उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा को लेकर हिसाब-किताब लेने की बात करने वाला भड़काऊ भाषण देने के मामले में गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी पर पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इस मामले में पुलिस ने अब अपने जाँच के दायरे को आगे बढ़ा दिया है। अब्बास के खिलाफ कुछ और धाराएँ भी लगाई गई हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, अब्बास अंसारी मऊ की सदर सीट से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे। 3 मार्च 2022 को पहाड़पुरा मैदान में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि अखिलेश यादव से उनकी बात हो गई है। सपा के चुनाव जीतते ही अगले 6 महीने के लिए सभी अधिकारियों का ट्रांसफर रोककर सभी के साथ हिसाब-किताब किया जाएगा। इस घटना के बाद अब्बास अंसारी पर एक्शन लेते हुए चुनाव आयोग ने 24 घंटे के लिए उनके चुनाव प्रचार पर न केवल रोक लगा दी, बल्कि उनके खिलाफ 171 एच और इंडियन पीनल कोड की धारा 506 के तहत केस दर्ज किया था।
पुलिस ने लगाई नई धाराएँ
हालाँकि, अब भाजपा की प्रदेश में दोबारा से पूर्ण बहुमत के साथ वापसी हो चुकी है तो पुलिस ने अब्बास के खिलाफ अपना शिकंजा कसते हुए उनके ऊपर नई धाराएँ लगा दी हैं। पुलिस ने 186 (सरकारी काम में बाधा), 189(लोक सेवक को धमकी), 153a (किसी वर्ग विशेष के खिलाफ बयान या अशांति का प्रयास) और 120 B (आपराधिक षड्यंत्र) को जोड़ा गया है।
गौरतलब है कि मऊ की सदर सीट मुख्तार अंसारी की परंपरागत सीट रही है और वो इस वक्त जेल में है। इस कारण उसका बेटा अब्बास अंसारी सदर सीट से चुनावी मैदान में थे। वो चुनाव भी जीते, लेकिन सरकार बीजेपी बनी। कानून व्यवस्था के मुद्दे पर योगी सरकार का सख्त रवैया उन्हें भारी पड़ सकता है।