Thursday, April 25, 2024
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26 जनवरी से पहले खालिस्तानी संगठन के साथ मीटिंग – निकिता, धालीवाल के साथ थी दिशा भी: टूलकिट मामले में सुत्रों का खुलासा

इनका मकसद 26 जनवरी से पहले ट्विटर पर एक बड़ी मुहिम छेड़ना था। एक ज़ूम मीटिंग भी हुई थी। इस मीटिंग में निकिता, धालीवाल के साथ दिशा भी शामिल हुई थी। मीटिंग में एमओ धालीवाल ने कहा था कि...

टूलकिट मामले में बेंगलुरु से दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद अब दिल्ली पुलिस को निकिता जैकब और शांतनु नाम के आरोपितों की तलाश है। निकिता और शांतनु पर टूलकिट साजिश में शामिल होने का आरोप है। इस बीच टूलकिट मामले में सूत्रों के हवाले से बड़ी जानकारी मिली है। सूत्रों के मुताबिक खालिस्तानी संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन (Poetic Justice Foundation) के फाउंडर एमओ धालीवाल ने कनाडा में रह रहे अपने सहयोगी पुनीत के जरिए निकिता जैकब से संपर्क किया था।

इनका मकसद 26 जनवरी से पहले ट्विटर पर एक बड़ी मुहिम छेड़ना था। गणतंत्र दिवस से पहले इन सबकी एक ज़ूम मीटिंग भी हुई थी। इस मीटिंग में निकिता, धालीवाल के साथ दिशा भी शामिल हुई थी। मीटिंग में एमओ धालीवाल ने कहा था कि मुद्दे को बड़ा बनाना है। मकसद था – किसानों के बीच असंतोष और गलत जानकारी फैलाना। 

सूत्रों के मुताबिक चार दिन पहले स्पेशल सेल की टीम निकिता जैकब के घर गई थी। उसके इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की जाँच की गई। उस वक्त शाम हो गई थी, इसलिए निकिता से पूछताछ नहीं की गई। जाँच टीम ने कहा था कि वो अगले दिन फिर आएँगे, लेकिन जब अगले दिन स्पेशल सेल की टीम निकिता के यहाँ पहुँची, वह गायब मिली। फिलहाल निकिता जैकब फरार है।

उसके खिलाफ पुलिस ने NBW यानी गैर ज़मानती वारंट जारी करवाया है। आरोपित निकिता जैकब ने दिल्ली पुलिस की ओर से जारी गैर जमानती वारंट के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। निकिता जैकब ने गैर-जमानती वारंट के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में ट्रांजिट जमानत याचिका दाखिल की। मामले की सुनवाई कल (फरवरी 16, 2021) होगी। मामले में एक अन्य आरोपित शांतनु के खिलाफ भी गैर जमानती वारंट जारी किया गया है।

गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने शनिवार (फरवरी 13, 2021) को बेंगलुरु के सोलादेवना हल्ली से पर्यावरण एक्टिविस्ट दिशा रवि को गिरफ्तार किया था। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार अब शांतनु और निकिता जैकब नामक दो अन्य आरोपितों की गिरफ़्तारी के लिए मुंबई में दबिश दी जा रही है। पुलिस ने गूगल से भी तकनीकी मदद माँगी है। स्वीडन की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग द्वारा गलती से लीक किए गए टूलकिट डॉक्यूमेंट को लेकर ये कार्रवाई की जा रही है।

दिशा ने चालाकी करते हुए अपने फोन के डेटा को डिलीट कर डाला, जिसे पुनः प्राप्त करने के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया है। पुलिस का कहना है कि हजारों लोग उक्त साजिश में शामिल हैं, जो खालिस्तान समर्थक आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू से प्रभावित हैं। निकिता जैकब के बारे में कई लोग यह भी दावा कर रहे हैं कि वह आम आदमी पार्टी (AAP) से जुड़ी हुई है। बॉम्बे हाईकोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस करने वाली निकिता का नाम तभी सामने आया था, जब टूलकिट के लीक होने के बाद लोगों ने इसकी लाइव एडिटिंग के स्क्रीनशॉट्स लिए थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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