उत्तर प्रदेश के झाँसी के मऊरानीपुर में स्थित एक स्कूल में जय श्रीराम का नारा लगाना कुछ छात्र-छात्राओं को भारी पड़ गया। स्कूल ने बच्चों के जय श्रीराम का नारा लगाने पर तालिबानी कार्रवाई करते हुए उन्हें स्कूल से निष्कासित कर दिया और उनके अभिभावकों को भी स्कूल बुला कर चेतावनी दी।
जानकारी के अनुसार, झाँसी के मऊरानीपुर में स्थित सेंट मैरी नाम के एक ईसाई स्कूल में हाईस्कूल के बच्चों को अपनी रुचि के विषय पर निबन्ध लिखने को कहा गया था। इसके पश्चात इन बच्चों से इन्हें पढ़ कर सुनाने को कहा गया।
एक छात्रा समेत तीन छात्रों ने राम मंदिर पर निबंधन लिखा और उसे पढ़ कर सुनाया और निबंधन की समाप्ति पर जय श्रीराम का उद्घोष किया। बच्चों का जय श्रीराम बोला ईसाई स्कूल को चुभ गया। इस सम्बन्ध में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें छात्रा अपनी आपबीती बता रही है। स्कूल प्रशासन पर छात्र-छात्राओं से बदतमीजी करने का भी आरोप है।
उसने इन छात्र-छात्राओं को आठ दिन के लिए निष्कासित कर दिया। उसका कहना था की ईसाई स्कूल में जय श्रीराम का नारा लगना उनके लिए स्वीकार्य नहीं है। इन छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को स्कूल में बुलाकर चेतावनी दी गई। इस खबर के फैलते ही छात्र संगठनों और हिन्दू संगठनों में रोष व्याप्त हो गया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद समेत अन्य कई हिन्दू संगठन यहाँ पहुँच कर छात्रों के समर्थन में प्रदर्शन करने लगे और स्कूल पर कार्रवाई की माँग की।
बड़ी सँख्या में छात्र संगठनों के प्रदर्शन करने के लिए पहुँचने पर स्कूल बैकफुट पर आ गया और मामले में सफाई पेश की। मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आया है कि स्कूल का दावा है कि किसी भी छात्र-छात्रा को धार्मिक नारे लगाने के लिए निष्कासित नहीं किया गया है। स्कूल का दावा है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। जिला प्रशासन ने इस मामले में कड़े विरोध प्रदर्शन के बाद एक जाँच समिति का गठन किया है और एक सप्ताह के भीतर सच बाहर लाने की बात कही है।
छात्रों को स्कूल से निष्कासित करने के मामले में अब प्रधानाध्यापक अनुज केरकेट्टा किसी भी प्रकार के प्रश्नों का जवाब देने से बच रहे हैं। ऑपइंडिया ने उनसे जब सम्पर्क करने का प्रयास किया तो उन्होंने बात करने से मना कर दिया।
हालाँकि, इसी स्कूल में पढ़ाने वाले एक शिक्षक ने नाम ना बताने की शर्त बताया है कि स्कूल द्वारा भले ही मामले का खंडन कर दिया गया हो लेकिन बच्चों का निष्कासन जय श्रीराम के नारे लगाने के चलते ही किया गया था। इससे पहले गाजियाबाद से भी ऐसा ही मामला सामने आया था जहाँ छात्रों को जय श्रीराम बोलने से रोका गया था।