मुकदमों में उनकी सहायता कर रहे हैं, जो सामान्य रूप से भारतीय समाज और विशेष रूप से भारतीय सभ्यता में अद्वितीय महत्व रखते हैं।

विष्णु शंकर जैन ‘हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस’ के प्रवक्ता हैं। उन्होंने अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मामले से अपनी वकालत शुरू की, और 2011 में इलाहाबाद हाई कोर्ट के 2010 के फैसले को चुनौती दी। इस मामले में उन्होंने अपने पिता हरि शंकर जैन की सहायता की। 2016 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड की परीक्षा पास की और 2016 में ही अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपनी पहली उपस्थिति दर्ज कराई। विष्णु शंकर जैन यह बताना कभी नहीं भूलते कि वह और उनका परिवार, खासकर उनके पिता और मार्गदर्शक हरि शंकर जैन खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें वह काम करने का मौका मिला, जिसमें वे लगे हुए हैं।

हिंदुओं से संबंधी करीब 110 मामले ऐसे हैं जिनमें हरिशंकर जैन और विष्णु जैन में से कोई एक या फिर दोनों अदालत में पेश हुए हों। इनमें सबसे पुराना मामला साल 1990 का है। दिलचस्प बात ये है कि ज्यादातर केसों को पिता-पुत्र की जोड़ी ने जिता कर ही दम लिया। वहीं कुछ हैं जो अब भी चल रहे हैं। इसमें संभल का मामला सबसे नया है और संभल के मामले को लेकर विष्णु शंकर जैन ने बेहद कम समय में काफी सफलताएँ हिंदू पक्ष के लिए पाई हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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