Monday, November 18, 2024
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सनातन डेका हत्याकांड: ‘ये सिर्फ आर्थिक मदद नहीं, हमारी एकता का परिचायक है’, लोगों ने शुरु की मुहिम

श्री श्री शंकरदेव सेवा समिति ने इस अभियान के साथ लिखे पोस्ट में स्पष्ट लिखा है कि ये केवल आर्थिक मदद नहीं, बल्कि हमारे लोगों के साथ हमारी एकता का परिचायक है। हम ऐसे उपद्रवियों को अपना जीवन की अर्थव्यस्था नियंत्रण करने की अनुमति नहीं दे सकते।

असम में सब्जी विक्रेता सनातन डेका की हत्या के बाद अब उनकी पत्नी दीपाली डेका बिलकुल अकेली हैं। 5 आरोपितों में से पुलिस ने भले ही कल 2 मुख्य आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन ये कहना मुश्किल है कि इससे दीपाली डेका को इंसाफ मिलेगा।

दीपाली के पास न तो अब पति है और न ही उनकी कोई औलाद है। लेकिन, विवशता देखिए, जीने के लिए अब भी उनके सामने पूरा जीवन बाकी हैं।

ऐसी घड़ी में जब पुलिस भी हत्यारों के साथ मामूली आरोपितों जैसा बर्ताव करती दिख रही है। उस समय दीपाली की मदद हेतु सोशल मीडिया पर श्री श्री शंकर देव समिति ने एक अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत सनातन डेका के परिजनों के लिए आर्थिक मदद जुटाई जा रही है।

इस अभियान का लक्ष्य वैसे तो 30 लाख रुपए तक का है। मगर, समिति की संस्थापक गायत्री बॉरपात्र गोहाँई बताती हैं कि इस कैंपेन के जरिए उनके संगठन को 15 दिन के भीतर लोग जितनी भी मदद करेंगे। वो सब वह सनातन के परिजनों को सुपुर्द कर देंगे।

गायत्री बताती हैं कि सनातन डेका की पत्नी पूर्ण रूप से निरक्षर हैं और अपने हस्ताक्षर भी मुश्किल से कर पाती हैं। ऐसे में उनकी समिति के लोगों ने खुद गाँव के प्रधान से बात की है। जिसके बाद वह जल्द से उनका बैंक अकॉउंट खुलवाने की कोशिश कर रहे हैं और पैन कार्ड भी बनवाने का प्रयास जारी है।

गायत्री बॉरपात्र गोहाँई ऑपइंडिया से बातचीत में कहती हैं कि इस आर्थिक मदद के बाद उनकी समिति दीपाली की इच्छानुसार उनके पुनर्वास में भी उनकी मदद करेगी। दीपाली जी के पुनर्वास में उनकी शिक्षण, कौशल्य पर भी शंकरदेव समिति ध्यान देगी ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। मगर, अभी फिलहाल उनकी पहली प्राथमिकता सनातन के परिजनों को आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करवाना है। इसलिए, उन्होंने crowdkash प्लैटफॉर्म पर इस मुहीम (Support Family Of Assam Lynching Victim Sanatan Deka) की शुरूआत की है।

https://www.crowdkash.com/campaign/366/supportsanatandeka

यहाँ बता दें, कि इस मुहीम के अंतर्गत दी जाने वाली मदद शंकर देव समिति तक पहुँचेगी। इसके बाद ये लोग उस मदद को सनातन के परिजनों को पहुँचाएँगे। मुमकिन है उस समय तक दीपाली का अकॉउंट भी खुल जाए, तो बाकी की मदद सीधा उनके अकॉउंट में भिजवाई जाए। लेकिन, वर्तमान में विश्वसनीयता कायम रखने के लिए ये समिति जल्द ही दीपाली डेका से बातचीत कर उनकी वीडियो डालेगी, ताकि दानदाताओं के पास प्रमाण रहे कि उनका दान सही जगह पहुँचा है।

किंतु, जब तक सनातन डेका की पत्नी का बैंक खाता खुलने में देरी है, तब तक हर वो व्यक्ति, जिसे ऐसा लगता है कि सनातन की हत्या मानवीय क्रूरता की हर पराकाष्ठा को पार करती है, गरीबों के ऊपर हावी अमीरों के अत्याचार को इंगित करती हैं या इस्लामिक कट्टरपंथियों का असली चेहरा बयान करती है, जो रमजान के समय में भी ऐसे अपराधों को अंजाम देना अपनी शान समझते हैं। तो आप इस प्लैटफॉर्म के जरिए सनातन के परिवार को अपने सामर्थ्य व इच्छानुसार मदद कर सकते हैं।

