उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। एसटीएफ ने पेपर लीक करने वाले गैंग के सरगना कौशिक कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद आरोपी से पूछताछ की गई, जिससे टीम को कई अहम जानकारियाँ मिलीं। दरअसल, कोलकाता में पेपर छापने वाली प्रिटिंग प्रेस का मालिक कौशिक कुमार ही पेपर लीक करने वाले गैंग का सरगना निकला जिसे, एसटीएफ ने वाराणसी के चोलापुर इलाके से मंगलवार (मई 28, 2019) को गिरफ्तार कर लिया।
UPPSC exam controller arrested in LT grade paper leak-2018 episode https://t.co/f9iGUW1f9E pic.twitter.com/E9lwYWqwPh
— Sarkari Jankari (@sarkarijankari) May 30, 2019
गिरफ्तारी के बाद कौशिक कुमार से पूछताछ की गई और उसके बयान, मोबाइल डिटेल और व्हाट्सएप मैसेजे से मिले सबूतों के आधार पर क्राइम ब्रांच टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए परीक्षा नियंत्रक अंजू लता कटियार को गुरुवार (मई 30, 2019) को प्रयागराज से गिरफ्तार कर लिया। अंजू लता से क्राइम ब्रांच ने गोपनीय स्थान पर गहन पूछताछ की। उनके मोबाइल और लैपटॉप को सील कर दिया गया। इसके साथ ही अंजू लता को विशेष न्यायाधीश के समक्ष पेश करने के बाद 14 दिनों की रिमांड पर जेल भेज दिया गया।
गौरतलब है कि, 29 जुलाई 2018 को आयोजित यूपीपीएससी की एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के हिंदी और सामाजिक विज्ञान विषय का पेपर एग्जाम से एक दिन पहले आउट हुआ था। कोलकाता निवासी अशोक देव ने इसकी शिकायत पश्चिम बंगाल की सीआईडी से की थी।
एसटीएफ वाराणसी यूनिट के प्रभारी विनोद कुमार सिंह के मुताबिक, जाँच में सामने आया कि 5 परीक्षार्थियों को परीक्षा से एक दिन पहले वाराणसी के यूपी कॉलेज बुलाया गया और वहाँ से दस किलोमीटर दूर कौशल विकास मिशन केंद्र ले जाया गया था जहाँ पर सभी को प्रश्न पत्रों के उत्तर की प्रतियाँ दी गईं और फिर कुछ देर बाद वापस लेकर जला दी गईं। शिकायत करने वाले आशोक देव ने इसका वीडियो बनाने के साथ फोटो भी लिए थे। पेपर लीक करवाने के लिए कौशिक ने अंजू लता को ₹10 लाख दिए थे, जबकि उसने अभ्यर्थियों से 20-20 लाख रुपए लिए थे।