Monday, December 23, 2024
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‘शरजील इमाम के बचाव में तवलीन सिंह और AltNews की मीटिंग – NDTV सूत्र’: व्यंग्यात्मक ट्वीट पर केस दर्ज

ट्विटर यूजर 'पोकर शाश' ने लिखा था, "इस बैठक में फैसला हुआ कि शरजील इमाम ये नहीं कह रहा था कि असम को इंडिया से काट देंगे, वो कह रहा था कि आज शाम को नदिया के पार चलेंगे।" इसके बाद लाफिंग इमोजी का भी इस्तेमाल किया गया लेकिन 'अभिव्यक्ति की आजादी' गैंग के ये लोग...

मोदी विरोधी प्रोपेगेंडा के लिए कुख्यात लेखक तवलीन सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट में ट्विटर यूजर ‘पोकर शाश’ के खिलाफ केस दर्ज करा रखा है। ट्विटर पर ‘बेफिटिंग फैक्ट्स’ नामक यूजर ने इसका खुलासा किया। उसने बताया कि उसे पता चला है कि पटियाला हाउस कोर्ट में तवलीन सिंह ने ‘पोकर शाश’ के खिलाफ सिविल सूट दायर कर रखा है, जिसकी तीन सुनवाई हो भी चुकी है।

यह भी पता चला है कि तीनों सुनवाई में ‘पोकर शाश’ उपस्थित नहीं हो सके क्योंकि उन्हें इस सम्बन्ध में कोई सूचना ही नहीं दी गई थी। सबसे बड़ी बात तो यह कि तवलीन सिंह ने ये मुकदमा ‘पोकर शाश’ के एक ऐसे ट्वीट को लेकर दायर किया है, जो व्यंग्यात्मक है। सटायर को लेकर आहत हुईं तवलीन सिंह ने मुकदमा दर्ज करा दिया लेकिन आरोपित को इस सम्बन्ध में कोई सूचना नहीं मिली, जिससे वो सुनवाई में भाग नहीं ले सका।

ट्विटर पर जो स्क्रीनशॉट शेयर किया गया है, उसके हिसाब से ये मुकदमा जनवरी 29, 2020 को दायर कराया गया था और इसके अगले ही दिन इसे रजिस्टर कर लिया गया था। इस मुक़दमे की पहली सुनवाई 16 मार्च को हुई थी, उसके बाद 1 जून और 22 जुलाई को क्रमशः दूसरी और तीसरी सुनवाई हुई। आगामी 30 सितम्बर को फिर से इस मामले की सुनवाई होनी है, जो इसकी चौथी तारीख होगी।

अब आपको बताते हैं कि वो ट्वीट क्या था, जिसे लेकर तवलीन सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया। दरअसल, ‘पोकर शाश’ ने लिखा था कि उन्हें एनडीटीवी के सूत्रों से मालूम हुआ है कि तवलीन सिंह, जफ़र सरेशवाला और ऑल्टन्यूज़ के बीच एक बैठक हुई है, जिसमें शरजील इमाम का बचाव किए जाने पर रणनीति बनी। इसके बाद उन्होंने लिखा था, “इस बैठक में फैसला हुआ कि शरजील इमाम ये नहीं कह रहा था कि असम को इंडिया से काट देंगे, वो कह रहा था कि आज शाम को नदिया के पार चलेंगे।”

इसके बाद ‘पोकर शाश’ ने लाफिंग इमोजी का भी इस्तेमाल किया, जो बताता है कि ये एक सटायर वाला ट्वीट था और उन्होंने इसे हँसी-मजाक में लिखा था। ज्ञात हो कि शाहीन बाग़ में उपद्रव की साजिश रचने वाले शरजील इमाम ने न सिर्फ महात्मा गाँधी को फासिस्ट कहा था, बल्कि चिकेन्स नेक को काट कर उत्तर-पूर्वी भारत को शेष भारत से खंडित कर अलग करने की धमकी दी थी। उसने लोगों को भड़काया था।

पिछले महीने तवलीन सिंह ने वीरगति को प्राप्त एक जवान की माँ के लिए अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल किया था। बता दें कि ये उसी आतिश तासीर की माँ हैं, जिसका पिछले साल नवंबर में ओवरसीज सिटीजनशिप ऑफ इंडिया (OCI) स्टेटस रद्द कर दिया गया था। उन्होंने बलिदानी सैनिक की माँ मेघना गिरीश की देशभक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा था कि वह उनसे ज्यादा देशभक्त हैं, क्योंकि वो एक सैनिक की बेटी हैं और आर्मी स्टेशन में पली-बढ़ी हैं।

बता दें कि तवलीन सिंह उसी गैंग का हिस्सा हैं, जो आज सुप्रीम कोर्ट की इसीलिए आलोचना कर रहा है क्योंकि प्रशांत भूषण पर अवमानना की कार्रवाई की जा रही है। एक ट्वीट से आहत होकर सीधा मुकदमा दर्ज कराने वाले ये लोग पूछते हैं कि अगर प्रशांत भूषण ने ट्वीट कर के CJI का अपमान कर ही दिया तो क्या हो गया? वो पूछते हैं कि क्या एक ट्वीट से सुप्रीम कोर्ट को ख़तरा पैदा हो गया? जबकि खुद आहत होकर कोर्ट भागते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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