दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु में एक बार फिर से एक मंदिर को निशाना बनाया गया है। इस बार राज्य के पुदुक्कोट्टई जिले में स्थित एक शिव मंदिर को हमलावरों ने नष्ट कर दिया गया। ये मंदिर चोल साम्राज्य के काल का था। वहाँ पर विराजित देवों की मूर्तियों को तोड़ दिया गया। मंदिर के अंदर भगवान शिव, माँ पार्वती और गणेश की मूर्ति थी। शिवलिंग को काट दिया गया है। यह घटना पिछले सप्ताह घटी।
थमराई टीवी ने इस मामले में बताया है कि अज्ञात हमलावरों के एक समूह ने पिछले सप्ताह पुदुक्कोट्टई जिले के कीझनांचूर गाँव में स्थित स्थानीय मंदिर में घुसकर वहाँ स्थापित शिवलिंगम और भगवान शिव की एक मूर्ति को मंदिर में तोड़-फोड़ कर उसे क्षतिग्रस्त कर दिया है।
हिंदूपोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, पुदुक्कोट्टई जिले के एक गाँव कीझनांचूर में कैलासनाथर मंदिर के बारे में माना जाता है कि इसे चोल शासक कुलोथुंगा चोल III ने बनवाया था। मंदिर में गणेश, पार्वती, मुरुगन, कृष्ण और नंदी जैसे अन्य देवता हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस घटना का खुलासा उस वक्त हुआ, जब 2 दिन पहले ग्रामीण मंदिर परिसर के अंदर गए। उन्होंने वहाँ इस चौंकाने वाले नजारे को देखा। मंदिर के फर्श पर भगवान शिव और शिवलिंगम की क्षतिग्रस्त मूर्तियों को देखकर ग्रामीण दंग रह गए। हमलावरों ने शिवलिंग को दो टुकड़ों में काट दिया था और शिव की मूर्ति का सिर काट दिया था।
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— Saigeetha (@Saigeet36566874) June 21, 2021
कथित तौर पर चोल-युग के मंदिर में पुजारी के कर्तव्यों को निभाने के अधिकार को लेकर विवाद चला रहा है। इसी लड़ाई के कारण मंदिर उपेक्षित बना हुआ है। उचित रखरखाव के बिना यह जीर्ण-शीर्ण स्थिति में है। ग्रामीणों ने कहा कि मंदिर के दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं और असामाजिक तत्वों ने स्थिति का फायदा उठाते हुए देवताओं के सिर काटने का जघन्य कृत्य किया है।
घटना के बाद, ग्रामीणों ने पुलिस से अपराधियों को जल्द से जल्द खोजने का अनुरोध किया और आरोप लगाया कि यह राज्य में हिंदू मंदिरों पर एक प्रेरित हमला है। भक्तों ने कहा कि द्रमुक के सत्ता में आने से राज्य में हिंदू विरोधी तत्वों को बल मिला है।
राज्य के मंदिरों में पहले भी हुई थी तोड़फोड़
इससे पहले पिछले साल दिसंबर में हमलावरों ने तमिलनाडु के थंजावुर जिले के थिरुविदाइमरुथुर क्षेत्र में स्थित 350 साल से अधिक पुराने ‘आनंदवल्ली समेथा भास्करेस्वरार’ मंदिर में की गई थी। चोरों ने वहाँ स्थापित देवी की मूर्ति से सोने का मंगलसूत्र (थाली) चुरा लिया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, पुजारी शिवानंदियार सेनाथीपति रात में पूजा करने के बाद मंदिर में ताला लगा कर घर चले गए थे। अगले दिन मंदिर के गार्ड ने मंदिर का मुख्य द्वार खोला तो उन्होंने देखा कि मंदिर के चारों ताले टूटे हुए थे।