उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फ़ोर्स (UP STF) ने शुक्रवार (16 फरवरी 2024) को मुजफ्फरनगर से जावेद शेख नाम के एक युवक को चार ज़िंदा टाइम बम के साथ पकड़ा। वहीं, पुलिस बम खरीदने वाली महिला इमराना की जोर-शोर से तलाश कर रही है। इस मामले में अब चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। दरअसल, इससे पहले भी इमराना बम बनवा चुकी थी।
इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) और यूपी STF की पूछताछ में जानकारी मिली है कि इमराना ने साल 2013 में मुज्जफरनगर में हुए दंगों के दौरान भी तकरीबन 200 बम ऑर्डर देकर बनवाए थे। इन बमों को उसने दंगों के दौरान बँटवाए थे। उस दंगों के दौरान मुजफ्फरनगर और आसपास के इलाकों में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी। हालाँकि, कुछ रिपोर्ट में बमों की संख्या 100 से अधिक बताई जा रही है।
एसटीएफ के एएसपी बृजेश सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जाँच में पता चला है कि इमराना ने 2013 के मुजफ्फरनगर दंगे और 2020 में नागरिक संशोधन कानून (CAA) के दौरान हुए बवाल में उसने 100 से अधिक बम अपने लोगों को बाँटे थे। उन बमों को बनाने में जावेद की भूमिका तलाशी जा रही है। जावेद के पास बम बनाने के लिए और भी ऑर्डर मिले थे। वह हिंसा और दंगों के लिए भी बम तैयार करता था।
जावेद की गिरफ्तारी के बाद बम बनाने के लिए मिले ऑर्डर की सूची भी एसटीएफ ने हासिल की है। सूची में शामिल लोगों के साथ-साथ जावेद के संपर्क वालों के खिलाफ भी जाँच की जा रही है। जावेद ने पूछताछ में बताया कि इमराना तंत्र क्रिया भी करती है। इमराना शामली जिले की रहने वाली है, लेकिन मुजफ्फरनगर के मुस्लिम बहुल खालापार इलाके में रहती थी। एजेंसी ने उसके घर रेड डाली, लेकिन वह पहले ही फरार हो गई थी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जावेद दिन में फुटपाथ पर ठेली लगाकर टी-शर्ट और लोअर बेचता था और रात में बम बनाता था। पुलिस ने जब उसे गिरफ्तार किया, तब उसके पास से चार टाइम बम, बोतल में अंदर गन पाउडर 999, लोहे की छोटी गोलियाँ, कॉटन और पीओपी आदि भी मिले। इसमें धमाके का टाइम सेट करने के लिए घड़ियाँ भी लगाई गई थीं। बम निरोधक दस्ते को बुलाकर इन बमों को निष्क्रिय करा दिया।
जावेद ने पूछताछ में अधिकारियों को बताया कि इमराना ने उसे बोतल बम बनाने के लिए 50 हजार रुपए देने की बात कही थी। बम तैयार करने के लिए इमराना ने जावेद को 10 हजार रुपए एडवांस में दिए गए थे। बाकी के 40 हजार रुपए बम मिल जाने पर इमराना ने देने का वादा किया था। इन बमों का उपयोग कहाँ होना था, इसके बारे में जानकारी सिर्फ इमराना को ही पता है।
जावेद ने बताया कि उसने बम बनाना मुजफ्फरनगर में ही अपने चाचा और दादा से सीखा है। उसका चाचा मोहम्मद अर्शी मुजफ्फरनगर में पटाखे की दुकान चलाता है। उसने कुछ जानकारी यूट्यूब से इकट्ठा की है। बम बनाने के लिए जावेद ने ग्लुकोज की बोतलें डाक्टरों से हासिल की थी। लोहे की गोलियाँ साइकिल की एक दुकान से लाया था। वहीं, टाइम बम में लगाने के लिए घड़ियों की दुकान से घड़ी खरीदी थी।
जावेद का नेपाल कनेक्शन भी सामने आया है। उसका जन्म और परवरिश नेपाल में ही हुई है। इसके साथ ही उसकी 7वीं तक उसकी शुरुआती शिक्षा भी नेपाल में ही हुई है। वह दो भाई और एक बहन है। सबका जन्म और परवरिश नेपाल में हुई है। उसकी बहन की शादी नेपाल में ही हुई है और भाई अमेरिका के शॉपिंग मॉल में काम करता है।
जावेद शेख ने बताया कि उसके अब्बू उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के ही रहने वाले हैं। उसके पिता और दादा मुजफ्फरनगर में ही रहते हैं। नेपाल को लेकर उसने बताया कि उसके पिता नेपाल घूमने गए थे। वहाँ पर उनकी मुलाकात नीतू नाम की एक महिला से हुई। बाद में दोनों ने शादी कर ली। उसके पिता की मौत हो चुकी है और वह अपनी अम्मी से मिलने के लिए अभी भी नेपाल जाते रहता है।