Saturday, November 23, 2024
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मुस्लिम कैसे लें लाइसेंसी हथियार? इमामबाड़ा में दी जाती इसकी ट्रेनिंग – अब बात से पलटे कल्बे जव्वाद

"पहले सरकार से कानून बनाने की माँग करनी चाहिए। अगर वे इसमें असफल होते हैं तब इस तरीके से कैम्प का आयोजन किया जाए और सभी धर्मगुरुओं को एक प्लेटफॉर्म पर लाया जाए।"

मुस्लिमों को हथियार खरीदने और उसे इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग देने पर मुस्लिम धर्मगुरु कल्बे जव्वाद ने सफ़ाई दी है। कल्बे जव्वाद की ओर से दी गई सफाई में कहा गया है कि हथियार रखने और लाइसेंस बनवाने की खबरें गलत हैं। इस तरह का कोई भी कार्यक्रम लखनऊ के इमामबाड़ा परिसर में नहीं होगा। जव्वाद की मानें तो उन्होंने आयोजन कराने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील महमूद पराचा से उनका बयान वापस लेने के लिए भी कहा है। जबकि मॉब लिंचिंग की खबरों (ज्यादातर झूठी) के बीच मुस्लिमों को हथियार उठाने से नहीं हिचकने का विवादित सलाह दे चुके हैं कल्बे जव्वाद।

आज तक की खबर के मुताबिक मुस्लिम धर्मगुरु कल्बे जव्वाद ने सफाई देने के दौरान कहा, “यह कार्यक्रम अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और सुप्रीम कोर्ट के वकील महमूद पराचा का है। मैंने पराचा से बयान को वापस लेने के लिए कहा है और सरकार को समय देने के लिए कहा है।”

कल्बे जव्वाद का कहना है कि यदि सरकार मॉब लिंचिंग के मामलों पर कार्रवाई करने को और कानूनों को सख्त बनाने के लिए कह रही है, तो हमें विश्वास करना चाहिए।

कल्बे जव्वाद की मानें तो भारत में मुस्लिम सबसे अधिक सुरक्षित हैं। इसलिए अब मुस्लिमों को शिक्षा, रोजगार और आधुनिकरण पर काम करना चाहिए। कल्बे कहते हैं कि मॉब लिंचिंग की घटनाएँ हर सरकार में हुई हैं। चाहे सपा हो या कॉन्ग्रेस, लेकिन किसी ने कानून बनाने की बात नहीं की। ऐसे में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री सख्त कानून बनाने की बात कर रहे हैं तो हमें विश्वास रखना चाहिए।

इसके अलावा खबरों की मानें तो मुस्लिम धर्मगुरु ने सुप्रीम कोर्ट के वकील महमूद की बात पर असहमति दर्ज कराते हुए यह भी कहा कि हमें पहले सरकार से कानून बनाने की माँग करनी चाहिए। अगर वे इसमें असफल होते हैं तब इस तरीके से कैम्प का आयोजन किया जाए और सभी धर्मगुरुओं को एक प्लेटफॉर्म पर लाया जाए।

गौरतलब है कि इस समय कार्यक्रम के आयोजन से मना करके अपने बयान पर यू-टर्न लेने वाले कल्बे जव्वाद इससे पहले कह चुके हैं कि 26 तारीख को जो परिसर में कैंप लगेगा, उसमें सिर्फ़ और सिर्फ़ इस बात की जानकारी दी जाएगी कि सरकार से हथियार कैसे लें, इसके लिए कैसे अप्लाई करें। इसमें कोई हथियार की ट्रेनिंग नहीं दी जाएगी और न ही किसी प्रकार के हथियार के बारे में बताया जाएगा।

जबकि इस विवादित आयोजन कराने वाले महमूद पराचा ने इस कैंप के बारे में बयान देते हुए कहा था कि इस कैंप में मॉब लिंचिंग से बचने के लिए हम सभी को ट्रेनिंग देंगे, क्योंकि ये मॉब लिंचिंग सरकार करा रही है। यह मॉब लिंचिंग किसी एक संप्रदाय के प्रति हो रही है। इसमें मुस्लिम मारे जा रहे हैं, दलित मारे जा रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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