गाय सहित अन्य पशुओं की हत्या और उनके मांस की बिक्री पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाई है। हाई कोर्ट ने कोलकाता नगर निगम को मवेशियों की गैर कानूनी तरीके से हत्या और मांस बिक्री को रोकने के लिए उपायों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है।
एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस थोथाथिल बी. राधाकृष्णन और जस्टिस अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने ये निर्देश दिए। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार हाईकोर्ट ने निगम अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे गाय सहित अन्य मवेशियों को अनधिकृत या अनियंत्रित तरीके से काटने और इसके बाद मांस की बिक्री करने वालों पर कार्रवाई करे।
इसके लिए खंडपीठ ने उन उपायों को सख्ती से लागू करने को कहा है जिनका जिक्र निगम ने अदालत के समक्ष दायर शपथ-पत्र में किया है। 6 जनवरी 2021 को अदालत ने इस सबंध में हलफनामा दायर करने का निर्देश निगम के आयुक्त को दिया था।
गौरतलब है कि जनहित याचिका में कहा गया था कि बकरीद व अन्य मौकों पर कानूनों का पालन किए बगैर बड़े पैमाने पर गाय सहित अन्य मवेशियों को काटा जाता है। हलफनामा दायर करते हुए निगम ने अदालत को विस्तार से बताया कि वह ऐसी स्थिति में क्या कार्रवाई कर रहा है और इस स्थिति से कैसे निपटेगा।
इसके मुताबिक बकरीद जैसे मौकों पर पशुओं की कुर्बानी के लिए निगम स्थान तय करेगा और संचार के विभिन्न माध्यमों के जरिए एक महीने पहले इसके बारे में लोगों को सूचित किया जाएगा। नगर निगम के पास 5 बूचड़खाने हैं। इनके अलावा किसी अन्य जगह की बूचड़खाने के तौर पर इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी जाएगी। कसाई, मछली और मांस का व्यापार बगैर लाइसेंस के करने की अनुमति नहीं होगी।
चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि यदि निगम हलफनामे में बताए गए उपायों को सख्ती से लागू करता है तो मवेशियों को काटने की बेलगाम प्रवृत्ति बंद हो जाएगी। ऐसा नहीं होने पर अदालत ने निगम के अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई की बात भी कही।