Monday, October 7, 2024
Homeदेश-समाजकमलेश तिवारी हत्याकांड: मौलाना मोहसिन, फैजान और राशिद हिरासत में, दुबई से आया था...

कमलेश तिवारी हत्याकांड: मौलाना मोहसिन, फैजान और राशिद हिरासत में, दुबई से आया था मर्डर करने

जाँच से पता चला है कि हिरासत में लिए गए तीनों व्यक्ति कमलेश तिवारी की हत्या में सम्मिलित रहे हैं। कमलेश तिवारी को मारने की योजना 2 महीने से रची जा रही थी। इस काम के लिए राशिद पठान दुबई से आया था।

हिन्दू महासभा के पूर्व अध्यक्ष और हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी हत्याकांड मामले में पुलिस को बड़ी क़ामयाबी मिली है। गुजरात एटीएस (आतंकवाद विरोधी दस्ता) ने देर रात सूरत से 3 लोगों को हिरासत में लिया है। बाक़ी दो लोगों की तलाश अभी भी जारी है, जिनकी पहचान कर ली गई है। सूरत के मौलाना मोहसिन शेख, फैजान पठान और रशीद अहमद को हिरासत में लिया गया है। रशीद को कंप्यूटर का ज्ञान है और वो दर्जी का काम करता है। इस मामले में कुछ और लोगों को हिरासत लिया गया था लेकिन पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया।

यूपी डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर इस हत्याकांड पर जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने बताया कि जाँच से पता चला है कि हिरासत में लिए गए तीनों व्यक्ति कमलेश तिवारी की हत्या में सम्मिलित रहे हैं। दो और आरोपितों की तलाश जारी है। कमलेश तिवारी को मारने की योजना 2 महीने से रची जा रही थी। इस काम के लिए राशिद पठान दुबई से आया था।

डीजीपी ने बताया:

हमने जिन्हें गिरफ़्तार किया है, उनमें एक मोहसिन शेख, दूसरा फ़ैजान जो सूरत में जूते की दुकान में काम करता है और तीसरा राशिद अहमद पठान है जो कम्प्यूटर का ज्ञानी है। दो और को हिरासत में लिया गया और पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। प्रारंभिक विवेचना से पता चला है कि तीनों व्यक्ति हत्या में शामिल थे। दो मुख्य अभियुक्त और हैं, जिनकी जानकारी इकट्ठा की जा रही है।

FIR में दो लोगों को षड्यंत्रकारियों के रूप में नामज़द किया गया है। इसमें एक मौलाना अनवारुल हक़ और दूसरा मुफ़्ती नईम काज़मी है। इन्हें हिरासत में लिया गया है और उनसे पूछताछ जारी है।

पूछताछ से पता चला है राशिद पठान ने हत्या की योजना बनाई थी। हत्या के लिए मौलाना मोहसिन शेख ने उसे प्रोत्साहित किया और कहा था कि कमलेश तिवारी को मारने की ज़रूरत है। फ़ैजान मिठाई ख़रीदने में शामिल रहा। कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि यह छ: लोग हत्या में सम्मिलित रहे हैं। बिजनौर का कनेक्शन भी क्रॉस चेक किया जा रहा है, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

कमलेश तिवारी हत्याकांड में यूपी पुलिस की प्रेस विज्ञप्ति

डीजीपी ने बताया कि अभी तक किसी ख़ास आतंकवादी संगठन से तार जुड़े नहीं पाए गए हैं।

कमलेश तिवारी राह का कांटा था, संगठन अलहिंद ब्रिगेड ने ली हत्याकांड की ज़िम्मेदारी

बता दें कि इस हत्याकांड की जाँच के लिए विशेष जाँच टीम (SIT) का गठन किया गया है। इस बीच सोशल मीडिया पर तथाकथित संगठन अलहिंद ब्रिगेड के नाम से एक मैसेज बड़ी तेज़ी से वायरल हो रहा है। इस वायरल मैसेज में हत्या की ज़िम्मेदारी ली गई है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि जो भी इस्लाम पर ऊँगली उठाने का काम करेगा, उसका अंजाम इसी तरह का होगा। इस मैसेज में कमलेश तिवारी की फोटो भी लगी हुई है।

वायरल हो रहे मैसेज में लिखा है, “कमलेश तिवारी राह का काँटा था और जो कोई भी इस्लाम की तरफ उँगली उठाएगा, उसका यही अंजाम होगा। अलहिंद ब्रिगेड जिम्मेदारी लेता है। और ज्यादा देखने के लिए तैयार हो जाओ। युद्ध शुरू हो गया है। अलहिंद ब्रिगेड कमलेश तिवारी की हत्या की जिम्मेदारी लेता है, जिसने इस्लाम को बदनाम किया था।”

