उत्तराखंड की टिहरी झील अब अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित की जाएगी। राज्य सरकार ने इसके लिए योजना तैयार की थी, जिसे केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने भी स्वीकृति दे दी है। अब आगे राज्य सरकार विकास बैंक तथा ब्रिक्स डेवलपमेंट बैंक से 1800 करोड़ की सहायता (2030 लाख डॉलर से ज्यादा) लेकर इस योजना के तहत टिहरी झील का विकास करेगी।
जानकारी के अनुसार, इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य टिहरी को उत्तराखंड के ब्रांड पर्यटन स्थल के तौर पर स्थापित करना है। ये प्रोजेक्ट सीधे तौर पर करीब 40 हजार और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 2 लाख परिवार को फायदा पहुँचाएगी।
खास बात ये होगी कि इस योजना पर काम करने के साथ पर्यावरण का ख्याल भी रखा जाएगा। बताया जा रहा है कि पर्यावरण को बिना हानि पहुँचाए ग्रामीण क्षेत्र को आर्गेनिक होमस्टे के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही स्वास्थ्य व स्वच्छता के स्तर को बेहतर बनाने के लिए सरकार के पास प्रस्ताव है।
Centre gives nod to Tehri Lake City development project; ADB to give Rs 1,800 crore assistance#Uttarakhand#tourism https://t.co/CkGPPexw4H
— Kalyan Das (@KalyanDasTOI) June 18, 2022
इस योजना के अंतर्गत नई टिहरी में कोटी कालोनी, तिवाड़ गाँव, डोबरा चांटी, टिहरी झील, मदन नेगी को क्लस्टरों के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके अलावा टिहरी झील में चार जगहों पर वाटर स्पोर्ट्स संबंधी केंद्र भी बनाए जाएँगे। टेंट कॉलोनी, कोटी कॉलोनी से डोबरा-चांटी तक पर्यटन रोड का निर्माण किया जाना भी इस परियोजना में शामिल है।
इसके अलावा होम स्टे क्लस्टरों का निर्माण, डोबरा चांटी पार्क, मल्टी लेवल कार पार्किंग, एकीकृत सूचना केंद्र, मनोरंजन कॉम्पलेक्स, एक्वेटिक कॉम्प्लेक्स जैसे सुविधाओं के निर्माण और विस्तार की भी योजना है। सैलानियों के लिए थ्री स्टार बुटीक होटल, स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर, जैव विविधता पार्क, योग एवं पंचकर्म केंद्र, रोपवे निर्माण, तटीय क्षेत्र में पौधरोपण, लाइट एवं साउंड लेजर शो समेत अन्य कार्य किए जाएँगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि राज्य सरकार ने वित्त मंत्रालय के समक्ष इस परियोजना का संशोधित प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। इसमें विकास के अन्य बिंदुओं के साथ एक रिंग रोड बनाने का प्रस्ताव भी शामिल है। इस प्रस्ताव को नीति आयोग, ग्रामीण विकास मंत्रालय, सड़क परिवहन मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय के समर्थन के बाद वित्त मंत्रालय से भी स्वीकृति मिल गई है।
एडीबी की टीम अब जल्द ही उत्तराखंड का दौरा करेगी। टिहरी शहर के ऐतिहासित महत्व को पुनर्स्थापित करने और पर्यटन ढाँचे को मजबूत करने के साथ रोजगार के नए पद सृजित होंगे। परियोजना से पर्यटकों के टिहरी प्रवास की औसत अवधि को बढ़ाकर तीन दिन तक करने के लिए ये प्रयास किए जा रहे हैं। इस पूरी परियोजना में हरित तकनीक को प्रयोग में लाया जाएगा।