उत्तर प्रदेश के बागपत में एक बार फिर से गोहत्या के आरोप का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में शाहरुख़, इनाम, और कल्लू नाम के 3 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इन तीनों को सोमवार (जून 3, 2019) को बागपत जिले के सिटी कोतवाली थाना अंतर्गत पुराण कस्बा इलाके से गिरफ्तार किया गया। इलाके में गोहत्या के शक और पशुओं के अवशेष मिलने की खबर से तनाव का माहौल पैदा हो गया है।
Circle Officer Ompal Singh said most of the skins that were recovered were of buffaloes and said the laboratory report would confirm if any of them were of a cow.https://t.co/AbTR87FSin
— The Indian Express (@IndianExpress) June 3, 2019
जानकारी के मुताबिक, पुलिस को पुराना कस्बा इलाके के 3 घरों में पशुओंं के अवशेष रखने की खबर मिली थी, जिसके बाद पुलिस वहाँ पहुँची। यहाँ इन तीनों घरों में ताला लगा हुआ था। जब पुलिस इन घरों के ताले तोड़कर अंदर गई तो वहाँ से 40 पशुओं की खाल, हड्डियाँ और अवशेष बरामद हुए। ये तीनों घर इनाम, शाहरुख और कल्लू के थे। तीनों के घरों से पशुओं के अवशेष मिलने की वजह से इनको हिरासत में लिया गया है। तीनों आरोपितों का कहना है कि वो लोग पशुओं के ये अवशेष मेरठ के बूचड़खानों से लेकर आए हैं और ज्यादा कीमत पर बेचने के लिए स्टोर करके रखा था।
फिलहाल, पुलिस ने इन आरोपितों के ऊपर गोहत्या और पशुओं के साथ क्रूरता से संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया है। सर्किल ऑफिसर ओमपाल सिंह ने बताया कि इन आरोपितों ने पशुओं की खाल को सुरक्षित रखने के लिए केमिकल का प्रयोग किया था। इसके साथ ही उनका कहना है कि बरामद अवशेषों में से अधिकतर खाल भैंसों की है। बागपत के चीफ वेटनरी ऑफिसर डॉक्टर रवींद्र कुमार का कहना है कि बरामद की गई खालों में 7 नई खालें हैं। फिलहाल खालों और हड्डियों के सैंपल लैब में भेज दिए गए हैं। इसके अलावा एक बछड़े का सिर भी बरामद हुआ है। सर्किल ऑफिसर के अनुसार, लैब रिपोर्ट से ही इस बात की पुष्टि हो पाएगी कि इनमें गाय के अवशेष हैं या नहीं।
इस बारे में जब ओमपाल सिंह ने वहाँ के स्थानीय लोगों से बात की, तो उन्होंने बताया कि पिछली सरकार में यहाँ पर पशुओं की कटाई का काम अवैध रुप से जारी था, लेकिन भाजपा सरकार के आने के बाद गैरकानूनी बूचड़खानों पर रोक लगा दी गई, जिसके बाद से ये काम रुक गया। वहीं, भारतीय जनता युवा मोर्चा और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं का आरोप था कि पशुओं की अवैध रूप से कटाई पुलिस की मिलीभगत से हो रही है। हालाँकि, बागपत के एसपी शैलेश कुमार पांडेय ने आश्वासन देते हुए कहा कि वो इस बात की जाँच करेंगे कि पुलिसवालों को इन गतिविधियों के बारे में जानकारी थी या नहीं।