दिन-दहाड़े नृशंस हत्या को दिया अंजाम

ग़ौरतलब है कि शुक्रवार (18 अक्टूबर) को लखनऊ में नाका क्षेत्र स्थित हिन्दू महासभा कार्यालय में कमलेश तिवारी को बदमाशों ने गला रेतकर व गोली मारकर हत्या कर दी थी थी। नृशंस हत्या की वारदात को अंजाम देकर हमलावर वहाँ से फ़रार हो गए थे। गंभीर हालत में तिवारी को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया, जहाँ इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। डॉक्टरों ने बताया था कि कमलेश तिवारी का किसी धारदार हथियार से गला रेता गया। पुलिस का कहना था कि हत्या की वारदात को किसी परिचित ने अंजाम दिया है। घटना-स्थल से पुलिस ने रिवॉल्वर भी बरामद की थी।

कैमरे में क़ैद हुए कमलेश तिवारी की हत्या के संदिग्ध, 15 से ज़्यादा किए वार

पुलिस ने हत्यारों की खोज के लिए सीसीटीवी खँगाले और हाथ लगा दोनों बदमाशों का हूलिया। सीसीटीवी फुटेज में क़ैद हुई तस्वीर में देखा जा सकता है कि दोनों आरोपित भगवा रंग का कुर्ता पहनकर कमलेश तिवारी के कार्यालय में गए। इसके बाद दोनों ने मौक़ा देखकर उनके सीने और ठोड़ी पर चाकू से 15 से ज़्यादा वार किए। बाद में दोनों फ़रार हो गए। मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार, तिवारी से मिलने आए दो लोग मिठाई के डिब्बे में असलहे और चाकू छिपाकर लाए थे।

कमलेश तिवारी की दिन-दहाड़े हत्या किए जाने से लोगों में काफ़ी आक्रोश फैल गया और उनके समर्थकों ने ख़ुर्शीद बाग़ कॉलोनी में प्रदर्शन शुरू कर दिया था। इसके मद्देनज़र घटना-स्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस बल व पीएसी की तैनाती कर दी गई।

पत्नी ने दी पुलिस में तहरीर, नईम और अनवारुल ने कराई हत्या

पोस्टमॉर्टम के बाद शुक्रवार देर रात कमलेश तिवारी का शव सीतापुर के महमूदाबाद स्थित उनके पैतृक आवास लाया गया। शव के पहुँचते ही कमलेश के घर में चीख पुकार मच गई। उनकी पत्नी ने अपनी तहरीर में साफ लिखा है कि यूपी में बिजनौर जिले के रहने वाले मोहम्मद मुफ्ती नईम काज़मी और अनवारुल हक ने साल 2016 में उनके पति कमलेश का सर काटने के लिए डेढ़ करोड़ रूपए के इनाम की सार्वजनिक रूप से घोषणा की थी। 

इस सम्बन्ध में कमलेश की पत्नी ने पुलिस में दोनों आरोपितों के खिलाफ दफा 302 के तहत मुकदमा दर्ज करने की तहरीर दी है। कमलेश की पत्नी का यह दावा है कि इन दोनों ने साजिशन उनके पति कमलेश तिवारी की हत्या कराई है।

दरअसल, दिवंगत कमलेश तिवारी ने 2015 में एक बयान दिया था जिसके बाद देशभर के कट्टरपंथियों में खलबली मच गई थी। तिवारी ने खुले-आम पैगम्बर मुहम्मद की सेक्सुअल ओरिएंटेशन पर मुखर रूप से बोलते हुए उन्हें समलैंगिक कह दिया था। इसी के बाद देवबंद से लेकर पश्चिम बंगाल तक के मुसलामानों ने फतवा जारी करना शुरू कर दिया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

फूट गया ‘इंडिया आउट’ का बुलबुला, भारतीयों से राष्ट्रपति मुइज्जू ने लगाई मालदीव आने की गुहार: PM मोदी ने ₹3300 करोड़ का दिया ‘सहारा’

राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की भारत यात्रा के बाद मोदी सरकार ने मालदीव को 400 मिलियन डॉलर की आर्थिक सहायता देने का फैसला किया है।

‘मेहदी फाउंडेशन’ से जुड़ा है UP का परवेज अहमद, पाकिस्तानी मुस्लिमों को ‘हिंदू पहचान’ देकर भारत में बसाता है: खुद की बीवी भी सीमा...

पुलिस ये छानबीन कर रही है कि पाकिस्तानी परिवारों का कोई आपराधिक बैकग्राउंड है या नहीं। अगर नहीं, तो फिर उन्हें वापस उनके मुल्क भेजने की प्रक्रिया की जाएगी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -