जहाँ एक तरफ पूरा देश कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर से परेशान है वहीं दूसरी तरफ ‘किसान आंदोलन’ के नाम पर एक नए तमाशे की तैयारी हो रही है। दिल्ली की सरकार ने सोमवार (अप्रैल 26, 2021) की सुबह 5 बजे तक लॉकडाउन लगा रखा है। इन सबके बीच बुधवार (अप्रैल 21, 2021) को पंजाब से हजारों की संख्या में किसान टिकरी बॉर्डर की तरफ कूच करेंगे।
भारतीय किसान यूनियन (उग्रहन) ने इस विरोध-प्रदर्शन की घोषणा की है। संगठन के नेताओं का कहना है कि करीब 1650 गाँवों के 20,000 किसान पंजाब के तीन बॉर्डरों को पार कर दिल्ली पहुँचेंगे और प्रदर्शन करेंगे। बीकेयू उग्रहन के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलन ने अपने संगठन की योजना का खुलासा करते हुए कहा कि इस बार प्रदर्शनकारी किसानों में अधिकतर महिलाएँ होंगी।
उन्होंने कहा कि चूँकि पुरुष अभी खेतों में व्यस्त हैं, इसलिए आंदोलन की जिम्मेदारी अब महिलाओं को ही सँभालनी पड़ेगी। बठिंडा-डाबवली, खनौरी-जींद और सर्दुलगढ़-फतेहाबाद बॉर्डरों से बसों, वैन और ट्रैक्टरों में भरकर किसानों को दिल्ली की सीमा पर लाकर छोड़ दिया जाएगा। खनौरी-जींद सीमा से चलने वाले जत्थे का नेतृत्व संगठन के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उग्रहन और महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलन करेंगे।
अब गेहूँ की कटाई का मौसम ख़त्म हो गया है, इसलिए किसानों को वापस दिल्ली की सीमाओं पर लाया जा रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा ने ‘फिर दिल्ली चलो’ का नारा दिया है। किसान धन्ना भगत की जयंती मनाने के नाम पर प्रदर्शनकारियों ने टिकरी सीमा पर अपनी एकता का भी प्रदर्शन किया। संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि आंदोलन जारी था और किसान अस्थायी रूप से कटाई के लिए अपने घरों को लौटे थे।
“We will boost our immunity, take care of our health and start vaccination drives at protest sites. But we will not get up,” protesting farmers said.
— IndiaToday (@IndiaToday) April 15, 2021
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कुछ अन्य किसान नेताओं का कहना है कि जिस तरह से चुनावी राज्यों में जाकर किसान नेताओं ने चुनाव प्रचार किया, उससे कई तबके नाराज थे। रबी की कटाई के बाद 3000 किसान टिकरी लौट चुके हैं। BKU (लखोवाल) के नेता पुरुषोत्तम सिंह गिल ने कहा कि ये संख्या बढ़ती ही जाएगी। BKU (राजेवाल) के प्रगति सिंह ने कहा कि किसान बस, ट्रेन और अपनी गाड़ियों से आ रहे हैं, क्योंकि अभी खेती के लिए ट्रैक्टर का काम है।
उन्होंने कहा कि किसान अगले एक महीने में अपने उत्पाद बेच लें, फिर वो और भी बड़ी संख्या में प्रदर्शन स्थलों पर लौटेंगे। SKM ने घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों से भी कहा है कि वापस जाने की बजाए वे ‘किसान आंदोलन’ में आ जाएँ, उनके लिए भोजन और रहने की व्यवस्था की जाएगी। नेता दर्शन पाल ने इसे केंद्र सरकार के खिलाफ एकीकृत संघर्ष बताया। उग्रहन हाल में कोरोना से ठीक हुए हैं। वहीं सुखदेव सिंह का हाथ फ्रैक्चर होने के बाद सर्जरी हुई थी।
इस बीच ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली एक कंपनी ने कहा है कि किसान आंदोलनकारियों ने हाइवे को ब्लॉक कर रखा हुआ है, जिससे परेशानी आ रही है। दिल्ली के पश्चिम विहार स्थित बालाजी अस्पताल में लगभग ऑक्सीजन ख़त्म ही होने वाला था, लेकिन दिल्ली-यूपी सीमा पर गाजीपुर स्थित NH24 पर किसानों का कब्ज़ा होने के कारण सप्लाई में 2 घंटे की देरी हुई। उत्तर प्रदेश के मोदीनगर से ऑक्सीजन की सप्लाई लेकर चल रही गाड़ियों को 100 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है।