केंद्र सरकार ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर से संबंधित अनुच्छेद 370 को खत्म करने का फैसला वापस लेना संभव नहीं है। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में यह बात कही। शीर्ष अदालत में केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान उन्होंने यह बात कही। इसके बाद अदालत ने इससे संबंधित याचिकाओं को वृहद पीठ को सुपुर्द करने या ना करने के मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया।
न्यायाधीश एनवी रमन की अध्यक्षता वाली पॉंच सदस्यीय संविधान पीठ ने याचिकाकर्ताओं और केंद्र सरकार की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। याचिकाकर्ताओं की ओर से दिनेश द्विवेदी, राजीव धवन और संजय पारिख ने दलीलें दी। सरकार का पक्ष अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने रखा।
Supreme Court reserves the order as to whether to refer the batch of petitions, challenging the abrogation of #Article370 matter to a larger bench or not. pic.twitter.com/8WCU1DMWEE
— ANI (@ANI) January 23, 2020
वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अनुच्छेद-370 के निरस्तीकरण से जम्मू-कश्मीर का भारतीय संघ में प्रवेश हुआ और यह क़दम “अपरिवर्तनीय” है। इसका सीधा और स्पष्ट मतलब मतलब यह है कि अनुच्छेद-370 के फ़ैसले को वापस नहीं लिया जाएगा। वेणुगोपाल ने कहा, “मैं यह बताना चाहता हूँ कि जम्मू-कश्मीर की सम्प्रभुता वास्तव में अस्थायी थी। हम एक संघ हैं।” उन्होंने संविधान पीठ के समक्ष एक-एक कर ऐतिहासिक घटनाक्रम का ब्योरा दिया। साथ ही कश्मीर का भारत में विलय और जम्मू-कश्मीर संविधान सभा के गठन के बारे में विस्तार से बताया।
याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील रखते हुए राजीव धवन ने कहा,
“पहली बार भारत के संविधान के अनुच्छेद 3 का उपयोग करते हुए एक राज्य को एक केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया। यदि वे (केंद्र) एक राज्य के लिए ऐसा करते हैं, वे इसे किसी भी राज्य के लिए कर सकते हैं।”
धवन ने कहा कि केंद्र सरकार ने तत्कालीन राज्य में जानबूझकर राष्ट्रपति शासन लगाया और जम्मू-कश्मीर के नक्शे की ओर इशारा किया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, जो जम्मू और कश्मीर का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, उन्होंने धवन को रोकते हुए कहा कि ‘वह जो कह रहे हैं वह अप्रासंगिक है।’
इस पर, धवन ने जवाब दिया, “अगर अटॉर्नी जनरल अपनी ऐतिहासिक यात्रा में नेहरू को ला सकते हैं, तो मैं निश्चित रूप से न्यायाधीश को एक नक़्शा दिखा सकता हूँ। इसके लिए मुझे आपकी अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है।”
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