सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (7 नवंबर, 2022) को दिल्ली के छावला इलाके में युवती के साथ हुए सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में 3 आरोपितों को बरी कर दिया है। साल 2012 के इस मामले में दिल्ली की एक अदालत ने तीनों को दोषी करार देते हुए मौत की सज़ा सुनाई थी। इसके बाद हाई कोर्ट ने भी सजा बरकरार रखते हुए कहा था कि दोषियों के लिए किसी तरह की नरमी नहीं बरती जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीनों युवकों को बरी किए जाने के बाद मृतक की माँ ने कहा है, “हमें उम्मीद थी कि न्याय मिलेगा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने हमें तोड़ दिया है। समझ नहीं आ रहा है कि क्या करें। हमारी सोचने की ताकत खत्म हो गई है।”
Supreme Court Acquits 3 Men Who Were Sentenced To Death In Chhawla Rape-Murder Case @Deepankar_0047 https://t.co/ynN3fvz89M
— Live Law (@LiveLawIndia) November 7, 2022
दरअसल, साल 2012 में दिल्ली के छावला इलाके से 19 वर्षीय एक युवती का अपहरण किया गया था। इसके बाद उसे हरियाणा के रेवाड़ी ले जाकर 3 दिन तक गैंगरेप को अंजाम दिया गया था। यही नहीं, उसके चेहरे पर एसिड डाल दिया गया था और शरीर के कई हिस्सों में गर्म लोहे से वार किए गए थे। जब उसका शव बरामद हुआ, तब प्राइवेट पार्ट में बोतल फँसी हुई मिली थी।
बलात्कार और हत्या के इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों रवि, राहुल और विनोद को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने युवती के अपहरण के समय सामने आए चश्मदीदों के बयान के आधार पर लाल इंडिका गाड़ी की तलाश की थी। इसके बाद उसी गाड़ी के साथ राहुल नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था।
राहुल की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कहा था कि उसने अपना गुनाह कबूल लिया है और अपने दोनों साथियों रवि और विनोद के बारे में भी जानकारी दी। इन तीनों की निशानदेही के बाद लड़की का शव बरामद किया गया था। पुलिस ने कहा था कि रवि ने अपराध की साजिश रची, क्योंकि युवती ने रवि के प्रपोजल को ठुकरा दिया था।
इस मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली की निचली अदालत ने डीएनए रिपोर्ट समेत अन्य सबूतों के आधार पर तीनों को दोषी करार देते हुए साल 2014 में फाँसी की सज़ा सुनाई थी। इसके बाद तीनों युवकों ने हाई कोर्ट का रुख किया था। हालाँकि, हाई कोर्ट ने भी उनकी सजा को बरकरार रखते हुए कहा था ये वो हिंसक जानवर हैं, जो सड़कों पर शिकार ढूँढ़ते हैं। लेकिन, अब सुप्रीम कोर्ट ने तीनों को बरी कर दिया है।