दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात का मरकज देश में कोरोना वायरस संक्रमण का एपिक सेंटर बनकर उभरा है। बावजूद इसके यहॉं से निकाले गए लोगों इस महामारी को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहे। कई लोगों को 1 अप्रैल को यहॉं से निकाल कर एलएनजेपी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। लेकिन, ये मेडिकल स्टाफ के साथ सहयोग नहीं कर रहे। रिपोर्ट्स के अनुसार जॉंच और अस्पताल में भर्ती रहने से आनकानी कर रहे हैं।
Many of them (attendees of Tablighi Jamaat event) are objecting against testing&feel they don’t need admission. So, this put security of our staff at risk. Now, police have been deployed around 3 blocks where they have been kept: Dr JC Passey*, Medical Director of LNJPN Hospital https://t.co/9Ai57TvMgS
— ANI (@ANI) April 2, 2020
एलएनजेपी हॉस्पिटल के डायरेक्टर किशोर सिंह ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को बताया कि अस्पताल में भर्ती किए गए तबलीगी जमात के ज्यादातर सदस्य जाँच में सहयोग नहीं कर रहे। जाँच का विरोध कर रहे। इसके कारण हमारे स्टाफ की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। इसे देखते हुए जिन तीन ब्लॉक में इन्हें रखा गया है वहॉं पुलिस की तैनाती करनी पड़ी है।
तबलीगी जमात के लोगों द्वारा डॉक्टरों और दूसरे मेडिकल स्टॉफ पर थूकने की रिपोर्ट्स कल बुधवार को लगातार आती रही थीं। इन सारी रिपोर्ट्स में इसी बात का जिक्र था कि Covid-19 के लक्षण दिखने के बाद क्वारन्टाइन किए गए जमात के सदस्य किस तरह की उद्दंडता उन डॉक्टर्स और मेडिकल स्टॉफ से कर रहे हैं, जो इनके जैसे संक्रमितों की देखभाल में अपने प्राणों की परवाह किए बगैर दिन-रात एक किए हुए हैं। इन लोगों ने न सिर्फ स्टाफ के साथ बदसलूकी की, बल्कि खाने आदि की गैर जरूरी माँग कर परेशान किया। मेडिकल स्टाफ और आसपास थूक कर उन्हें संक्रमित करने की भी कोशिश की। इसके अलावा ये हॉस्पिटल बिल्डिंग में सारे नियमों की अवहेलना करते हुए छुट्टा साँड़ की तरह घूमते रहे।
उल्लेखनीय है कि नियम-कायदों की परवाह किए बगैर मरकज में सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे। यहॉं हुए इज्तिमा में देश के कई राज्यों के अलावा विदेशियों ने भी शिरकत की थी। इसके बाद से लगातार इनके संक्रमित होने की खबरें आई हैं। यहॉं से निकले लोगों की देशभर में तलाश की जा रही है ताकि उनकी जॉंच की जा सके और संक्रमण पर काबू पाया जा सके। रिपोर्ट्स के अनुसार देश में कोरोना संक्रमित पाए गए लोगों में से एक तिहाई जमात से ही संबंधित हैं।