उदयपुर जिले के सराड़ा थाना क्षेत्र में 1 जून को केजड़ तालाब पर मछली पकड़ने के विवाद में एक हिंदू दलित युवक मुकेश मीणा की देर रात चाकू मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना में मुकेश का दोस्त राजू मीणा भी बुरी तरह घायल हो गया। उसका इलाज स्थानीय अस्पातल में चल रहा है।
इस मामले के संबंध में पुलिस ने 6 युवकों को गिरफ्तार किया है। इनका पहचान जफर, सईद, मक्का, अहमदनूर, अकील, फिरोज के रूप में हुई है। इनके ख़िलाफ़ पुलिस ने हत्या, हत्या के प्रयास और SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुकेश की हत्या की सूचना मिलने के बाद उसके घरवालों के समर्थन में अगली सुबह 700 से 1000 दलित लोग एकत्रित हुए। शव का दाह संस्कार करने से इनकार कर दिया। बाद में प्रशासन की ओर से आश्वासन मिलने पर उन्होंने मुकेश के शव का अंतिम संस्कार किया।
मामला दो समुदायों से जुड़ा होने के कारण और इलाके में इकट्ठा भीड़ को देखते हुए पुलिस ने इलाके को हाई अलर्ट पर रखा। मामले को संवेदनशील देखते हुए पुलिस ने आसपास के 12 थानों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलवाया। इसके साथ ही इंटरनेट सेवा भी सराड़ा में और उसके आसपास के इलाकों में 24 घंटे के लिए बाधित की गई।
पूरा मामला
1 जून को रात 9:30 बजे मुकेश और घायल राजू अपने दोस्तों के साथ केजड़ तालाब में मछली पकड़ने के लिए गए। मगर, वहाँ उन्होंने देखा कि तालाब के पास तीन अन्य युवक पहले से बैठे हुए थे। जिन्होंने बाद में मछली पकड़ने के विवाद पर अपने तीन अन्य साथियों को तालाब के पास बुलाया लिया। वे सभी वहाँ हथियार लेकर आए।
इसके बाद युवकों ने मुकेश और राजू पर वार किया। मुकेश की मौके पर मौत हो गई। वहीं राजू को एमबी हॉस्पिटल रेफर किया। इसके बाद परिजनों को सूचना दी गई। रातभर में सूचना आसपास के गाँव में फैल गई।
समुदाय की माँग
यहाँ बता दें कि इस घटना के तूल पकड़ने के बाद समुदाय के बुजुर्गों ने प्रशासन को पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने 14 बिंदु के साथ कुछ अनुरोध किए। इनमें से कुछ निम्नलिखित हैं-
- आरोपितों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए
- मामले में अच्छे से फॉरेंसिक जाँच हो
- आरोपितों के ख़िलाफ़ सर्च वारंट जारी हो
- म़तक के परिवार को 5 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए
- पीड़ित परिवार को सरकारी नौकरी मिले
- मुस्लिम समुदाय के लोगों को चावंड, महुवाड़ा और सारदा से हटाकर किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया जाए।
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार शाम तक पुलिस इस मामले में ग्रामीणों को शांत कराने में असफल थी। मगर, बाद में एसएसपी बिश्नोई और जिलाधिकारी आनंदी ने मामले में संज्ञान लिया, जिसके बाद उन्होंने समुदाय के लोगों को उनकी माँग को लेकर आश्वस्त किया और मुकेश का दाह संस्कार संपन्न हो पाया।