उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के दो नामी स्कूलों के छात्रों के बीच हुई मारपीट में एक छात्र की मौत के बाद सोशल मीडिया पर सीएम योगी को बदनाम करने का प्रयास हो रहा है। मृतक छात्र की पहचान अंश तिवारी के रूप में हुई है।
सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि अंश को मारने वाले के पिता सीएम योगी के आईएएस सचिव हैं इसलिए कोई गिरफ्तारी नहीं हो रही। वहीं पुलिस का कहना है कि उनकी जाँच में ऐसा कुछ सामने नहीं आया है। उन्होंने मृतक के परिजनों की शिकायत के बाद आरोपित छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। मामले की जाँच चल रही है।
अंश तिवारी की मौत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शनिवार (26 नवंबर 2022) को लखनऊ पब्लिक स्कूल और रॉयल माउंट स्कूल के छात्रों के बीच जमकर लात-घूँसे और डंडे चले। इस मारपीट के दौरान अंश तिवारी नामक छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसे इलाज के लिए लोहिया हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहाँ, इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। वह 12 वीं का छात्र था।
छात्रों के दो गुटों के बीच हुई मारपीट को लेकर कहा जा रहा है कि एक लड़के ने मृतक अंश के सिर पर गमले से हमला कर दिया था। इससे उसके सिर पर गंभीर चोटें आईं थीं और वह घायल होकर जमीन पर गिर गया था। घटना के तुरंत बाद इसकी जानकारी पुलिस को दी गई थी। लेकिन, तब तक आरोपित छात्र मौके से फरार हो चुके थे।
इस मामले में, मृतक अंश तिवारी के दादा नंद किशोर तिवारी की शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपित छात्रों अभय सिंह, शाश्वत और शिवम पर हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। अंश की हत्या को लेकर उसके दादा नंद किशोर तिवारी का कहना है कि अंश का अभय सिंह से हुक्का बार को लेकर पुराना विवाद था। अभय सिंह ने साजिश के तहत उनके पोते की हत्या कराई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि अंश की हत्या गला दबाकर की गई है।
वहीं, मामले की जाँच कर रही पुलिस का कहना है कि मृतक अंश के शरीर में कोई गंभीर चोट नहीं पाई गई है। ऐसे में उसकी मौत कैसे हुई, इसकी जाँच की जा रही है। पोस्टमार्टम के बाद उसकी मौत की वजह सामने आएगी।
CM योगी को बदनाम करने का प्रयास, लखनऊ पुलिस ने बताई सच्चाई
बता दें कि अंश की मौत के बाद सोशल मीडिया पर पत्रकार आलोक पाठक ने दावा किया था कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आईएएस सचिव के लड़के ने अंश की हत्या की। टोटल समाचार के पत्रकार आलोक पाठक ने घटना की वीडियो शेयर करते हुए बताया था कि 20 घंटे बाद भी मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। इस दावे को वामपंथी पत्रकार रोहिणी सिंह ने भी शेयर किया था। हालाँकि लखनऊ पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए इन ट्वीट की सच्चाई बताई।
उक्त प्रकरण में मृतक के पिता द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर थाना विभूतिखण्ड द्वारा सुसंगत धारा में नामजद 03 अभियुक्तों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत किया गया है। 03 अभियुक्तों का किसी अधिकारी से कोई संबंध नहीं है। ट्वीट में बताए गए तथ्य पूर्णतः असत्य हैं,कृपया भ्रामक सूचना ना फैलायें।
— LUCKNOW POLICE (@lkopolice) November 27, 2022
लखनऊ पुलिस ने कहा, “उक्त प्रकरण में मृतक के पिता द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर थाना विभूतिखण्ड द्वारा सुसंगत धारा में नामजद 03 अभियुक्तों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत किया गया है। 03 अभियुक्तों का किसी अधिकारी से कोई संबंध नहीं है। ट्वीट में बताए गए तथ्य पूर्णतः असत्य हैं, कृपया भ्रामक सूचना ना फैलाएँ।”