उत्तर प्रदेश (UP) के प्रयागराज (Prayagraj) में पुलिस (Police) विभाग में पोस्टेड दलित समुदाय की एक महिला सिपाही ने अपने पति पर प्रताड़ना और अप्राकृतिक दुष्कर्म का आरोप लगाया है। आरोपित पति का नाम इमरान खान है जिसके बारे में दावा किया जा रहा है कि उसने बौद्ध बन कर पीड़िता से शादी की है। इमरान उर्फ़ अशोक भी पुलिस में कॉन्स्टेबल है जो फ़िलहाल उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में तैनात है। फ़िलहाल आरोपित की गिरफ्तारी अभी नहीं हुई है।
जानकारी के मुताबिक, FIR प्रयागराज के शिवकुटी थानाक्षेत्र में दर्ज हुई है। पीड़िता कॉन्स्टेबल के मुताबिक वह हिन्दू धर्म के अनुसूचित जाति से है। साल 2016 में वह पहली बार इमरान से मुरादाबाद पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में मिली थी। पुलिस विभाग के ही इमरान ने उसे ट्रेनिंग दी थी। बाद में इमरान और पीड़िता की शादी हो गई। तब इमरान ने पीड़िता को बताया था कि उसका तलाक का केस कोर्ट में चल रहा है।
आरोपित सिपाही मूल रूप से जिला सम्भल के एक मीनारी मस्जिद के पास का निवासी है। मूल रूप से वाराणसी की रहने वाली पीड़िता महिला सिपाही का दावा है कि इमरान ने उनके साथ जा कर बौद्ध धर्म कबूला और अशोक नाम से शादी की। शिकायत के मुताबिक शादी के बाद उनके पति इमरान ने अपने अब्बा और भाई के साथ उसे मिल प्रताड़ित किया बल्कि उसके साथ अप्राकृतिक संबंध भी बनाए। महिला सिपाही को शक है कि उसके शौहर कहीं किसी और लड़की के सम्पर्क में है। फिलहाल अब पीड़िता 1 बच्चे की माँ है।
महिला कॉन्स्टेबल की शिकायत पर पुलिस ने FIR में सिपाही इमरान उर्फ़ अशोक के साथ उसके अब्बा सुल्तान खान और भाई मोहसिन खान को नामजद किया है। इन आरोपितों पर पुलिस ने IPC की धारा 498- A, 323, 377, 504, 506, 376, 328 और 420 के तहत केस दर्ज किया है। थाना प्रभारी शिवकुटी ने ऑपइंडिया से बताया कि मामले की जाँच चल रही है और अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
पुलिस के असहयोग की बात झूठी
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में पीड़िता के हवाले से दावा किया गया कि प्रयागराज पुलिस के सब इंस्पेक्टर चन्द्रभानु यादव ने पीड़िता का सहयोग नहीं किया और मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया। पीड़िता कॉन्स्टेबल ने ऑपइंडिया से बात करते हुए इस दावे का पूरी तरह से खंडन किया। महिला सिपाही ने बताया, “जिन पुलिसकर्मी चन्द्रभानु यादव के खिलाफ मीडिया फर्जी रिपोर्ट छाप रहा है उनके खिलाफ मैंने कभी कुछ नहीं कहा और मुझे उनकी जाँच पर पूरा भरोसा है।”
हमसे बात करते हुए पीड़िता ने अपने पुलिस डिपार्टमेंट से न्याय की पूरी आस जताते हुए मीडियाकर्मियों से आधारहीन खबरें छपने से परहेज करने को कहा।