मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप केस में एक अज्ञात “तोंद वाले अंकल नेताजी” और एक “मूछ वाले अंकल जी” की भूमिका सामने आई है। पीड़ित बच्चियों ने इन दोनों ही अज्ञात ‘अंकलों’ पर उनका यौन शोषण करने का आरोप लगाया है। बता दें कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में बच्चियों के साथ रेप और कईयों की हत्या के खुलासे का एक वर्ष पूरा हो गया है लेकिन अभी तक सीबीआई की जाँच किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुँची है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से दिल्ली के साकेत स्थित पॉस्को कोर्ट में इस मामले को ट्रान्सफर किया जा चुका है और वहीं सुनवाई भी चल रही है। नियमित सुनवाई में बच्चियों की गवाही ली जा रही है।
सीबीआई ने जाँच की प्रक्रिया पूरी करने के लिए 6 महीने का समय माँगा था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जाँच एजेंसी को 3 महीने का अल्टीमेटम दिया है। एक और बड़ा और चौंकाने वाला खुलासा करते हुए सीबीआई ने अदालत को बताया है कि जाँच के दौरान 11 पीड़ित बच्चियों की हत्या किए जाने की बात सामने आई है। एक आरोपित से इस सम्बन्ध में पूछताछ भी की गई थी, जिसकी निशानदेही पर एक श्मशान घाट से खुदाई के बाद कुछ हड्डियों की टुकड़ियाँ बरामद की गई। इस मामले में ब्रजेश ठाकुर सहित कई आरोपित हैं। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर यह आरोप लगाया गया है कि वह सबूत होने के बावजूद जाँच में ढिलाई बरत रही है।
Muzaffarpur shelter home case: Supreme Court asks CBI to complete the investigation within three months. CBI has approached the court seeking six months time to complete the investigation. pic.twitter.com/MLD0FARj0y
— ANI (@ANI) June 3, 2019
अब तक इस मामले में 20 आरोपितों को विभिन्न जगहों से पकड़ा जा चुका है। बच्चियों ने अपने बयान में कहा है कि उनका यौन शोषण किया जाता था और विरोध करने पर हत्या कर दी जाती थी। एडिशनल सोलिसिटर जनरल माधवी दीवान ने अदालत को बताया कि 2 बच्चियों के कंकाल बरामद किए गए हैं और फोरेंसिक जाँच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। दीवान ने सीबीआई द्वारा प्रभावशाली लोगों को बचाने वाले आरोपों को नकारते हुए कहा कि आरोपितों के ख़िलाफ़ कड़ी से कड़ी धाराएँ दर्ज की जा रही हैं।
निवेदिता झा द्वारा याचिका में कहा गया है कि बच्चियों को होटल भी ले जाया जाता था, जहाँ ‘बाहरी लोग’ आकर उनका रेप करते थे। ये सभी ब्रजेश ठाकुर के मित्र थे। झा का आरोप है कि सीबीआई इन लोगों को धर दबोचने मे नाकाम साबित हुई है। वकील अपर्णा भट ने अदालत से जल्द से जल्द जाँच निपटाने का आदेश देने की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि अगर जाँच लम्बी चलती है तो इससे पीड़ित बच्चियों को बार-बार वो भयावह घटनाएँ याद करनी पड़ेंगी, जो उनकी मानसिक स्थिति के लिए सही नहीं है। भट ने कहा कि उन बच्चियों के ख़िलाफ़ अप्राकृतिक सेक्स करने और इस कुकर्म का विडियो रिकॉर्ड करने के लिए आरोपितों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप व हत्या केस में बिहार सरकार के मंत्रियों से लेकर कई प्रभावशाली व्यक्तियों के नाम सामने आए हैं। सीबीआई के ख़िलाफ़ याचिका में कहा गया है, “यह साफ़-साफ़ प्रतीत होता है कि ब्रजेश ठाकुर द्वारा एक बड़ा और व्यापक वेश्यावृत्ति रैकेट चलाया जा रहा था। सीबीआई ने तमाम लीड मिलने के बावजूद वास्तविक दोषियों को बचाने का काम किया है।“