प्रशांत भूषण ने न्यायालय की अवमानना मामले में मिली 1 रुपए जुर्माने की सजा को स्वीकार किया है। प्रशांत भूषण ने कहा है कि वो यह जुर्माना भरेंगे और इसके ख़िलाफ़ पुनर्विचार याचिका भी दायर करेंगे। एक प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जिस चीज़ के लिए उन्हें दोषी ठहराया है वो हर नागरिक के लिए सबसे बड़ा कर्तव्य है।
अपने बयान में प्रशांत भूषण ने कहा है कि उनके ट्वीट्स का उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट की अवमानना नहीं था, वे सुप्रीम कोर्ट के अपने शानदार रिकॉर्ड से भटकने को लेकर नाराजगी की वजह से किए गए थे। भूषण ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के द्वारा लगाए गए जुर्माने की रिव्यू पिटिशन फाइल करने का मुझे अधिकार है। कोर्ट ने मुझ पर जो जुर्माना लगाया है, उसका मैं एक नागरिक को तौर पर कर्तव्य निभाते हुए भुगतान करूँगा।”
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— Bar & Bench (@barandbench) August 31, 2020
भूषण ने अपने बयान में कहा कि मेरे मन में सुप्रीम कोर्ट के प्रति काफी सम्मान है और मैंने हमेशा माना है कि सुप्रीम कोर्ट कमजोर और दबे लोगों के लिए आशा की आखिरी किरण है। भूषण ने नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में अपना बयान से पढ़ते हुए अपने वकील राजीव धवन और दुष्यंत दवे का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि ‘इस देश में लोकतंत्र मज़बूत होगा, सुप्रीम कोर्ट मज़बूत होगा, सत्यमेव जयते।’
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को अवमानना मामले में दोषी ठहराने के बाद एक रुपए का जुर्माना लगाया है। फ़ैसले के बाद प्रशांत भूषण ने ट्वीट करके बताया कि उनके वकील राजीव धवन ने उन्हें जुर्माने की राशि के लिए एक रुपया दिया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।
प्रशांत भूषण के इस जुर्माने को भरने के लिए तैयार होते ही सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें याद दिलाया कि वह कुछ ही दिन पहले उसूलों और आदर्शों का हवाला देते हुए माफ़ी माँगने से इनकार कर रहे थे, जबकि अब वो बेशर्मी से इस काम के लिए तैयार हो गए हैं।