Sunday, November 17, 2024
Homeदेश-समाजस्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था- बकवास है रामचरितमानस, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ने...

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था- बकवास है रामचरितमानस, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ने कहा- ये उनका मत, यह अपराध कैसे: कार्रवाई पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्या के ऊपर चल रही कार्रवाई पर रोक लगा दी है। उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश में रामचरितमानस पर विवादित बयान देने के कारण कई मामले दर्ज हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इन्हीं मामलों में उन्हें राहत दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (25 जनवरी 2024) को समाजवादी पार्टी के नेता एवं उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्या के ऊपर चल रही कार्रवाई पर रोक लगा दी है। मौर्या के खिलाफ उत्तर प्रदेश में रामचरितमानस पर विवादित बयान देने के कारण कई मामले दर्ज किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इन्हीं मामलों में उन्हें राहत दी है।

सुप्रीम कोर्ट में स्वामी प्रसाद मौर्या की तरफ से उनके खिलाफ दर्ज FIR रद्द करने की माँग की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस बीआर गवई ने कहा, “आप इतने संवेदनशील क्यों हैं?” उनके साथ ही इस मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस संदीप मेहता ने कहा, “यह तो सिर्फ रामचरितमानस की व्याख्या का मामला है। सीधे और साफ़ तौर पर। यह अपराध कैसे है?”

इसके जवाब में उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने कहा कि उनके बयान के बाद रामचरितमानस की प्रतियाँ जलाई जा रही हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्या इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं। इसी के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी। इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट में उन्होंने FIR रद्द करने की याचिका डाली थी, लेकिन हाई कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रामचरितमानस जलाए जाने का प्रथम दृष्टया जिम्मेदार मौर्या के बयानों को माना था। बता दें कि मौर्या ने जनवरी 2023 में प्रतापगढ़ में तुलसीदास रचित रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि भले ही वो सभी धर्मों का सम्मान करते हैं, लेकिन जाति के नाम पर जो भी विशेष वर्ग को अपमानित करे उस पर आपत्ति जताते हैं।

स्वामी प्रसाद मौर्या ने रामचरितमानस का नाम लेते हुए था कहा कि अब करोड़ों लोग इस किताब को नहीं पढ़ते हैं, क्योंकि इसमें सब बकवास लिखा गया है। स्वामी प्रसाद ने रामचरितमानस के कुछ हिस्से को आपत्तिजनक बताते हुए सरकार से उसे हटाने की माँग की थी। उन्होंने आगे कहा था कि अगर वो अंश ना हट पाए तो पूरी किताब को ही बैन कर देना चाहिए।

मौर्या ने यहाँ तक कहा था कि वह रामचरितमानस को धर्मग्रंथ मानते ही नहीं हैं, क्योंकि इस किताब को तुलसीदास ने अपनी खुद की ख़ुशी के लिए लिखा था। स्वामी प्रसाद ने आरोप लगाया था कि रामचरितमानस में कुछ ऐसी चौपाइयाँ हैं, जिनमें शूद्रों को अधम होने का सर्टिफिकेट दिया गया है। उन्होंने उन चौपाइयों को एक वर्ग के लिए गाली जैसे बताया था।

स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा था कि रामचरितमानस के हिसाब से ब्राह्मण कितना गलत करे वो पूजनीय है और शूद्र कितना भी सही करे वो अपमान का अधिकारी होता है। उनके इस बयान के बाद लखनऊ में उनके समर्थकों ने रामचरितमानस की प्रतियाँ जलाई थीं। यह भी सामने आया था कि प्रतियाँ जलाने में मुस्लिम भी शामिल थे।

रामचरितमानस की प्रतियाँ जलाने की घटना सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने कार्रवाई की थी। इसमें कुछ लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी। रामचरितमानस जलाने के बाद उत्तर प्रदेश में कई जगह पर स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ FIR दर्ज करवाई गई थी। इन FIR से बचने के लिए स्वामी प्रसाद मौर्य कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -