दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर टूलकिट केस में अब तक हुई जाँच के बारे में और दिशा रवि (Disha Ravi) की गिरफ्तारी को लेकर जानकारी दी है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि यह टूलकिट बेहद ही सुनियोजित तरीके से बनाई गई है और किस तरह से किसान आंदोलन को समर्थन देना है, इसमें उसकी पूरी जानकारी थी।
पुलिस साइबर सेल के जॉइंट कमिश्नर प्रेमनाथ ने कहा, “जैसा कि हम जानते हैं कि 26 जनवरी को बड़े पैमाने पर हिंसा हुई। 27 नवंबर से किसान आंदोलन चल रहा था। 4 फरवरी को हमें टूलकिट के बारे में जानकारी मिली, जो कि खालिस्तानी सगठनों की मदद से बनाई गई थी।”
दिल्ली पुलिस ने बताया है कि दिशा ने टूलकिट को एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर शेयर किया फिर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई गई। उन्होंने कहा कि टूलकिट को विश्वस्तर पर फैलाने की योजना थी और इसमें गलत जानकारियाँ दी गईं थीं। दिल्ली पुलिस ने यह भी कहा कि मीडिया हाउसों और ‘फैक्ट चेकर्स’ के नामों का भी टूलकिट में उल्लेख है। उन्होंने कहा कि आरोपित ही यह बता पाएँगे कि पीटरक फ्रेडरिक का नाम टूलकिट में क्यों है।
#Breaking | ‘Toolkit’ probe: Delhi Police briefs media on Disha Ravi’s arrest.
— TIMES NOW (@TimesNow) February 15, 2021
‘There was flood of fake news post R-Day violence. Police acted with restrain. Shantanu & Disha created the toolkit. The toolkit doc was created by Poetic Justice Foundation (PJF)’, says Joint CP. pic.twitter.com/DHoKqgykuq
इस टूलकिट का संबंध खालिस्तानी संगठन Poetic Justice Foundation (पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन) से है और इस टूलकिट को चार फरवरी को बनाया गया था। टूलकिट में ‘भारत की पहचान योग और चाय’ की छवि को नुकसान पहुँचाने से लेकर दूतावासों को भी नुकसान पहुँचाने की बात है। इससे भारत की छवि को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की गई।
Many screenshots of the toolkit were available on open source & were investigated. When probe was able to fetch enough information, a search warrant was obtained from Court on 9th Feb, against Nikita Jacob, one of the editors of the toolkit google doc: Prem Nath, Jt CP Cyber Cell pic.twitter.com/EO6eSMJu95
— ANI (@ANI) February 15, 2021
साइबर सेल के ज्वाइंट सीपी प्रेमनाथ ने बताया कि टूलकिट के कई स्क्रीनशॉट खुले प्लेटफॉर्म पर मौजूद हैं और उनकी जाँच की जा रही है। जब जाँच में पर्याप्त सबूत जुटा लिए गए तब टूलकिट की एडिटर निकिता जैकब के खिलाफ कोर्ट से 9 फरवरी को उनके खिलाफ तलाशी वारंट हासिल किया गया।
A team reached Mumbai and conducted searches at her (Nikita Jacob) residence on 11th Feb. She and her associates Shantanu & Disha had created the doc. The email account created by Shantanu is the owner of this doc & all others are its editors: Prem Nath, Jt CP Cyber Cell
— ANI (@ANI) February 15, 2021
पुनीत नाम की कनाडा में रहने वाली एक महिला ने इन लोगों को खालिस्तानी गुट ‘Poetic Justice Foundation’ से मिलवाया। निकिता और शांतनु ने ‘पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन’ से जूम मीटिंग की और किस तरह से सोशल मीडिया पर पूरा अभियान चलाया जाना है इसे लेकर बैठक की। पुलिस ने ये भी बताया कि दिशा रवि, ग्रेटा थनबर्ग को जानती थी, इसलिए उनसे कहा गया कि वो ग्रेटा को टूलकिट भेजें। तब दिशा ने ही ग्रेटा को टेलीग्राम एप के जरिए टूलकिट भेजी।
