अक्टूबर 2020 में अपना आखिरी अटेम्प्ट देने वाले यूपीएससी सिविल सर्विसेज एग्जाम के अभ्यर्थियों को केंद्र सरकार ने राहत देने का फैसला किया है। सरकार ने अदालत को बताया कि कोविड-19 महामारी के चलते फैसला लिया गया है कि ऐसे अभ्यर्थी एक दफा और यानी 2021 में भी सिविल परीक्षा दे सकते हैं।
इससे पूर्व केंद्र सरकार ने अदालत में कहा था कि वह सिविल सेवा परीक्षा में शामिल नहीं होने से अपना आखिरी मौका गँवा देने वाले अभ्यर्थियों को एक और अवसर देने के पक्ष में नहीं है। केंद्र ने यह भी साफ किया था कि राहत उम्र सीमा से बाहर हो चुके अभ्यर्थियों को नहीं मिलेगी।
बता दें कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रही एक अभ्यार्थी रचना सिंह ने 4 अक्टूबर 2020 को हुई यूपीएससी सिविल सेवा प्रीलिम्स परीक्षा छूट जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने कोर्ट में सरकार से एक अतिरिक्त मौका दिए जाने की गुहार लगाई थी।
Centre agrees in Supreme Court to give an extra chance to Civil Service aspirants who had given their last attempt in the UPSC exam in October 2020. pic.twitter.com/6ySS9OMwQX
— ANI (@ANI) February 5, 2021
इस याचिका में कुछ अन्य अभ्यार्थी भी शामिल थे जो संकट/लॉकडाउन आदि के चलते परीक्षा में शामिल नहीं हो सके थे। इनकी ओर से वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने पक्ष रख कर दलीलें दी थीं।
इसके बाद 29 जनवरी को सुनवाई में पीठ ने सरकार की तरफ से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू से सवाल किए थे कि सिर्फ इस बार के लिए अतिरिक्त अवसर दिया जाता है तो कितने अभ्यर्थियों को इसका लाभ मिलेगा और यूपीएससी के गठन होने के बाद से अब तक कितनी बार इस तरह की छूट दी गई है?
फिर 1 फरवरी की सुनवाई में शीर्ष अदालत को सॉलिस्टर जनरल ने बताया कि अतिरिक्त अवसर दिए जाने पर कुल 3308 उम्मीदवारों को इसका लाभ मिलेगा। जिस पर पीठ ने कहा कि अधिकतम आयु सीमा में बदलाव किए बिना एक बार छूट देने से 3300 से अधिक उम्मीदवारों को राहत मिलेगी।
मालूम हो कि 30 सितंबर 2020 को न्यायालय ने कोविड-19 महामारी और देश के कई राज्यों में बाढ़ के चलते 4 अक्टूबर को होने वाली UPSC सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा, 2020 को स्थगित करने से इंकार कर दिया था। जिसके चलते प्रारंभिक परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों में से 100 से ज्यादा अभ्यर्थी ऐसे थे जिनका यह आखिरी अटेम्प्ट था।
इन अभ्यर्थियों ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर सिर्फ एक बार की छूट के तौर पर 2021 की सिविल सेवा परीक्षा में अतिरिक्त मौका देने की माँग की थी। कुछ अभ्यर्थियों ने कहा है कि कोविड-19 से जुड़ी ड्यूटी में लगने के कारण उन्हें तैयारी का समय नहीं मिल पाया। जबकि कुछ का कहना था कि दूर-दराज के इलाके में खराब इंटरनेट सुविधा के चलते उन्हें ऑनलाइन अध्ययन सामग्री नहीं मिल सकी।