उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए हिंदू विरोधी दंगों में आरोपित बनाए गए आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। उसके कबूलनामे का जिक्र दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में है। इसमें उसने बताया है कि कैसे उमर खालिद और खालिद सैफी के संपर्क में आकर उसने दंगों की तैयारी की।
इंडिया टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, ताहिर हुसैन ने बताया कि वह United Against Hate ग्रुप का हिस्सा है और इसी के जरिए वह खालिद सैफी व उमर खालिद से जुड़ा। उसके कबूलनामे के मुताबिक वह इन लोगों के भाषण सुनता था। खालिद ने उससे कहा था, “CAA में बड़ा दंगा करेंगे। जिससे सरकार हिल जाएगी। बस मैं इलाके में लड़के तैयार रखूँ।”
ताहिर ने बताया कि 8 जनवरी को खालिद सैफी ने उसकी मुलाकात उमर खालिद से करवाई। उमर ने कहा, “जब तक कुछ बड़ा धमाका नहीं करेंगे तब तक केंद्र सरकार नहीं हिलेगी। 370 और राम मंदिर पर हम चुप रहे, पर CAA वापस करवा कर रहेंगे। तब तक सरकार घुटनों पर नहीं आएगी, जब तक हम बड़ा धमाका नहीं करेंगे। इसके लिए देश में चाहे जितनी आग लगानी पड़े। विदेशों में सरकार की बदनामी हो इसके लिए जितने घरों में आग लगानी पड़ी, जितने हिंदुओं को मारना हो मारेंगे।”
बता दें कि उमर खालिद भी इससे पूर्व कबूलनामे में दंगों में अपनी भूमिका का खुलासा कर चुका है। उसने 16 और 17 फरवरी 2020 को हुई मीटिंग को लेकर बताया था, “हमने 16 और 17 फरवरी की शाम एक मीटिंग में तय किया कि दंगा ही एकमात्र तरीका है जिससे भारत सरकार पर दबाव बनाया जा सकता है। फिर मैंने ही लोगों से कहा कि वे अपने पास पत्थर, तेजाब, पेट्रोल और हथियारों को इकट्ठा करके रखें और जब जरूरत पड़े इसका इस्तेमाल करें।”
उसने कहा, “मैं अमरावती और महाराष्ट्र भी प्रदर्शन में शामिल होने गया था। जहाँ मैंने कहा कि हम सब डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान 24 फरवरी को सड़कों पर आकर भारत सरकार पर दबाव बनाएँगे और हमारे लोगों ने अपनी योजना के मुताबिक डोनाल्ड ट्रम्प की यात्रा के दौरान ही 24 तारीख को दिल्ली के अलग-अलग इलाको में चक्का जाम दंगे करवाना शुरू कर दिए। देखते ही देखते उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाको में दंगे फैल गए।”
यहाँ याद दिला दें कि ताहिर हुसैन ने बताया था कि उसे उमर खालिद ने ही कहा था कि पैसों की चिंता करने की जरूरत नहीं है। दिल्ली में बैठे दोस्त और पीएफआई पैसों का इंतजाम कर रहे हैं। ताहिर के अनुसार उमर खालिद ने उससे कहा था, “आप सिर्फ़ दंगों की तैयारी करो। दंगों के लिए लोगों को इकट्ठा करो। सामान खरीदो और पैसों की चिंता बिलकुल मत करो। खालिद आपको पैसे दिलवाएगा।”
बता दें कि ताहिर हुसैन ने गुलफाम के साथ हुए पैसों के लेन-देन पर भी बताया और कहा कि उसी ने पैसों से बंदूक के लिए कारतूस और अन्य सामग्री खरीदी। खालिद ने ही ताहिर को उमर के हवाले से ये भी कहा कि ‘इस माह’ दंगे होंगे। उसने उमर का हवाला देकर कहा कि इस्लाम खतरे में है। सैफी के कबूलनामे से साफ पता चलता है कि उन्हें पहले से खबर थी कि चक्का जाम करने से दंगे भड़क सकते हैं।
उसके मुताबिक ट्रंप के दौरे के दौरान सड़कें जाम की गई और लोगों को जब परेशानी हुई तो दंगे शुरू हो गए। 24 फरवरी को जब सैफी ने ताहिर हुसैन से बात की तो उसे जानकारी दी गई कि सब कुछ प्लान के मुताबिक हो रहा है। हिंदुओं के घरों को आग लगाई जा चुकी है।
गौरतलब है कि दिल्ली दंगों में आरोपित बनाए गए इन सभी कट्टरपंथियों के कबूलनामे दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में उल्लेख किया है। ये चार्जशीट कोर्ट में दायर की जा चुकी है। कड़कड़डूमा कोर्ट इस पर संज्ञान ले रहा है।