उत्तर प्रदेश के उन्नाव में रेप पीड़िता पर केरोसिन डालकर आग लगाने वालों में एक नाम शुभम त्रिवेदी है। लगभग एक महीने पहले त्रिवेदी की ओर से उसकी बेगुनाही साबित करने के लिए कोर्ट में कुछ दस्तावेज जमा किए गए थे। इन कागजी दस्तावेजों में दावा किया गया था कि रेप वाले दिन वो घटनास्थल पर नहीं, बल्कि स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती था। कोर्ट में दस्तावेज जमा कराना मतलब खुद को इस जघन्य कांड में निर्दोष बताने की कोशिश करना। लेकिन दाँव उल्टा पड़ गया। हुआ यह कि मामले की पूरी जाँच के दौरान ये दस्तावेज फर्जी निकले।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार सुमेरपुर स्वास्थ्य केंद्र के अधिकारियों ने उनसे बातचीत में इस तथ्य की पुष्टि की है कि त्रिवेदी ने जिस मेडिकल रजिस्ट्रेशन स्लिप को कोर्ट में जमा कराया, वो फर्जी है। उनके मुताबिक घटना वाली तारीख पर उनके अस्पताल में उस नाम का कोई भी मरीज भर्ती ही नहीं हुआ था और इस बात को का दावा वह पूरे विश्वास के साथ करते हैं। इतना ही नहीं, स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों का कहना है कि जो पर्ची आरोपित ने जमा करवाई है, वो ओपीडी की है। लेकिन वहाँ पर भी इस नाम का कोई व्यक्ति नहीं आया। इसके अलावा कोर्ट में जमा करवाई स्लिप पर पीएचसी स्टैंप के साथ हुए हस्ताक्षर उन दोनों मेडिकल अफसरों में से किसी के नहीं हैं, जो पिछले साल दिसंबर में यहाँ पोस्टेड थे।
#ExpressFrontPage | Unnao rape accused claims he was in hospital, doctor says his records fakehttps://t.co/BZ5OdU5lfg
— The Indian Express (@IndianExpress) December 11, 2019
रजिस्ट्रेशन स्लिप में यह दर्शाया गया कि आरोपित (शुभम त्रिवेदी) गत वर्ष यानी 10 दिसंबर 2018 को पीएचसी में भर्ती हुआ था और 5 दिन बाद यानी 15 दिसंबर 2018 को उसे वहाँ से डिस्चार्ज किया गया। जबकि पीड़िता की शिकायत के अनुसार शुभम ने अपने दोस्त शिवम के साथ मिलकर उसका 12 दिसंबर 2018 को बलात्कार किया। जिसके संबंध में कोर्ट के आदेश के बाद इस साल 5 मार्च को एफआईआर दर्ज हुई। और पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। लेकिन 30 नवम्बर को इन्हें बेल मिल गई और इन्होंने 5 दिसंबर को बलात्कार पीड़िता को उस समय जिंदा जला दिया, जब वह मुक़दमे की तारीख पर रायबरेली के लिए ट्रेन पकड़ने जा रही थीं।
पीड़िता को अधजली हालत में कानपुर के अस्पताल भर्ती करवाया गया, लेकिन हालत नाजुक होने के कारण उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया गया। वो 90 फीसदी जल चुकी थीं। घटना के 2 दिन बाद ही पीड़िता जिंदगी की जंग हार गईं। उन्नाव पीड़िता की मृत्यु पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, बालिका की मौत अत्यंत दुखद है। उन्होंने पीड़िता के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि सभी अपराधी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उन्हें फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाकर कड़ी सजा दिलाई जाएगी। हिन्दुस्तान ने अपनी रिपोर्ट में इस मामले के सभी आरोपित शिवम त्रिवेदी, शुभम त्रिवेदी, उमेश बाजपेई, राजकिशोर और हरिशंकर की तस्वीर भी प्रकाशित की थी।
गौरतलब है कि पीड़िता को 5 दिसंबर को केरोसिन डालकर जलाने वालों में एक नाम शुभम के पिता हरिशंकर का भी है। इसी हरिशंकर ने अपने बेटे को बचाने के लिए हाई कोर्ट में अस्पताल वाली फर्जी पर्ची जमा करवाई। साथ ही माँग की कि गैंगरेप की वारदात से उसके बेटे का नाम आरोपितों की सूची से हटा दिया जाए। बता दें कि ये पहला झूठ नहीं था, जिसे हरिशंकर ने अपने बेटे को बचाने के लिए बोला। इससे पहले भी जाँच अधिकारियों के सामने वो दावा कर चुका था कि उसका बेटा घटना वाले दिन लखनऊ में परीक्षा देने गया था। लेकिन जब उससे उसका एडमिट कार्ड या कोई दूसरा सबूत पेश करने को कहा गया, तो इसमें वो असफल रहा और कुछ दिन बाद नई तरकीब निकालकर हाईकोर्ट में अस्पताल की पर्ची जमा करवा दी।