सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (8 फरवरी, 2022) को मानिकोंडा जागीर की जमीन से जुड़ी एक दशकों पुरानी याचिका पर सुनवाई करते हुए अहम फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना की राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये सारी जमीनें राज्य सरकार के स्वामित्व में आती हैं। आंध्र प्रदेश वक्फ बोर्ड ने दावा किया था कि मनिकोंडा गाँव की 1654.32 एकड़ की जमीन दरगाह हजरत हुसैन शाह वली की है। उच्चतम न्यायालय ने इसे नकार दिया।
जस्टिस हेमनाथ गुप्ता और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन की खंडपीठ ने इस मामले में अंतिम फैसला सुनाया। इससे कई सार्वजनिक और प्राइवेट संस्थानों के साथ-साथ जमीन का मालिकाना हक़ रखने वाले कई आम नागरिकों को भी राहत मिली है। जिस जमीन को लेकर सारा विवाद था, वो मनिकोंडा जागीर नामक गाँव में स्थित है। ये इलाका तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले के गांडीपेट मंडल में पड़ता है। आज के हिसाब से इस जमीन की कीमत 50,000 करोड़ रुपए के आसपास है।
दरगाह हजरत सैयद हुसैन शाह वली और राज्य सरकार के बीच के विवाद को सुलझाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये सारी जमीन तेलंगाना सरकार की है। सरकार ने ई-ऑक्शन के माध्यम से कई लोगों को इस जमीन के कुछ हिस्से बेचे थे। कई कंपनियों ने भी कुछ हिस्से खरीदे थे, तो वहीं कुछ संस्थानों को भी दिए गए थे। इनमें ‘लैंको हिल्स’, ‘जन चैतन्य हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड’, ‘TNGOS हाउसिंग सोसाइटी’, ‘हैदराबाद पब्लिक सर्विसेज कोऑपरेटिव सोसाइटी’, Phoenix, विप्रो, ISB स्कूल और उर्दू विश्वविद्यालय शामिल हैं।
ये मामला तब प्रकाश में आया था, जब राज्य सरकार ने ‘लैंको हिल्स’ को इंटीग्रेटेड टाउनशिप बसाने के लिए इसमें से कुछ जमीन बेची थी। इसके अलावा ‘Emaar’ नाम का एक विवादित प्रोजेक्ट भी इसी जमीन पर सामने आया था। अदालत ने कहा कि ‘तेलंगाना स्टेट इंडस्ट्रियल इंफ्रास्टक्टर कॉस्पोरेशन’ जमीन का इस्तेमाल कर सकता है। वक्फ बोर्ड ने एक अधिसूचना जारी कर के इस जमीन के स्वामित्व का दावा किया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने ‘अवैध’ बता दिया।
SC has set aside orders of the erstwhile APHC dismissing writ petition filed by the Telangana government with regard to Manikonda village jagir comprising prime land of 1,654 acres of land, clarifying that the land belongs to the State government and is free from any encumbrance.
— Adv. Rohit Aggarwal (@AdvRohitAggarw1) February 8, 2022
ये गैजेट अधिसूचना 1989 में आंध्र प्रदेश के वक्फ बोर्ड ने जारी की थी। इसमें 5506 स्क्वायर यार्ड्स की जमीन को इसने अपना बताया था। 2016 में इसमें एक और परिशिष्ट जोड़ा गया था, जिसमें बताया गया था कि मनिकोंडा जागीर, राजेंद्रनगर मंडल की 1654.32 एकड़ जमीन भी उसी की है। दरगाह में मानने वाले एक व्यक्ति ने भी सरकार द्वारा संस्थानों को जमीन दिए जाने को अवैध बताते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था। राज्य सरकार ने अपील दायर की, जिसके बाद अदालत ने इस जमीन पर स्टे लगा दिया था।