बॉक्स ऑफिस पर सारे रिकॉर्ड तोड़ रही ‘द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files)’ में आतंकियों का कमांडर फारूक मलिक डार उर्फ बिट्टा कराटे (Farooq Malik Dar alias Bitta Karate) का दमदार किरदार चिन्मय मंडेलकर ने निभाया है। मराठी फिल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता मंडलेकर के अभिनय की खूब चर्चा हो रही है। मंडलेकर इस रोल को लेकर सिहर उठते हैं।
फिल्म में बिट्टा की भूमिका को लेकर मंडलेकर ने न्यूज18 से कहा, जब मैंने पहली बार स्क्रिप्ट पढ़ी तो मैं चौंक गया था। द कश्मीर फाइल्स को देखने के बाद लोग अब जो महसूस कर रहे हैं, वही मैंने स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद अनुभव किया। मैंने विवेक से पूछा, ‘क्या यह सब सच है? क्या वास्तव में ऐसा हुआ है?’ उन्होंने बहुत ही शांत स्वर में मुझसे कहा, ‘स्क्रिप्ट में जो कुछ भी लिखा गया है वह वास्तव में जो हुआ है उसका सिर्फ 35 प्रतिशत है’, क्योंकि वास्तव में जो हुआ है वह कहीं अधिक क्रूर है।”
फिल्म में खून से लथपथ चावल खिलाने की सीन को याद पर मंडलेकर ने कहा कि वे बेहद परेशान करने वाले दृश्य थे। उन्होंने कहा, “जब मैं स्क्रिप्ट पढ़ रहा था तो मैं एक खास तरह के भावनात्मक उथल-पुथल से गुजरा था। मैं बिल्कुल चौंक गया था। फिर इस घटना का मैंने वास्तविक संदर्भ पढ़ा तो पता चला कि उस आदमी को वास्तव में उसी तरह मारा गया था और उसका खून से लथपथ चावल उसकी पत्नी को खिलाया गया था। यह बहुत बेचैन करने वाला था।”
इस रोल के मिलने के बारे में मंडलेकर ने कहा कि द कश्मीर फाइल्स की निर्माता पल्लवी जोशी के साथ साल 2007 में उन्होंने एक टीवी शो में काम किया था। विवेक अग्निहोत्री को बिट्टा की भूमिका के लिए एक अभिनेता की तलाश थी। बहुत से उत्तर भारतीय अभिनेताओं का ऑडिशन लिया गया था, लेकिन कोई परफेक्ट मैच नहीं मिला। तब पल्लवी ने ही उनका नाम सुझाया था।
कौन है बिट्टा कराटे?
बिट्टा काराटे का असली नाम फारूक अहमद डार है और बिट्टा कराटे के नाम से कुख्यात है। 1990 में घाटी में कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार के वक्त दौरान उसने 20 हत्याओं की बता कबूल की थी। जम्मू-कश्मीर के पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत उसे गिरफ्तार किया था और 16 साल जेल में रहने के बाद साल 2006 में जम्मू की टाडा कोर्ट से जमानत पर रिहा हो गया था। उसके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला था।
Found clips of Bitta Karate who accepted whatever shown in #TheKashmirFiles. This is such a heartfelt tragedy we're unaware of. Justice to Kashmiri Pandits is still due. Along with terrorism plz do recognise termites and deshdrohi. MUST WATCH
— Harshit Aggarwal (@harshit__ca) March 14, 2022
Source : https://t.co/KbRrd14N7M pic.twitter.com/iP02LmiMMp
एक इंटरव्यू में बिट्टा कराटे ने स्वीकार किया था कि जब वह 20 साल का था, तब स्थानीय प्रशासन से परेशान होकर वह आतंकी बना था। आतंकवाद की ट्रेनिंग लेने के लिए वह पाकिस्तान (Pakistan) भी गया। उसने कहा था कि ऊपर (पाकिस्तान/ISIS या आतंकी कमांडर) से ऑर्डर मिलता था तो वह किसी तो मार देता था। जिन बीस लोगों की उसने हत्या की थी, उनमें आरएसएस के नेता सतीश कुमार टिक्कू भी शामिल थे।
जेल से छूटने के बाद बिट्टा जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) में शामिल हो गया। वह आज भी जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में ही है। पुलवामा हमले के बाद बिट्टा को आतंकवाद विरोधी कानूनों के तहत एक कार्रवाई में टेरर फंडिंग के आरोप में साल 2019 में एनआईए (NIA) ने गिरफ्तार किया था।