तमिलनाडु के तंजावुर में सेक्रेड हार्ट हायर सेकेंडरी स्कूल, तिरुकट्टुपाली में कक्षा 12 वीं में पढ़ने वाली एम लावण्या नाम की एक छात्रा ने आत्महत्या कर लिया। दरअसल लावण्या पर स्कूल के अधिकारियों ने ईसाई धर्म में परिवर्तित होने का दवाब डाला। लावण्या ने इससे इनकार कर दिया, जिसके बाद स्कूल के अधिकारियों ने उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। इस प्रताड़ना से तंग आकर छात्रा ने खुदकुशी कर लिया। बताया जा रहा है कि अधिकारियों की तरफ से उसे कहा गया कि अगर वह स्कूल में अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहती है तो उसे ईसाई धर्म अपनाना होगा।
लावण्या पिछले पाँच वर्षों से सेंट माइकल गर्ल्स हॉस्टल में रह रही थीं। यह हॉस्टल उसके स्कूल के पास ही है। सरकारी सहायता प्राप्त ईसाई मिशनरी स्कूल उस पर ईसाई धर्म अपनाने का दबाव बना रहा था। हालाँकि, लावण्या अपना धर्म नहीं छोड़ने पर अड़ी थी और उसने धर्म परिवर्तन करने से इनकार कर दिया। लावण्या के विरोध से नाराज स्कूल प्रशासन ने पोंगल समारोह के लिए उनकी छुट्टी का आवेदन रद्द कर दिया। लावण्या छुट्टियों में अपने घर जाना चाहती थी, लेकिन उसे स्कूल के शौचालयों की सफाई, खाना पकाने और बर्तन धोने जैसे काम करने के लिए मजबूर किया गया। कथित तौर पर प्रताड़ना से परेशान लावण्या ने अपनी जीवन लीला समाप्त करने के लिए स्कूल के बगीचे में इस्तेमाल किए गए कीटनाशकों का सेवन कर लिया।
9 जनवरी की रात को लावण्या को बेचैनी और लगातार उल्टी होने के बाद स्थानीय क्लिनिक ले जाया गया। हॉस्टल के वार्डन ने उसके माता-पिता को बुलाया और उसे घर ले जाने के लिए कहा। इसके बाद लावण्या को तंजौर के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसका इलाज आईसीयू में चल रहा था और उसके लगभग 85 फीसदी फेफड़े में जहर पहुँच चुका था। बताया जा रहा है कि लावण्या ने 19 जनवरी,2022 को अस्पताल में अंतिम साँस ली।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें लावण्या बेहोशी की हालत में अपने साथ हुए टॉर्चर के बारे में बताती है। मूल रूप से यह वीडियो तमिल में है, जिसका अनुवाद द कम्यून ने किया है। इसके मुताबिक वीडियो में कहा गया है, “मेरा नाम लावण्या है। उन्होंने (स्कूल) मेरे माता-पिता से मेरी उपस्थिति में पूछा था कि क्या वे मुझे ईसाई धर्म में परिवर्तित कर सकते हैं और आगे की पढ़ाई के लिए मदद कर सकते हैं। चूँकि मैंने नहीं माना, वे मुझे डाँटते रहे।” लावण्या ने इस दौरान राचेल मैरी का भी नाम लिया जिसने कथित तौर पर उसे प्रताड़ित किया था।
EXTREMELY SHOCKING: “They (school) asked my parents in my presence, if they can convert me to Christianity, they would help her for further studies. Since I didn’t accept, they kept torturing me. – Statement of a girl who committed suicide (1/n) pic.twitter.com/HPxkU8MpFL
— Legal Rights Protection Forum (@lawinforce) January 20, 2022
लावण्या के परिजन 17 जनवरी को तिरुकट्टुपल्ली पुलिस थाने के सामने जमा हो गए और स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की माँग को लेकर प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि हॉस्टल वार्डन सगयामरी ने उसे धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया था इसलिए लावण्या ने कीटनाशकों का सेवन किया था।
घटना का संज्ञान लेते हुए, विश्व हिंदू परिषद, हिंदू मुन्नानी और राजनीतिक संगठन इंदु मक्कल काची जैसे हिंदू संगठनों ने लावण्या को न्याय दिलाने और हिंदुओं के धर्मांतरण के खिलाफ आवाज उठाई है। विहिप के प्रदेश प्रवक्ता अरुमुगा कानी ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद तब तक चैन से नहीं बैठेगी जब तक लावण्या को न्याय नहीं मिल जाता। पहले कदम के तौर पर विहिप 19 जनवरी को तंजावुर जिला सचिव मुथुवेल के नेतृत्व में भूख हड़ताल किया। उन्होंने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों। तब तक हम विरोध करेंगे।”
इंदु मक्कल काची के संस्थापक अर्जुन संपत ने ट्विटर पर लावण्या के निधन की सूचना दी की और स्कूल प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाए।
The kid died today…. pic.twitter.com/4lNu1Weonn
— Indu Makkal Katchi (Offl) 🇮🇳 (@Indumakalktchi) January 19, 2022
गौरतलब है कि इसी तरह की घटना 2019 में त्रिपुरा में हुई थी जब ईसाई धर्म में जबरन धर्मांतरण का विरोध करने के लिए एक हॉस्टल वार्डन द्वारा बेरहमी से प्रताड़ित किए जाने के बाद एक 15 वर्षीय छात्र की मौत हो गई थी। इसके अलावा, तमिलनाडु में, मुस्लिम संगठनों द्वारा हिंदुओं के जबरन धर्मांतरण को रोकने के प्रयास में एक कार्यकर्ता की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी।