तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में कार्तिक गोपीनाथ नाम के एक YouTuber को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि उसने मंदिरों की मरम्मत को लेकर लोगों रुपए इकट्ठे किए, लेकिन उसका इस्तेमाल अपने व्यक्तिगत कामों के लिए किया। पुलिस का कहना है कि बिना प्रशासन की अनुमति के उसने ऐसा किया। बताया जा रहा है कि उक्त YouTuber दक्षिणपंथी तमिल दर्शकों में लोकप्रिय था। 32 वर्षीय कार्तिक गोपीनाथ ने ऑनलाइन फंड इकट्ठा करने के अलावा 6 लाख रुपए अपने बैंक खाते में भी मँगाए।
पुलिस के अनुसार, कार्तिक गोपीनाथ ने दावा किया कि वो असामाजिक तत्वों द्वारा नुकसान पहुँचाए गए मंदिरों की मरम्मत के लिए फंड्स जमा कर रहे हैं। साथ ही उन पर राज्य के ‘हिन्दू रिलीजियस एंड एंडोमेंट्स विभाग (HRCE)’ की अनुमति के बिना इस काम के नाम पर कई लाख रुपए जमा करने के आरोप हैं। राज्य में मंदिरों का नियंत्रण इसी संस्था के हाथ में है। उत्तर चेन्नई स्थित अवाडी के पुलिस कमिश्नर ने कहा कि पेरम्बलूर के नजदीक स्थित सिरुवाचूर के एक मंदिर के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर ने इस बाबत शिकायत की थी।
इसमें बताया गया था कि YouTuber कार्तिक गोपीनाथ ने ‘इलाया भरतम’ के नाम पर एक यूट्यूब चैनल खोला और लोगों को ‘मिलाप’ फंडरेजिंग साइट के जरिए रुपए भेजने को कहा। उन्होंने अरुल्मिगु मधुरा कालीअम्मन परिसर में स्थित मंदिरों की मरम्मत कराने की बात कही। उन पर इस रकम का इस्तेमाल ‘खुद के लिए करने’ के आरोप लगे हैं। तमिलनाडु में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई ने इस गिरफ़्तारी की निंदा करते हुए कहा कि पुलिस निर्दोषों को छोड़ दे और सीधा उन्हें गिरफ्तार करे।
उन्हें YouTuber के करीब भी बताया जा रहा है। ‘मिलाप’ के जरिए कार्तिक गोपीनाथ ने अब तक 33 लाख रुपए से भी अधिक जमा कर लिए थे। उन्होंने अपनी अपील में बताया था कि उक्त मंदिर में बदमाशों ने प्रतिमाओं को खंडित किया है। ‘मिलाप’ के जरिए सामाजिक कार्यों और मेडिकल इमरजेंसी के लिए रुपए जमा किए जाते हैं। पुलिस का कहना है कि मंदिर में तोड़फोड़ की घटना सही है, लेकिन कार्तिक गोपीनाथ और उनके समर्थक इसे सांप्रदायिक रंग देने में लगे हुए हैं।
पुलिस का कहना है कि तोड़फोड़ का काम मंदिर के ही पुजारी के भाई ने किया था, जो एक तेलुगु ब्राह्मण है और मानसिक रूप से विक्षिप्त है। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। कार्तिक गोपीनाथ ने HRCE विभाग के अधिकारी को ये रुपए देने के लिए लिखा भी था, लेकिन विभाग ने मना करते हुए कहा कि मंदिरों के देखभाल का काम उसका है, ऐसे में YouTuber को अपने बैंक खाते में इसके लिए रुपए नहीं जमा करने चाहिए थे।
Nationalist Youtuber @karthikgnath has been remanded by Ambattur fast track court and we have moved for bail petition, it is listed for hearing tomorrow in Ponnamallee sessions court.
— Amar Prasad Reddy (@amarprasadreddy) May 30, 2022
BJP stands with Nationalist Karthik Gopinath, we will fight for Justice🚩🚩🚩 @annamalai_k pic.twitter.com/uoBoWa1FQ6
अक्टूबर 2021 में कार्तिक गोपीनाथ ने बताया था कि उन्होंने अपने फॉलोवर्स से एक सप्ताह में 10 लाख रुपए माँगे थे, लेकिन उन्हें मात्र 8 घंटे में ही लोगों ने 15 लाख रुपए दे दिए। हालाँकि, अधिकतर रुपए अभी भी ‘मिलाप’ पर ही हैं और कार्तिक गोपीनाथ को जारी नहीं किए गए हैं। उन्होंने बताया था कि रुपए के इस्तेमाल को लेकर वो चैनल के जरिए लोगों को अपडेट करते रहेंगे। उन्होंने बताया था कि HRCE विभाग की देरी के कारण दिक्कतें आ रही हैं।
YouTuber ने स्थानीय लोगों से विचार-विमर्श कर के एक मूर्तिकार को रुपए भी दिए थे। लेकिन, उन्हें विभाग से ज़रूरी अनुमति नहीं मिल रही थी। सिरुवाचूर के कई लोगों ने हस्ताक्षर कर के उन्हें मंदिर की मरम्मत के लिए अनुमति दी थी। तमिलनाडु के नियमों के हिसाब से सरकारी विभाग की अनुमति के बिना मंदिरों के लिए धन इकट्ठा नहीं किए जा सकता। ‘मिलाप’ का कहना है कि फंड्स में से मात्र 1 लाख रुपए ही निकाले गए हैं। मूर्तिकार वीके मुनुसामी ने मूर्तियाँ बनाने के लिए 18 लाख रुपए मिलने की पुष्टि की है।