तमिलनाडु के सलेम जिले के संकागिरी तालुक के कुंदंगल कादु में पुलिस सब इंस्पेक्टर एंथनी माइकल के हाथों यातना और अपमान सहन करने के बाद 42 वर्षीय साधु सरवनन ने आत्महत्या कर ली थी। साधु ने अपने दोस्तों को भेजे वीडियो में सब इंस्पेक्टर एंथनी माइकल को अपने ‘डिप्रेशन’ के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
आज, तमिलनाडु में एक दक्षिणपंथी हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी, हिंदू मक्कल काची (एचएमके) ने सलेम में एक प्रदर्शन किया और इस घटना की सीबीआई जाँच की माँग की। स्वराज्य की एक रिपोर्ट के अनुसार, कार्यक्रम के स्थानीय आयोजक, सीएम मणिकंदन ने आरोप लगाया है कि सब इंस्पेक्टर एंथनी माइकल ने हिंदू साधु की पिटाई की थी, उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि एंथनी माइकल ने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि उनकी गतिविधियाँ स्थानीय चर्च द्वारा किए गए रूपांतरण प्रयासों में बाधा बन रही थीं।
HMK नेता ने दावा किया कि इलाके में एक चर्च है। इस चर्च में अधिक संख्या में लोग नहीं जा रहे थे। इसके लिए साधु को जिम्मेदार ठहराया गया था। इसलिए, माइकल ने उन्हें पीटा, ताकि वह इसमें बाधा न बन सके।
हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी के सदस्य का कहना था कि जब से साधु सरवनन ने भूतों से पीड़ित लोगों की शिकायत सुनकर अपने दिव्य उपचार से उसे ठीक करने लगे, ईसाई धर्म प्रचारक लोगों को चर्च के लिए लुभा सकने में नाकामयाब होने लगे। आम तौर पर ईसाई प्रचार इन्हीं परिस्थितियों का हवाला देकर उन्हें चर्च के प्रति आकर्षित करते हैं। इसी वजह से, उन्हें चर्च की गतिविधियों में बाधा के रूप में देखा जा रहा था।
गौरतलब है कि सरवनन का शव शुक्रवार (अगस्त 21, 2020) को विघटित अवस्था में उनके आवास के पास एक वन क्षेत्र में चट्टानों के बीच पाया गया था। पुलिस को शव के पास एक मोबाइल मिला। जिसकी जाँच करने पर वीडियो मिला। इसमें उन्होंने सब इंस्पेक्टर को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
साधु ने आरोप लगाया था, “सब-इंस्पेक्टर एंथनी माइकल ने मुझे यह सोचकर पीटा कि उसे जो पावर मिली, उससे वह कुछ भी कर सकता है।” सरवनन के बच्चों ने पुलिस द्वारा उनके पिता की पिटाई देखी थी, जबकि उनकी पत्नी ने कहा है कि उन्होंने सब-इंस्पेक्टर के खिलाफ शिकायत नहीं की, क्योंकि पुलिस ने उन्हें धमकी दी थी।
इसको लेकर सीबीआई जाँच की माँग करने वाला अभियान शुरू किया गया है। इस मुद्दे पर संज्ञान लेने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ईमेल भेजे जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर इस घटना की ओर प्रधानमंत्री कार्यालय का ध्यान भी आकर्षित किया गया है। ट्विटर पर #JusticeForSaravanan और #ArrestAntonyMichael जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं, जिसमें नेटिज़न्स हिंदू संत के लिए न्याय की माँग कर रहे हैं। नाराज सोशल मीडिया यूजर्स ने यह भी बताया है कि तमिलनाडु में मीडिया ने कैसे मौत पर चुप्पी बना रखी है, क्योंकि इस मामले में मृतक हिंदू है।