उत्तर प्रदेश के कुख्यात गैंगस्टर मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को गाजीपुर की अदालत ने 10 साल कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। कुल मामलों की सुनवाई में कॉन्स्टेबल रघुवंश सिंह और गाजीपुर के ASP सहित कई लोगों की हत्या शामिल है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनात (Yogi Adityanath) ने अपने पहले कार्यकाल में माफियाराज को खत्म करने का संकल्प लेते हुए उन्हें सलाखों के पीछे भेजने की बात कही थी। इसके बाद से प्रदेश में पुलिस-प्रशासन ने गैंगस्टरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी थी। इनमें से एक मुख्तार अंसारी भी है।
माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी की पिछले तीन महीने में यह तीसरी सजा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 21 सितंबर 2022 को जेलर एसके अवस्थी पर पिस्टल तानने और उन्हें धमकाने के मामले में दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी। साल 2003 के इस मामले में कोर्ट ने अंसारी को 7 साल कैद की सजा सुनाई है।
इसी तरह 23 सितंबर 2022 को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने साल 1999 के एक मामले में मुख्तार अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के तहत दोषी ठहराया था। अंसारी को 5 साल की सजा सुनाने के साथ-साथ कोर्ट ने 50,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया था। जेल अधीक्षक रमाकांत तिवारी की 4 फरवरी 1999 को हत्या कर दी गई थी।
मुख्तार अंसारी पिछले कुछ समय से यूपी के बांदा जेल में बंद है। उस पर हत्या, हत्या की कोशिश, अपहरण, धमकी देने सहित गैंगस्टर ऐक्ट एवं अन्य ऐक्ट में 59 मामले दर्ज हैं। इनमें से 20 मामले अदालतों में अभी लंबित हैं।
मुख्तार अंसारी के अलावा, उसके गिरोह के 282 लोगों पर पुलिस कार्रवाई चल रही है। इनमें से 126 पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है, जबकि 66 पर गुंडा एक्ट में कार्रवाई हुई है। मुख्तार अंसारी के 5 साथियों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है।
विभिन्न मामलों में कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस ने मुख्तार अंसारी की लगभग 290 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है। वहीं, प्रशासन ने लगभग 283 करोड़ रुपए की अवैध संपत्ति को नष्ट किया है।