जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव 2024 की तारीख़ें नज़दीक आ रहीं हैं वैसे ही चुनावी सरगर्मी भी अपने चरम पर जा रहीं हैं। जहाँ कुछ दल देश और विकास को अपना मुद्दा बना चल रहे हैं तो कुछ लोगों की राजनीति महज अपनी जाति के ही इर्द-गिर्द घूम रही है। जातिगत जनगणना जैसी माँगों के बीच जातिवादी राजनीति में ठाकुर पूरन सिंह का नाम हाल ही में उभर कर सामने आया है। पूरन सिंह पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में राजपूतों (क्षत्रियों) के सम्मेलन करवा रहे हैं। इन सभी सम्मेलनों में जो एक चीज कॉमन है वो है भारतीय जनता पार्टी का विरोध।
ऑपइंडिया ने जब पूरन सिंह के पुराने जीवन के बारे में पड़ताल की तो पता चला कि उन पर खुद ही एक राजपूत (क्षत्रिय) को गोली मारने का केस दर्ज है। 6 साल पहले एक क्षत्रिय पर हुए इस हमले में पूरन सिंह का साथ एक मुस्लिम व्यक्ति ने दिया था। ठाकुर पूरन सिंह के नेतृत्व में सहारनपुर, मेरठ और मुजफ्फरनगर आदि जिलों में ‘स्वाभिमान महापंचायत’ नाम से कई सम्मेलन आयोजित किए गए। इन सम्मेलनों में उन्होंने उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्यों से भी क्षत्रिय समाज के लोगों के शिरकत करने का दावा किया।
सबसे हालिया पंचायत मंगलवार (16 अप्रैल, 2024) को मेरठ के खेड़ा गाँव में हुई। इन सभी पंचायतों में ठाकुर पूरन सिंह ने तमाम लोगों के आगे खुद को क्षत्रिय समाज का हमदर्द साबित करने की कोशिश करते हुए भारतीय जनता पार्टी को वोट न देने की अपील की। खेड़ा की पंचायत में तो पूरन सिंह ने कुछ अन्य मंचासीन लोगों के साथ लोटे में नमक डाल कर शपथ भी ली। इन BJP विरोध स्वरूपी पंचायतों की वीडियो और खबरें फैक्ट चेक के नाम पर मजहबी एजेंडा चलाने वाले मोहम्मद जुबैर जैसे लोग सबसे ज्यादा शेयर कर रहे हैं।
रघुकुल रीति सदा चली आई ,प्राण जाए पर वचन न जाए
— ठाकुर पूरन सिंह (@puraansingh) April 16, 2024
क्षत्रियों आगाज हो चुका है ये आवाज रूकनी नहीं चाहिए बताओ हमारे वोट का क्या महत्व होता है#भाजपा_हटाओ_देश_बचाओ #भाजपा_हटाओ_राजपुत_बचाओ pic.twitter.com/Dv0tTHbW9v
क्षत्रिय पर ही गोली चलाने के हैं आरोप
भले ही आज ठाकुर पूरन सिंह घूम-घूम कर क्षत्रिय स्वाभिमान पंचायत कर रहे हैं लेकिन पूर्व में उन पर साथियों सहित राजपूत समाज के ही एक व्यक्ति पर गोली चलाने की FIR दर्ज हो चुकी है। यह घटना 13 जनवरी, 2018 की है। तब उत्तर प्रदेश के शामली जिले में पड़ने वाले थाना क्षेत्र थाना भवन में क्षत्रिय वर्ण के सतीश कुमार पुंडीर ने शिकायत दर्ज करवाई थी। अपनी शिकायत में उन्होंने बताया था कि 13 जनवरी, 2018 को ही शाम लगभग 5 बजे खुद को भारतीय किसान संगठन का अध्यक्ष बताने वाले ठाकुर पूरन सिंह और राजू सिंह 4-5 वाहनों में भर कर उनके पास आए थे।
