उत्तर प्रदेश के उन्नाव में रेप पीड़िता को 5 आरोपितों ने उस पर पेट्रोल डालकर जला दिया। अब पाँचों आरोपितों के चेहरे सामने आए है। आरोपितों में से एक शिवम त्रिवेदी पीड़िता के साथ हुए गैंगरेप का मुख्य आरोपित हैं। उन्नाव पीड़िता की मृत्यु पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, बालिका की मौत अत्यंत दुखद है। उन्होंने पीड़िता के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि सभी अपराधी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाकर कड़ी सजा दिलाई जाएगी। हिन्दुस्तान ने अपनी रिपोर्ट में आरोपित शिवम त्रिवेदी, शुभम त्रिवेदी, उमेश बाजपेई, राजकिशोर और हरिशंकर की तस्वीर दी है।
बता दें कि गैंग रेप आरोपित शिवम त्रिवेदी ने पीड़िता के साथ जिंदगी भर साथ निभाने का वादा करके लगभग 2 साल तक शारीरिक शोषण करता रहा और फिर जब पीड़िता ने शादी की बात की तो आरोपित ने 3 लाख रुपए देकर उससे पीछा छुड़ाना चाहा। मगर जब पीड़ित परिवार इसके लिए नहीं माना तो आरोपित पक्ष ने बिहार थाने की पुलिस से भी दबाव बनवाया। इसके बाद भी पीड़िता नहीं डरी और आरोपितों को जेल भिजवा दिया। जेल से छूटने पर उसने पीड़िता के ऊपर केरोसिन तेल डालकर जलाकर जान से मारने की कोशिश की।
दरअसल 18 जनवरी 2018 को रायबरेली कोर्ट में पीड़िता और आरोपित शिवम त्रिवेदी ने शादी के अनुबंध पर हस्ताक्षर किया था। जिसमें कहा गया था कि पीड़िता के भरण-पोषण की जिम्मेदारी शिवम की है। मगर शिवम कुछ ही दिन बाद उसे छोड़कर भाग गया। जिसके बाद पीड़िता ने शिवम के घर की बहू होने का दर्जा माँगा। आरोपित के परिवार को यह मंजूर नहीं था। उन्होंने पैसे देकर मामला रफा-दफा करने की कोशिश की। लेकिन पीड़िता ने उसे जेल पहुँचा दिया। और जेल से निकलने के बाद आरोपितों ने उसे जान से मारने के लिए घिनौनी वारदात को जन्म दिया।
12 दिसंबर 2018 को आरोपी शिवम त्रिवेदी ने अपने चचेरे भाई शुभम त्रिवेदी के साथ मिलकर गैंगरेप किया। कोर्ट के आदेश के बाद मार्च 2019 में एफआईआर दर्ज हुई और पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। 30 नवम्बर को इन्हें बेल मिली थी। पीड़िता ने मरने से कुछ देर पहले अपने भाई से कहा था- “भैया, बचा लो! मैं मरणा नहीं चाहती। जिन्होंने मेरे साथ ग़लत किया है, उन्हें मैं मौत की सज़ा पाते देखना चाहती हूँ।”
23 वर्षीय पीड़िता के साथ ये घटना तब हुई, जब वह रायबरेली कोर्ट में सुनवाई के लिए जा रही थी। आरोपितों ने उसका पीछा कर के उस पर केरोसिन तेल डाला और आग लगा दी। आरोपितों से बचने के लिए पीड़िता 1 किलोमीटर तक बदहवास अवस्था में भागती रही। यहाँ तक कि उसने 112 नंबर पर पुलिस को भी कॉल किया था। जब पुलिस मौके पर पहुँची, तब तक वह 90 प्रतिशत जल चुकी थी। यूपी सरकार ने कहा था कि वो पीड़िता के इलाज का पूरा ख़र्च उठाएगी। परिजनों ने अब स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें पैसे नहीं चाहिए बल्कि वो आरोपितों को मौत की सज़ा मिलते देखना चाहते हैं।