Thursday, April 25, 2024
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‘हैदराबाद के जैसा दौड़ा-दौड़ाकर गोली मारी जाए…’ – उन्नाव में जला कर मार दी गई बेटी के पिता का छलका दर्द

"भईया मुझे बचा लो, मुझे मरना नहीं है। जिन्होंने मेरे साथ यह किया है, उन्हें मैं मौत की सज़ा पाते देखना चाहती हूँ।"

उन्नाव ज़िले के सिंधुपुर गाँव में पाँच आरोपितों द्वारा गैंगरेप की पीड़िता को ज़िंदा जलाए जाने की ख़बर ने सबका दिल दहला दिया था। पीड़िता ने अपने परिवार से कहा था कि वो मरना नहीं चाहती, वो आरोपित को मौत की सज़ा पाते देखना चाहती है। लेकिन अफसोस! 23 वर्षीय पीड़िता, जो बुरी तरह जला दी गईं थी, जिन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था, कल रात वो जिंदगी की जंग हार गईं। पीड़िता को ज़िंदा जलाने का प्रयास 5 दिसंबर की सुबह उस समय किया गया था, जब वो रेप के मामले की सुनवाई के लिए रायबरेली की एक अदालत जा रही थी।

साल भर पहले शुभम और शिवम त्रिवेदी ने पीड़िता का अपहरण करने बाद उसके साथ गैंगरेप किया था। मार्च 2019 में पुलिस ने केस दर्ज किया। 30 नवम्बर को इन्हें बेल मिली। गुरुवार को जब पीड़िता रायबरेली कोर्ट जा रही थीं, तब शिवम और शुभम के अलावा हरिशंकर त्रिवेदी, राम किशोर त्रिवेदी और उमेश बाजपाई ने उन्हें पीटा, चाकुओं से गोदा और फिर तेल उड़ेल कर आग लगा दी।

पीड़िता के भाई ने इंडिया टुडे को बताया,

“उसने कहा कि भईया मुझे बचा लो, मुझे मरना नहीं है। जिन्होंने मेरे साथ यह किया है, उन्हें मैं मौत की सज़ा पाते देखना चाहती हूँ।” 

उन्नाव गैंगरेप पीड़िता को गुरुवार (5 दिसंबर) की शाम को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहाँ उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। अस्पताल ने तभी कहा था, “अगले 24-48 घंटे उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। अभी वेंटिलेटर पर रखा गया है। हम पूरी कोशिश कर रहे हैं। उनका शरीर 90 प्रतिशत तक जल गया है, शरीर पर काफी चोटें हैं।” लेकिन डॉक्टरों की पूरी कोशिश के बावजूद उन्नाव की यह बेटी अपने साथ हुए जघन्य अपराध के दोषियों को सजा मिलते देख पाने की ख्वाहिश लिए इस दुनिया से चली गईं।

वहीं, पीड़िता के पिताजी का कहना है कि उनके गुनहगारों को कड़ी से कड़ी सज़ा दी जानी चाहिए। हैदराबाद में जो हुआ, वही सज़ा मिलनी चाहिए। उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर गोली मारी जानी चाहिए या फिर फाँसी की सज़ा दी जानी चाहिए।

उन्नाव गैंगरेप पीड़िता, जो 90 प्रतिशत तक जल गई थी और ज़िंदगी व मौत के बीच जंग लड़ रही थी उन्हें पाँच लोगों ने बड़ी बेरहमी से मारा-पीटा और फिर मिट्टी का तेल डालकर पीड़िता को ज़िंदा ही आग के हवाले कर दिया। 

इस मामले में शिवम त्रिवेदी और शुभम त्रिवेदी मुख्य आरोपित हैं, जिनके ऊपर अगवा कर गैंगरेप का आरोप लगा हुआ है। यह दोनों ही फ़िलहाल ज़मानत पर रिहा थे। इनके अलावा, पुलिस ने मुख्य आरोपितों की मदद करने वाले उमेश वाजपेई, हरिशंकर त्रिवेदी और राम किशोर त्रिवेदी को भी गिरफ़्तार किया है। 

पीड़िता ने एसडीएम दयाशंकर पाठक को दर्ज कराए अपने बयान में बताया कि आरोपित पक्ष उस पर केस वापस लेने के लिए लगातार दबाव बना रहा था। जब उसने केस वापस नहीं लिया तो आरोपितों ने उस पर यह जानलेवा हमला कर दिया। घटना के तुरंत बाद पुलिस ने अपनी कार्रवाई के तहत पाँचों आरोपितों को गिरफ़्तार कर लिया।

बता दें कि बलात्कार के मामले में जेल में बंद शुभम को 30 नवंबर, 2019 को ज़मानत दी गई थी। ज़मानत मिलने के तुरंत बाद, शुभम ने पीड़िता का पीछा करना और उन्हें धमकी देना शुरू कर दिया। पीड़िता और उसके परिवार ने कथित तौर पर पुलिस को धमकियों के बारे में सूचित किया लेकिन पुलिस ने शिक़ायतों को कभी गंभीरता से नहीं लिया। फ़िलहाल, एक विशेष जाँच दल इस मामले की छानबीन कर रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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