शंभू बॉर्डर पर महीनों से जमे किसान प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक कमिटी का गठन कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पाँच सदस्यीय कमिटी को किसानों और सरकार का पक्ष सुन कर किसी नतीजे पर पहुँचने को कहा है। कोर्ट ने कमिटी से कहा है कि वह सबसे पहले किसानों से बात करके हाइवे खुलवाए।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (2 सितम्बर, 2024) को इस मामले में सुनवाई करते हुए इस कमिटी का गठन किया। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस नवाब सिंह को इसका चेयरमैन नियुक्त किया है। इसके अलावा इसमें हरियाणा के पूर्व DGP पीएस संधू, कृषि प्रोफ़ेसर देविंदर शर्मा और कृषि अर्थशास्त्री सुखपाल सिंह को इसका सदस्य नियुक्त किया है।
इनके अलावा इस कमिटी में प्रोफ़ेसर बीआर कम्बोज को विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है। कमिटी से सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह पहले पंजाब और हरियाणा की सरकार से बातचीत करे तय करे कि मुद्दे क्या हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी हिदायत दी कि किसी भी मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।
Supreme Court constitutes a high power committee headed by former Punjab and Haryana High Court judge to look into the issues of the agitating farmers at Shambhu border near Ambala, where they have been camping since February 13. SC asks the high power committee to frame the… pic.twitter.com/XNZ6sPYIhR
— ANI (@ANI) September 2, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने कमिटी से यह भी कहा है कि वह शंभू बॉर्डर पर बैठे किसानों से भी बातचीत करे। कोर्ट ने कह़ा, “शंभू बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसानों से बातचीत कर उन्हें राष्ट्रीय राजमार्ग से अपने ट्रैक्टर और अन्य सामान तुरंत हटाने के लिए मनाएँ ताकि ताकि दोनों राज्य हाइवे खोलने में सक्षम हो सकें।”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब कमिटी इस मामले को देखेगी और बाकी लोग इन मुद्दों को खाली में ना उठाएँ। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हरियाणा और पंजाब में बड़ी आबादी ऐसी है जो खेती पर आश्रित है और काफी गरीब तबके से है, ऐसे में इनके मुद्दे इस कमिटी को देखने होंगे।
कोर्ट का यह फैसला हरियाणा की एक याचिका पर दिया गया है। इससे पहले जुलाई में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा को आदेश दिया था कि वह शंभू बॉर्डर खोल दे। हालाँकि, हरियाणा ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने तबसे ही इस मामले की सुनवाई कर रहा है।
इससे पहले की सुनवाइयों में सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब से कमिटी के लिए नाम देने को कहा था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कमिटी का गठन कर दिया। अब कमिटी सभी पक्ष से बातचीत करके किसान आंदोलन के लिए समाधान बताएगी।