हिन्दू महासभा के पूर्व अध्यक्ष कमलेश तिवारी हत्याकांड मामले में अब तक कई ख़ुलासे हो चुके हैं। इनमें आरोपितों की पहचान से लेकर उनके हत्या करने की साज़िश तक का ख़ुलासा हो गया है। जिस योजनाबद्ध तरीक़े से कमलेश तिवारी की नृशंस हत्या की गई, उसका भी पता चल चुका है। मिटाई के डिब्बे में असलहे और पिस्टल को छिपाकर किस तरह से हत्या की इस ख़ौफ़नाक वारदात को अंजाम दिया गया, वो किसी के भी दिल को दहलाने में सक्षम है।
जहाँ एक ओर इस हत्याकांड की देशभर में भरसक निंदा हो रही है, वहीं कुछ अराजक तत्व अपनी विकृत मानसिकता के चलते भद्दे कमेंट करने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के अम्बेडकर नगर से सामने आया है। जानकारी के अनुसार, कमलेश तिवारी की हत्या को लेकर फेसबुक पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में पुलिस ने दानिश नवाब और मोहम्मद इमरान अंसारी को गिरफ़्तार किया है।
इन आरोपितों ने कमलेश तिवारी की मौत का मज़ाक उड़ाते हुए उनकी हत्या करने वालों को 72 तोपों की सलामी दिए जाने की बात कही। फेसबुक पर की गई यह टिप्पणी जैसे ही वायरल हुई, हिन्दू संगठनों ने जमकर प्रदर्शन किया और आरोपितों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करने की माँग की। प्रदर्शनकारियों में ब्राह्मण महासभा सेवा समिति, हिन्दू जागरण मंच और करणी सेना शामिल थी, जिन्होंने अकबरपुर थाने में तहरीर दी। इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपितों को गिरफ़्तार कर लिया।
बता दें कि मोहम्मद इमरान अंंसारी ने फ़ेसबुक पर हँसी-ठिठोली की इमोजी का इस्तेमाल करते हुए ‘एक ट्रक निंदा’ कमेंट लिखकर कमलेश तिवारी की हत्या की ख़बर शेयर की, इस पर अकबरपुर थाना इलाक़े के निवासी दानिश नवाब ने कमेंट किया, “जिसने भी मारा हो उसे 72 तोपों से सलामी दी जाए।” इस विवादित टिप्पणी के सामने आते ही हिन्दू संगठनों में आक्रोश फैल गया। क़रीब एक घंटे तक चले धरना-प्रदर्शन के बाद एसपी वीरेंद्र कुमार मिश्र के निर्देश पर आरोपितों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया। एसपी ने आरोपितों की गिरफ़्तारी की पुष्टि की।
सोशल मीडिया पर एक हिन्दू नेता की सरेआम हत्या कर दिए जाने पर कुछ लोगों ने इसकी भर्त्सना की, वहीं कुछ कट्टरपंथी अपनी नीचता का परिचय यहाँ भी दिया। सोशल मीडिया पर “हा-हा” रिएक्शन देने वालों में फ़हीम रहमान, नदीम अख़्तर, मोहम्मद इमरान जैसे विकृत मानसिकता वाले लोग भी शामिल हैं, तो “लव” रिएक्ट करने वालों में सलाउद्दीन अंसारी और मुहम्मद समीउल्लाह के नाम सामने आए।