आज शंकर देव समिति द्वारा शुरू किया गया ये अभियान केवल आर्थिक मदद नहीं है। ये हमारी एकता का परिचायक है। कुछ समय पहले ऑपइंडिया ने भी नीरज प्रजापति के लिए ऐसा ही अभियान चलाया था। आप सबके सहयोग से उस समय 32 लाख रुपए तक की मदद नीरज के परिवार को पहुँची थी।

आज शंकर देव समिति की ओर से शुरू किया गया अभियान का भी लगभग वही उद्देश्य है कि वे एक ऐसे व्यक्ति के परिवार को एक नया जीवन प्रदान कर सकें, जो न केवल गरीब था, बल्कि मेहनतकश भी था और लॉकडाउन के समय में केवल परिवार के लालन पालन के लिए घर में सब्जियाँ उगाकर उन्हें घर-घर बेचने निकला था। लेकिन, दुर्भाग्यवश, सब्जियों को बेचकर लौटते हुए उसकी साइकिल मुस्लिम बहुल इलाके में दो मुस्लिम युवकों की स्कूटी से टकराई और उन दोनों ने अपने साथियों के साथ इतना मारा कि उसने वहीं, दम तोड़ दिया।

हालाँकि, मामले के संबंध में अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई है। मगर शंकर देव समिति की गायत्री कहती हैं कि पुलिस इस मामले को एक एक्सीडेंट बताने की कोशिशों में जुटी है। वहीं, भास्कर ज्योति दास, जिनसे हमने इस संबंध में पहले संपर्क किया, उन्होंने भी इस बारे में यही बताया था कि पुलिस शुरू में इसे आम झड़प का मामला बताकर पेश कर रही थी, पर उनके आंदोलन के बाद सारा राज खुला।

इसके अलावा, बता दें एक वीडियो भी सामने आई है, जिसमें पुलिस आरोपितों को बड़े सहज भाव से थाने में ले जाती दिख रही हैं और आरोपित अपने दोनों हाथों को हिलाकर अपनी बेशर्मी का प्रमाण दे रहा है।

इसलिए, इन्हीं सब चीजों को देखते हुए, ऐसे समय में जरूरी है कि सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर शुरू किए अभियान को उसके लक्ष्य तक पहुँचाया जाए, जिससे कि सनातन के परिवार को ऐसे दृश्यों की पीड़ा इतनी न कचोटे और वो आगे अपना जीवन अंधकार में न देंखें।

उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया पर इस अभियान को बढ़-चढ़कर सपोर्ट किया जा रहा है। श्री श्री शंकर देव सेवा समिति ने इस अभियान के साथ लिखे पोस्ट में स्पष्ट लिखा है कि ये केवल आर्थिक मदद नहीं, बल्कि हमारे लोगों के साथ हमारी एकता का परिचायक है। हम ऐसे उपद्रवियों को अपना जीवन की अर्थव्यस्था नियंत्रण करने की अनुमति नहीं दे सकते।

श्री श्री शंकर देव सेवा समिति

श्री श्री शंकर देव सेवा समिति एक भारतीय पंजीकृत गैर-लाभकारी संगठन है जो समाज के सर्वांगीण विकास और कल्याण के लिए समर्पित है। इसकी शुरुआत साल 2012-13 के बीच हुई थी।

आज ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ मंत्र के तहत गठित यह संघठन विश्व भर में अपना विस्तार कर रहा है और कोविड-19 जैसी महामारी के समय में ही नहीं बल्कि इससे पहले भी बाढ़ जैसे कई आपदाओं के समय में इस संगठन ने बढ़ चढ़कर लोगों की मदद करने में अपनी बड़ी भूमिका अदा की है।

शुरुआत में इस संगठन से कुछ एक लोग ही जुड़े थे, मगर धीरे-धीरे संगठन काम करता रहा, और इनकी प्रतिबद्धता को देखते हुए कई लोग इनसे जुड़े। आज देश के कोने-कोने में इस समिति के कार्यकर्ता हैं, जो मानव कल्याण और दीपाली जैसे लोगों के पुनर्वास के लिए कार्य कर रहे हैं।

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