उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लव जिहाद का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। ताज मोहम्मद नाम के एक मुस्लिम ने अपना नाम बबलू बताकर नीलम मिश्रा से दोस्ती की। धीरे-धीरे उसने महिला को अपने प्रेम जाल में फँसाकर उसका धर्म परिवर्तन कराया और नाजिया नाम रख दिया। इसके बाद उससे निकाह कर लिया। कुछ दिनों के बाद उसने उसे तीन बार तलाक बोलकर उसे तीन तलाक दे दिया।
घटना लखनऊ के मोहनलालगंज स्थित निगोहाँ का है। डीहा मजरा की रहने वाली नीलम मिश्रा नाम की एक हिंदू युवती राजीव गाँधी महिला विकास परियोजना में काम करती थी। ताज मोहम्मद उसकी मुलाकात साल 2010 में हुई थी। इस दौरान ताज ने अपना नाम बबलू बताया था। दोनों में दोस्ती हुई। धीरे-धीरे ताज मोहम्मद ने महिला को अपने प्रेमजाल में फँसा लिया।
कुछ दिनों के बाद ताज मोहम्मद उसे शादी का झाँसा देकर अपने साथ भगा ले गया। साथ रहने के दौरान महिला को पता चला कि वह बबलू नहीं, बल्कि ताज मोहम्मद है और वह मुस्लिम है। नीलम ने ताज मोहम्मद का विरोध किया तो उसने महिला के साथ मारपीट की। ताज मोहम्मद ने महिला पर दबाव डालकर उसका धर्म परिवर्तन करा दिया और उसका नाम नाजिया रख दिया।
पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा है कि उसे ताज मोहम्मद के साथ मजबूरी में रहना पड़ा, क्योंकि वह गर्भवती हो गई थी। इसके बाद वह किसी तरह वह अपना गुजर बसर करने लगी। नीलम मिश्रा उर्फ नाजिया का कहना था कि ताज मोहम्मद जुआ खेलता है। उसने अपनी वेतन में मिले पैसे को जोड़कर उसे साल 2016 में नौकरी के लिए सऊदी अरब भेजा था।
महिला का आरोप है कि वहाँ पहुँचने के बाद ताज घर आना बंद कर दिया। वह सऊदी से वापस आया तो एक दिन पता चला कि ताज मोहम्मद ने साल 2021 में साजिया नाम की मुस्लिम लड़की से निकाह कर लिया है। साजिया भारतीय ही है। वह गोसाईगंज के मतीन टोला मलौली की रहने वाली है। इसकी जानकारी मिलते ही पीड़िता ने इस निकाह का विरोध किया।
विरोध करने पर ताज मोहम्मद ने पीड़िता के साथ मारपीट की और उसे घर से निकाल दिया। पीड़िता वहाँ से निकलकर अपने भाई शाश्वत मिश्रा के घर चली गई। भाई ने उसे घर में पनाह दे दी। इसी बीच आऱोपित ताज मोहम्मद वहाँ भी पहुँच गया और उसके भाई से लड़ाई करने लगा। इस दौरान उसने महिला को तीन बार तलाक कहकर उसे तीन तलाक दे दिया।
इसके बाद पीड़िता ने थाने पहुँचकर ताज मोहम्मद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। एसएचओ अनुज तिवारी ने बताया कि इसमें भारतीय न्याय संहिता की धारा 85, 115(2), मुस्लिम महिला विवाह अधिकारों की सुरक्षा अधिनियम 2019 की धारा 3 और 4 के साथ-साथ उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2021 की धारा 3 और 5(1) के तहत कार्रवाई की गई है।