राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को लिखे गए एक पत्र में याचिकाकर्ता ने केंद्रीय एजेंसी द्वारा बाबूलाल वैष्णव नाम के 50 वर्षीय मंदिर के पुजारी की हत्या में पारदर्शी, स्वतंत्र और निष्पक्ष जाँच की माँग की है। बता दें कि राजस्थान के करौली जिले के सपोटरा इलाके में जमीन विवाद 50 वर्षीय पुजारी बाबूलाल वैष्णव में को 6 लोगों ने पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया था। आरोपित मंदिर की भूमि पर कब्जा करना चाहते थे।
Letter petition addressed to the Chief Justice of the Rajasthan HC urges for a free, fair & transparent probe into the burning of the priests incident by a Central Investigation Agency. It also seeks protection for victims from constant threat.#RajasthanHighCourt#PriestBurnt pic.twitter.com/tX6nQp8pk1
— Bar & Bench (@barandbench) October 11, 2020
याचिकाकर्ता ने माँग की है कि जाँच राजस्थान पुलिस से लेकर केंद्रीय जाँच एजेंसी को सौंप दिया जाए। मामले की तत्काल सुनवाई की माँग करते हुए, पत्र में लिखा गया है, “यह विनम्रतापूर्वक प्रार्थना की जाती है कि (न्यायालय) इस पत्र पर उचित कार्यवाही शुरू करे, जिसमें निहित शक्तियों को शामिल किया जाए और उपयुक्त पीठ के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए सूची बनाई जाए।”
इसके साथ ही याचिकाकर्ता ने पीड़ित परिवार की सुरक्षा की माँग की है, जो लगातार खतरे में रह रहे हैं। पत्र में कहा गया, “यह विनम्रतापूर्वक प्रार्थना की जाती है कि (न्यायालय) पीड़ितों को तत्काल सुरक्षा प्रदान करें, क्योंकि उनका जीवन खतरे में है।” पत्र में आरोपितों और अन्य लोगों के खिलाफ निरोधक आदेश भी माँगा गया था, जो पीड़ित के परिवार को नुकसान या हानि पहुँचा सकते हैं।
गौरतलब है कि राजस्थान में करौली जिले के बूकना गाँव में जमीन को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद में 50 वर्षीय पुजारी बाबूलाल वैष्णव को पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया गया। बताया जाता है कि बुधवार शाम को कैलाश, शंकर, नमो, किशन, रामलखन जमीन पर कब्जा कर छप्पर तानने लग गए। बुजुर्ग पुजारी ने उन्हे रोकने का प्रयास किया तो आरोपितों ने बाजरे की कड़बी और पेट्रोल की बोतल डालकर आग लगा दी। इससे पुजारी बुरी तरह झुलस गए।
बाबूलाल वैष्णव को गंभीर हालत में जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था और शुक्रवार सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया। इस बीच, राज्य के साधुओं ने मंदिर के पुजारी की हत्या के विरोध में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। बाबूलाल गाँव के राधागोविंद मंदिर के प्रधान पुजारी थे।