A woman named Puneet who is based in Canada connected these people to the Pro-Khalistani Poetic Justice Foundation. On 11th January Nikita and Shantanu attended a Zoom meeting organised by Poetic Justice Foundation in which modalities were chalked out: Prem Nath, Jt CP Cyber Cell pic.twitter.com/BgL0cr9uXs
— ANI (@ANI) February 15, 2021
उनके मुताबिक, “एक टीम मुंबई पहुँची, जहाँ उसने निकिता के घर पर 11 फरवरी को तलाशी ली। वह उसके साथी शांतनु और दिशा ने इस दस्तावेज को तैयार किया था। ई-मेल अकाउंट शांतनु ने बनाया था, जो कि इस डॉक्यूमेंट का ओनर है और बाकी लोग उसके एडिटर्स।” ज्वॉइंट सीपी के अनुसार कनाडा मूल की पुनीत (महिला) ने इन लोगों का खालिस्तानी समर्थक Poetic Justice Foundation से संपर्क कराया था।
इससे पहले टूलकिट मामले में सूत्रों के हवाले से बड़ी जानकारी मिली थी। सूत्रों के मुताबिक खालिस्तानी संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन (Poetic Justice Foundation) के फाउंडर एमओ धालीवाल ने कनाडा में रह रहे अपने सहयोगी पुनीत के जरिए निकिता जैकब से संपर्क किया था। इनका मकसद 26 जनवरी से पहले ट्विटर पर एक बड़ी मुहिम छेड़ना था।
गणतंत्र दिवस से पहले इन सबकी एक ज़ूम मीटिंग भी हुई थी। इस मीटिंग में निकिता, धालीवाल के साथ दिशा भी शामिल हुई थी। पुलिस के मुताबिक 60 से 70 लोग जूम मीटिंग में शामिल हुए थे। मीटिंग में एमओ धालीवाल ने कहा था कि मुद्दे को बड़ा बनाना है। मकसद था – किसानों के बीच असंतोष और गलत जानकारी फैलाना।
Mo Dhaliwal, Poetic Justice Foundation founder, contacted Nikita Jacob via his colleague Puneet. Motive was to create a Twitter storm ahead of R-Day. There was a zoom meeting before Republic Day that was attended by Mo Dhaliwal, Nikita, Disha & others: Sources, on toolkit matter
— ANI (@ANI) February 15, 2021
साइबर सेल के ज्वाइंट सीपी प्रेम नाथ ने कहा कि इस मीटिंग में ट्विटर स्टॉर्म के लिए हैशटैग तय किया गया और पूरी योजना बनाई गई। ये लोग जितना ज्यादा हो सके दुष्प्रचार करना चाहते थे। पुलिस का दावा है कि दिशा और निकिता के लैपटॉप से आपत्तिजनक सूचनाएँ बरामद की गई हैं।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, देश का माहौल बिगाड़ने के लिए तैयार किए गए टूलकिट की मुख्य साजिशकर्ता दिशा रवि ही है। क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने टूलकिट को ट्वीट करने के बाद डिलीट किया था, उसे दिशा रवि ने कई बार एडिट किया था। कोर्ट में जब पुलिस रिमांड पर सुनवाई हुई तो दिशा रो पड़ी और उसने कबूल किया कि उसने 2 लाइन एडिट की थी। पुलिस ने दिशा का मोबाइल जब्त किया है लेकिन उसका डाटा पहले ही डिलीट किया जा चुका था जिसे अब पुलिस रिट्रीव करेगी।
पुलिस ने कहा, “शांतनु और ‘दिशा एक्सआर’ नाम के एनजीओ से जुड़े हैं। पीटर फेडरिक ने ये प्लान किया कि किसे हैशटैग ट्रेंड करना है, किसे फॉलो करना है और कब क्या ट्वीट कराना है। 2005 से हम इन्हें जानते हैं। टूलकिट एक ऐसा डॉक्यूमेंट था, जो कुछ लोगों के बीच शेयर होना था लेकिन ग्रेटा ने गलती से ये ट्वीट कर दिया। पुलिस के अनुसार, [email protected] का एडमिन शांतनु था।”
दिल्ली पुलिस के साइबर सेल के अधिकारियों ने दिशा रवि को बेंगलुरु से सोलादेवनहल्ली से गिरफ्तार किया था। दिल्ली पुलिस ने दिशा पर संगीन इल्जाम लगाए हैं। दिशा रवि पुलिस फिलहाल पाँच दिन के पुलिस के रिमांड पर है। वहीं निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं।