दिल्ली में हुए हिन्दू-विरोधी दंगों के मामले में JNU के छात्र नेता रहे उमर ख़ालिद के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की गई है। खालिद और उसके सहयोगी दानिश के ख़िलाफ़ दिल्ली क्राइम ब्रांच में मामला दर्ज किया गया। क्राइम ब्रांच में तैनात अरविन्द कुमार ने ये मामला दर्ज कराया। पुलिस के मुखबिर के हवाले से एफआईआर कॉपी में जानकारी दी गई है कि दिल्ली में हुए हिन्दू-विरोधी दंगे अचानक से नहीं हुए थे, उसके पीछे एक सोचा-समझा षड्यंत्र था, एक गहरी साज़िश थी।
एफआईआर में कहा गया है कि इस सुनियोजित दंगा-फसाद की साज़िश उमर खालिद और उसके दो सहयोगियों ने मिल कर रची थी, जो दो अलग-सलग संगठनों से जुड़े हुए हैं। इन्होंने मिल कर लोगों को भड़काया था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की यात्रा के दौरान लोग सड़कों पर उतरें और सड़कें अवरुद्ध करें। बता दें कि ट्रम्प 24-25 फरवरी को भारत प्रवास पर थे, जहाँ उनका अहमदाबाद से लेकर आगरा और दिल्ली तक कई कार्यक्रम तय थे।
उमर खालिद के ख़िलाफ़ FIR में क्या?
एफआईआर कॉपी के अनुसार, ये सारा षड्यंत्र इसलिए रचा गया ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसा प्रतीत हो कि भारत में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है और वो यहाँ ख़ुश नहीं हैं। बता दें कि ट्रम्प की भारत यात्रा के दौरान विदेशी मीडिया के कई पत्रकार भारत आए थे और उन सभी का ध्यान खींचने के लिए कई इस्लामी नेताओं ने लोगों को भड़का कर दंगा करने की साज़िश रची थी। एफआईआर कॉपी में उमर खालिद को लेकर आगे लिखा है:
“साज़िश के तहत दिल्ली के मौजपुर, कर्दमपुरी, जाफराबाद, चाँदबाग़, गोकुलपुरी और शिव विहार जैसे इलाक़ों में जगह-जगह घरों में बंदूकें, पेट्रोल बम, एसिड बोतल और पत्थर बड़ी संख्या में जुटाए गए। इन्हें फेंकने के लिए गुलेल सहित अन्य घातक सामानों की व्यवस्था की गई। दंगों में भीड़ जुटाने के लिए उमर खालिद और दानिश ने अलग-अलग इलाक़ों से लोगों को लाने में अहम भूमिका निभाई। जाफराबाद मेट्रो स्टेशन को इसी साज़िश के तहत जाम किया गया और आसपास के लोगों को परेशान करने के लिए वहाँ महिलाओं व बच्चों को जुटा कर रास्ते अवरुद्ध किए गए।”
बता दें कि जाफराबाद में मुस्लिम महिलाओं व बच्चों को भड़का कर 23 फरवरी को उत्पात मचाया गया था। एफआईआर से ये भी खुलासा हुआ है कि दंगों वाले इलाक़ों में मुस्लिम समुदाय के बच्चों को पहले ही निकाल लिया गया था, ताकि उन्हें कोई परेशानी न हो। ऑपइंडिया ने भी अपनी ग्राउंड रिपोर्टिंग के दौरान इस तथ्य से लोगों को अवगत कराया था। स्थानीय लोगों से बातचीत के दौरान ये बातें पता चली थीं। अब इसकी आधिकारिक रूप से पुष्टि हो गई है।
दिल्ली दंगे: खुल सकते हैं कई और राज
पुलिस का कहना है कि अगर इस षड्यंत्र की जाँच कर ली जाए तो दिल्ली दंगों की कई परतें खुल जाएँगी। मुक़दमा रजिस्टर करने के लिए इन जानकारियों का इस्तेमाल किया गया। इस एफआईआर कॉपी से समझा जा सकता है कि जब उमर खालिद जैसे कथित एक्टिविस्ट्स और पूर्व छात्र नेताओं ने इस तरह बड़े लेवल की प्लानिंग की तो ताहिर हुसैन जैसों की इन दंगों में कितनी बड़ी भूमिका रही होगी। दंगों को लेकर प्रपंच फ़ैलाने वाले मीडिया के लिए भी ये एक सबक है।
इन सभी आरोपितों पर छात्रों पर राष्ट्रद्रोह, हत्या, हत्या का प्रयास, धार्मिक आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी फैलाने और दंगे करने का भी मामला दर्ज किया गया है। ये मामले यूएपीए के तहत चलाए जाएँगे।