सावन के तीसरे सोमवार को ताजमहल की परिक्रमा कर जलाभिषेक करने की घोषणा करने वाले हिंदू महासभा के लोगों को आगरा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इसके बावजूद ताजमहल कॉरिडोर के पीछे कुछ लोगों ने जलाभिषेक किया। इस मामले में अब तक 18 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसको लेकर हिंदू महासभा के नेताओं का कहना है कि उन्होंने जलाभिषेक करके कोई अपराध नहीं किया है। पुलिस ने जिस तरह से उन्हें जलाभिषेक करने से रोका है, वह गलत है।
बताया जा रहा है कि सावन के तीसरे सोमवार के मौके पर हिंदू महासभा के प्रवक्ता संजय जाट ने ताजमहल कॉरिडोर के पीछे जलाभिषेक करने का ऐलान कर हड़कंप मचा दिया था, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हिए हिंदू महासभा के 18 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। इस पर हिंदू महासभा के एक कार्यकर्ता ने कहा, “तेजो महालय एक मंदिर है, हम इसकी लड़ाई हम लड़ते रहेंगे। हमने कप्तान से बात की थी, अपना कार्यक्रम भी आगे बढ़ा दिया था, लेकिन फिर भी हमारे लोगों को गिरफ्तार किया गया।”
“तेजोमहालय एक मंदिर है, इसकी लड़ाई हम लड़ते रहेंगे”
— TV9 Uttar Pradesh (@TV9UttarPradesh) August 1, 2022
हिंदू महासभा के कार्यकर्ता ने बताया-“हमने कप्तान से बात की थी,हमने अपना कार्यक्रम भी आगे बढ़ा दिया था, लेकिन फिर भी हमारे लोगों को गिरफ्तार किया गया।”#Agra #Tajmahal @agrapolice @Uppolice @UPGovt @hindumahasabha3 pic.twitter.com/iXulxCWz7i
एक अन्य मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई घंटों तक हिंदूवादियों को थाने में बैठाया गया। इनके आधार कार्ड की फोटो स्टेट जमा करवाई और चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।
बता दें कि पुलिस की नजरों से बचते हुए सोमवार को दर्जन भर से अधिक कार्यकर्ता ताजमहल पर जल चढ़ाने उस जगह पहुँचे, जहाँ बसपा प्रमुख मायावती कॉरिडर बनवाना चाहती थी। यह जगह ताजमहल और किले के बीच में है। यह ताजमहल से करीब 1 किमी दूरी पर है। ये सभी एक किमी दूर से ही ताजमहल को देखकर जलाभिषेक करने लगे और जय श्री राम..हर हर महादेव के नारे लगाने लगे।
गौरतलब है कि ताजमहल को लेकर यह विवाद कोई पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले अयोध्या की तपस्वी छावनी के संत जगद्गुरु परमहंसाचार्य (Jagadguru Paramhansacharya) को ताजमहल (Taj Mahal) में जाने से रोकने का मामला सामने आया था। जगद्गुरु 26 अप्रैल 2022 को शिष्यों के साथ ताजमहल गए थे। उन्होंने प्रवेश के लिए टिकट भी लिया था। लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने भगवा वस्त्र और ब्रह्मदंड के कारण उन्हें प्रवेश देने से इनकार कर दिया था।