महिलाओं के ख़िलाफ़ लगातार हो रही हिंसक व यौन वारदातों ने निपटने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार सख्त हो उठी है। हाल ही में उन्नाव में गैंगरेप पीड़िता को जला कर मार डालने वाली घटना से पूरे देश में आक्रोश माहौल है। अदालतों में लामतों पड़े हज़ारों मामलों को देखते हुए योगी कैबिनेट ने सोमवार (दिसंबर 9, 2019) को हुई बैठक में अहम निर्णय लिया। योगी कैबिनेट ने फ़ैसला लिया कि महिलाओं व नाबालिगों के साथ होने वाले अपराध के मामलों में अपराधियों को शीध्र सज़ा दिलाने के लिए 218 फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित किए जाएँगे।
इनमें से 144 फ़ास्ट ट्रैक अदालतें ऐसी होंगी, जहाँ सिर्फ़ बलात्कार के मामलों की सुनवाई होगी। इससे बलात्कार के मामलों का शीघ्र निपटारा होगा और पीड़ित महिलाओं को जल्द से जल्द न्याय मिल सकेगा। नाबालिगों के साथ आए दिन होने वाले अपराध से जुड़े मामलों को जल्द से जल्द निपटाने के लिए 74 फ़ास्ट ट्रैक अदालतें स्थापित की जाएँगी। उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने इस सम्बन्ध में आदेश दे दिया है।
नाबालिग के साथ होने वाले अपराध के मामलों में पोस्को एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है। लखनऊ के लोक भवन में हुई कैबिनेट बैठक में ये फ़ैसले लिए गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्नाव पीड़िता के परिजनों की भी सभी माँगें मान ली हैं और उन्हें हरसंभव सहायता देने का वादा किया है। महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध रोकने के लिए पुलिस को भी विशेष निर्देश दिए गए हैं। यूपी के क़ानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए बताया:
“उत्तर प्रदेश में 42389 पोस्को और 25749 बलात्कार के मामले अभी लंबित पड़े हुए हैं। इसके कारण राज्य सरकार ने ये बड़ा निर्णय लिया है। नए फ़ास्ट ट्रैक अदालतों के लिए जजों की भर्ती जल्द ही शुरू की जाएगी। हर कोर्ट का खर्च 75 लाख रुपए आएगा।”
Brajesh Pathak, UP Law Minister: In the view of crimes against women and children, 218 fast track courts to be established- 144 courts to hear rape cases and 74 courts to hear POCSO cases; Presently, there are 42389 POCSO cases and 25749 rape cases pending. (file pic) pic.twitter.com/zMIuItYwyp
— ANI UP (@ANINewsUP) December 9, 2019
इसके अलावा योगी कैबिनेट ने कई अन्य मुद्दों पर भी बैठक में अहम निर्णय लिए। राज्य के 14 शहरों में इलेक्ट्रिक एसी बसें चलाने का फ़ैसला लिया गया। अयोध्या, गोरखपुर और फ़िरोज़ाबाद नगर निगम की सीमाओं के विस्तार पर भी मुहर लगा दी गई।