कानपुर के चौबेपुर के बिकरू गाँव में नक्सलियों की तरह 8 पुलिसकर्मियों की बेरहमी से हत्या करने वाला मोस्टवांटेड हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे एमपी के उज्जैन में पकड़ा जा चुका है। विकास दुबे की गिरफ्तारी को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान न उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की। साथ ही एमपी पुलिस उसे अब यूपी पुलिस को सौंप देगी।
Vikas Dubey was going to Ujjain Mahakal temple when he was identified by security personnel. Police were informed, he confessed his identity after being pushed for it. He has been apprehended by police & interrogation is underway: Ashish Singh, Ujjain Collector #MadhyaPradesh https://t.co/tBNHn3pwuw
— ANI (@ANI) July 9, 2020
एएनआइ की रिपोर्ट के अनुसार विकास दुबे ने उज्जैन के महाकाल मंदिर के गार्ड से चिल्ला- चिल्लाकर कहा कि जानते हो मैं विकास दुबे हूँ। इसके बाद महाकाल के सुरक्षा गार्डों ने तत्परता दिखाते हुए उसे पकड़कर मध्यप्रदेश पुलिस के हवाले कर दिया।
बता दें यूपी पुलिस और एसटीएफ की टीम ने कुख्यात अपराधी विकास दुबे के गैंग के सभी गुर्गों पर भी अपनी नज़र बनाए हुए है। इसी क्रम में पुलिस ने अब तक विकास दुबे के पाँच साथियों को अलग-अलग मुठभेड़ में मार गिराया है। जिन्होंने गत शुक्रवार को कानपुर के चौबेपुर में विकास दुबे के साथ मिलकर पुलिसवालों पर हमला किया था। जिसमें प्रदेश के डिप्टी SP देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों ने अपनी जान गँवा दी थी।
कौन हैं ये 5 अपराधी, कैसे पुलिस ने किया इनका एनकाउंटर
◆ अमर दुबे, हमीरपुर में पुलिस ने किया एनकाउंटर
अमर दुबे विकास के सबसे बड़े सहयोगी में से था। जिसे पुलिस ने 8 जुलाई की सुबह को एनकाउंटर में मार गिराया था। अमर दुबे यूपी एसटीएफ और हमीरपुर पुलिस के एक संयुक्त ऑपरेशन के दौरान मारा गया था। अमर दुबे मध्य प्रदेश की सीमा में घुस कर फरार होने की कोशिश में लगा था। पुलिस ने उसे सरेंडर करने का भी मौका दिया था। इसके बावजूद उसने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। जिसमें 2 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
◆ प्रभात मिश्रा, कानपुर में एनकाउंटर
विकास गैंग के बदमाश प्रभात मिश्रा को पुलिस ने फरीदाबाद के ओयो होटल से पकड़ा था। जहाँ विकास दुबे की भी छुपे होने की खबर थी। फरीदाबाद के कोर्ट में पेश करने के बाद यूपी पुलिस उसे ट्रांजिट रिमांड पर कानपुर ला रही थी। प्रभात को लाते वक़्त कानपुर हाइवे पर भौंती के पास पुलिस की गाड़ी पंचर हो गई थी। जिसका फ़ायदा प्रभात ने उठाने की कोशिश की। उसने गाड़ी में बैठे एसटीएफ के पुलिस इंस्पेक्टर से पिस्तौल छीनी और पुलिस कस्टडी से भागने की कोशिश की। जिस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उसे मार गिराया। इस मुठभेड़ में कुछ सिपाही भी घायल हुए।
◆ रणवीर शुक्ला उर्फ बऊआ, इटावा में पुलिस ने किया ढेर
विकास दुबे गैंग का मोस्ट वांटेड क्रिमिनल रणवीर उर्फ बउअन उर्फ बऊआ इटावा में मार गिराया गया। उस पर 50,000 इनाम भी था। रणवीर शुक्ला ने आधी रात महेवा के पास हाईवे से एक स्विफ्ट डिजायर कार को लूटा था। जिसके चलते पुलिस ने उसे काचुरा रोड पर घेर लिया। सरेंडर करने की जगह उसने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। जिसपर जवाबी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उसे ढेर कर दिया।
◆ प्रेम प्रकाश (विकास का मामा), कानपुर में पुलिस ने मार गिराया
कानपुर में 2 जुलाई को हुए वारदात के अगले दिन सुबह विकास दुबे का मामा प्रेमप्रकाश अपने साथियों के साथ जंगल के रास्ते से होते हुए भागने का प्रयास कर रहा था। इसी दौरान पुलिस द्वारा चलाए गए सर्च ऑपरेशन में पुलिस टीम ने उसे घेर लिया। अपने आपको फँसता हुआ देख प्रेम प्रकाश ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। और उस मुड़भेड़ में वो मारा गया। एनकाउंटर के बाद उसके परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया था। जिसके बाद पुलिस ने ही उसका अंतिम संस्कार किया।
◆ अतुल दुबे, कानपुर मुड़भेड़ में एनकाउंटर
अतुल दुबे भी प्रेम प्रकाश के साथ ही मुठभेड़ में मारा गया था। वह विकास दुबे के खास लोगों में शामिल था। इसके साथ ही वह विकास का चचेरा भाई था। और उसी बिकरू गाँव में ही रहता था जहाँ पुलिस विकास को पकड़ने गई थी। पुलिस पर हमला करने की प्लानिंग में इसकी मुख्य भूमिका भी बताई गई थी। अतुल दुबे और विकास के मामा के साथ हुए मुठभेड़ में पुलिस ने इनके पास से लूटी गई पिस्टल बरामद की थी। जो पुलिसकर्मियों की थी। सूत्रों के अनुसार अतुल के बेटे भी हमले में शामिल थे।