उत्तराखंड के हरिद्वार के धर्म संसद कार्यक्रम में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ कथित भड़काऊ भाषणों के मामले की जाँच की माँग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार (12 जनवरी 2022) को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को लेकर उत्तराखंड सरकार और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और उत्तराखंड सरकार को 10 दिन के भीतर इस मामले पर अपना पक्ष रखने को कहा है। हालाँकि, अदालत ने धर्म संसद नाम से होने वाले आगामी कार्यक्रमों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
Supreme Court issues notice to Uttrakhand & Delhi Govts on a petition seeking an independent inquiry into the Haridwar Dharm Sansad hate speeches pic.twitter.com/9lXCSTgOuZ
— ANI (@ANI) January 12, 2022
बता दें कि पटना हाईकोर्ट की पूर्व जज जस्टिस अंजना प्रकाश और पत्रकार कुर्बान अली ने हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में हेट स्पीच और भड़काऊ बयान देने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की माँग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिक दायर की थी।
इस याचिका में मुस्लिमों के खिलाफ हेट स्पीच की SIT से स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष जाँच की माँग की गई है। दोनों ने हरिद्वार में 17 और 19 दिसंबर, 2021 के बीच अलग-अलग दो कार्यक्रमों में दिए गए हेट स्पीच से संबंधित मामले में तत्काल हस्तक्षेप की माँग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। पहला मामला हरिद्वार में यति नरसिंहानंद द्वारा आयोजित और दूसरा दिल्ली में ‘हिंदू युवा वाहिनी’ द्वारा आयोजित कार्यक्रम का है।
याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में धर्म संसद में दिए गए भाषणों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जो बातें की गई हैं, उनको कोर्ट में पढ़ा भी नहीं जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि इस मुद्दे पर राज्य और केंद्र सरकार का पक्ष जानना भी जरूरी है। ऐसे में फिलहाल वह सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर रही है। दस दिन बाद अब कोर्ट इस पर दोबारा सुनवाई करेगा। इस दौरान उत्तराखंड और दिल्ली की सरकार को अपना पक्ष रखना होगा।
कपित सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि 23 जनवरी को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में इसी तरह की एक धर्म संसद आयोजित की जाएगी। कोर्ट इस पर रोक लगाए। इस पर कोर्ट ने कहा कि वह फिलहाल रोक नहीं लगा रहे हैं। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को छूट दी कि वो 23 जनवरी को अलीगढ़ में होने वाली धर्म संसद को रोकने के लिए लोकल अथॉरिटी के पास जा सकते हैं।
क्या है मामला?
उत्तराखंड के हरिद्वार शहर में 17 से 19 दिसंबर के बीच धर्म संसद नाम का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में कथित तौर हिन्दू स्वाभिमान को लेकर बातें होने का दावा किया गया लेकिन जब इस कार्यक्रम के भाषणों के वीडियो सोशल मीडिया पर आए तो इसको लेकर हंगामा हो गया। इन वीडियो में कार्यक्रम में शामिल लोग हिंदू धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र उठाने, मुस्लिमों की आबादी कम करने और हिंसा का आह्वान करते नजर आए। सभा में कथित तौर पर यति नरसिंहानंद ने कहा था कि ‘हिंदू ब्रिगेड को बड़े और बेहतर हथियारों से लैस करना’ ‘मुस्लिमों के खतरे’ के खिलाफ ‘समाधान’ होगा। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर स्वतंत्र जाँच की माँग की गई है।