पूरन ने सतीश सिंह पुंडीर से नाराजगी जताते हुए पूछा कि उन्होंने राजू सिंह के खिलाफ थाने में शिकायत क्यों दी। सतीश सिंह ने ठाकुर पूरन सिंह को बैठ कर बातचीत का प्रस्ताव दिया। थोड़ी देर गन्ना विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में बातचीत हुई थी लेकिन पूरन सिंह के साथी राजू सिंह नाम के व्यक्ति ने बीच में विवाद शुरू कर दिया। आरोप है कि राजू सिंह द्वारा जब गाली-गलौज दी जाने लगी तो सतीश सिंह पुंडीर उठ कर वहाँ से चले गए।
सतीश सिंह को जाता देख कर राजू सिंह अपने साथियों के साथ मिल कर उनकी तरफ मारने दौड़ा। इस दौरान हमलावरों ने सतीश की तरफ बंदूक तान कर जान से मारने की नीयत से गोली भी चला दी थी।
सतीश सिंह पर गोली चलाने वालों में हाजी अफसर भी
सतीश सिंह ने अपनी शिकायत में बताया था कि उन पर गोली चलाने वालों में पूरन सिंह का साथी और सहयोगी हाजी अफसर अली भी शामिल था। हाजी अफसर अली मूल रूप से शामिल के गाँव भैंसानी का निवासी है। पूरन सिंह, राजू और हाजी अफसर के साथ मुजफ्फरनगर जिले के अंकुर राणा और रोहित को भी हमले में नामजद किया गया था। इनके अतिरिक्त 20-25 अन्य अज्ञात हमलावरों का भी FIR में जिक्र है। माना जा रहा है कि इस अज्ञात भीड़ में ज्यादातर पूरन सिंह के साथी हाजी अफसर अली के गुर्गे थे। ऑपइंडिया के पास FIR कॉपी मौजूद है।
तब शामली पुलिस ने ठाकुर सतीश सिंह पुंडीर पर जानलेवा हमले के आरोप में पूरन सिंह, राजू सिंह, अंकुर राणा, रोहित और हाजी अफसर को नामजद करते हुए 20-25 अज्ञात हमलावरों के खिलाफ FIR दर्ज की थी। इन सभी पर IPC की धारा 147, 148, 149, 307, 323, 504 और 452 के तहत कार्रवाई की गई थी। 16 मई, 2018 को पुलिस ने इस केस में अपनी जाँच पूरी कर के चार्जशीट दाखिल कर दी थी। पुलिस ने अपनी जाँच में सतीश सिंह पुंडीर द्वारा ठाकुर पूरन सिंह और उनके साथी अफसर अली सहित अन्य नामजदों पर लगाए गए आरोप सही पाए थे।
बवाल की आशंका से नहीं हुई गिरफ्तारी, सजा देने की माँग
16 मई को शामली की कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने के दौरान पुलिस ने पाँचों नामजद आरोपितों की गिरफ्तार न किए जाने का कारण भी बताया था। पुलिस ने बताया कि हमलावर पूरन सिंह व अन्य आरोपित किसान संगठन से जुड़े हुए हैं इसलिए उनकी गिरफ्तारी से समाज में शांति व्यवस्था प्रभावित होती। इसी के साथ पुलिस ने उस समय लोकसभा उपचुनाव भी पास होने की दलील दी थी। पुलिस ने अदालत से पूरन सिंह, हाजी अफसर अली, अंकुर राणा, रोहित, और राजू सिंह को दंडित करने की भी गुजारिश की है।
अपनी शिकायत में पीड़ित ठाकुर सतीश सिंह पुंडीर ने पूरन सिंह व हाजी अफसर अली सहित अन्य आरोपितों द्वारा खुद पर दोबारा हमले की भी आशंका जताई थी। उन्होंने बताया था कि चीनी मिल के गार्डों के अलावा उत्तर प्रदेश पुलिस ने मौके पर पहुँच कर उनकी जान बचाई थी। सतीश सिंह ने भी आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई की माँग की थी।