सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को JNU के छात्र और देशद्रोह के आरोपित शरजील इमाम की याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने इस संबंध में दिल्ली सरकार से जवाब माँगा है। अब आगे इस मामले में दस दिन बाद सुनवाई होगी।
बता दें, वर्तमान में गुवाहटी की जेल में बंद शरजील इमाम ने कोर्ट से अपने ख़िलाफ़ दर्ज सारे केसों को एक साथ जोड़ने की माँग की थी। इसके लिए उसके वकील दवे ने कोर्ट में अर्नब गोस्वामी के मामले का हवाला दिया। सुनवाई के दौरान जस्टिस अशोक भूषण ने कहा कि अगर पुलिस को कुछ संज्ञेय अपराध के बारे में पता चलता है तो एफआईआर दर्ज करने में गलत नहीं है।
गौरतलब है कि एक ओर जहाँ शरजील इमाम के ख़िलाफ़ मामला अभी चल ही रहा है, तो दूसरी ओर उसी की विचारधारा वाले शर्जील उस्मानी ने भी अपने इरादे खुलेआम स्पष्ट करने शुरू कर दिए हैं। उस्मानी ने ट्विट्स के जरिए जताया है कि वे मुस्लिमों को देश के पाँचवें स्तंभ के रूप में इस्तेमाल करना चाहता है और उनकी ‘व्यथा’ को विश्व के कोने कोने तक पहुँचाना चाहता है।
ध्यान दिला दें, कि जामिया हिंसा के दौरान पहले शरजील इमाम के ‘चिकन नेक’ वाले बयान ने ये स्पष्ट किया था कि वह देश के मुस्लिमों को उकसाकर देश से नॉर्थ-ईस्ट को अलग करना चाहता था और अब उस्मानी का प्लान ये है कि वह वैश्विक स्तर पर देश के ख़िलाफ़ प्रोपगेंडा फैला सके।
1 मई को जहाँ शरजील की याचिका पर कोर्ट में सुनवाई हुई, वहीं दूसरी ओर उस्मानी ने ट्वीट कर बताया कि वह अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर मुस्लिमों के ख़िलाफ़ हो रहे घृणित अपराधों को इंग्लिश सबटाइटल देगा। ताकि वे वीडियो विश्व के कोने-कोने तक जाए और लोग जान पाएँ कि भारत में क्या हो रहा है।
इस नए कारनामे के लिए उस्मानी ने लोगों से ये अपील भी की है कि वे उसे ऐसी वीडियोज में बस टैग करें और बाकी का काम यानी सबटाइटल वगैरह वे और उसके दोस्त खुद करेंगे। इसके बाद वे वीडियो को व्यापक स्तर पर फैलाएँगें।
अब बता दें न्यूज़लॉन्ड्री के लिए लिखने वाले शरजील उस्मानी को आयशा रेन्ना का समर्थन मिला है। उसने उसे अपने ट्वीट में लीडर बताया है। आयशा रेना वही कट्टरपंथी लड़की है, जिसे जामिया हिंसा में पोस्टर गर्ल बनाकर उभारा गया था और इसने व उस्मानी जैसे कइयों ने शरजील इमाम के समर्थन में पोस्ट लिखा था।
यहाँ बता दें कि इससे पहले सीएए और एनआरसी का विरोध करते-करते पूर्वोत्तर को भारत से अलग करने की बात कहने वाले शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली पुलिस द्वारा चार्जशीट दाखिल की गई थी। इस चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने शरजील को देशद्रोही भाषण देने और दंगे उकसाने के लिए आरोपित बनाया गया था। उसपर आरोप लगा था कि उसने 13 दिसंबर को जामिया में देशद्रोही भाषण दिया और दंगे भड़काए।