उत्तर प्रदेश के किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सिंचाई परियोजनाएँ शुरू की हैं। इसके तहत प्रदेश सरकार ने अगले साल तक 16.49 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचित करने का लक्ष्य रखा है। इससे प्रदेश के करीब 40.56 लाख किसानों को लाभ पहुँचने की बात कही जा रही है।
इस योजना को योगी सरकार ने इसी साल जनवरी के महीने में लागू किया था। दैनिक जागरण की 26 जनवरी 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, योगी कैबिनेट ने विभिन्न बाँधों के सुधार और पुनर्वास के लिए 1,249 करोड़ रुपए की परियोजना को स्वीकृत करके भारत सरकार को भेजा गया था।
प्रदेश सरकार की सिंचाई परियोजना में उत्तराखंड के 4 और यूपी के 39 बाँधों को शामिल किया गया है। इसके अलावा उत्तराखंड की सीमा में आने वाली 24 छोटी नहरों के देखरेख का जिम्मा वहाँ की सरकार को दे दिया गया था। हालाँकि, इसका स्वामित्व यूपी सरकार के पास ही रहेगा।
इस सिंचाई परियोजना को सरयू नहर, उमरहा, रतौली, लखेरी, भावनी, मसगाँव, चिल्ली, बड़वार झील और बबीना आदि के जरिए मूर्त रूप दिया जाएगा। वैसे तो इन सिंचाई परियोजनाओं से सभी क्षेत्रों (पूर्वांचल, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड) के किसानों को फायदा होगा, लेकिन इससे सबसे ज्यादा फायदा बुंदेलखंड के किसानों को होगा।
उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर एके सिंह के मुताबिक, प्राथमिकताओं के आधार पर प्रदेश सरकार ने एक मार्च 2020 से 31 मार्च 2021 के दौरान रसिन बांध परियोजना (चित्रकूट), बंडई बांध परियोजना (ललितपुर) को पूरा किया। इनसे इन जिलों में 2,290 और 3,025 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि की सिंचाई हुई है। जाखलौन पंप कैनाल (ललितपुर) के टॉप पर 2.50 क्षमता के सोलर प्लांट से बिजली का उत्पादन भी हो रहा है।
मुख्य अभियंता के मुताबिक, आगामी दिनों में बुंदेलखंड की चिल्ली, कुलपहाड़ और शहजाद जैसी परियोजनाएँ प्रदेश के लिए मॉडल बनेंगी।
एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 11 मार्च 2021 को बुंदेलखंड के दौरे के दौरान महोबा जिले में अर्जुन सहायक सिंचाई परियोजना के अंतर्गत बन रहे लहचुरा बाँध का निरीक्षण करने के बाद कहा था कि 2,600 करोड़ रुपए की लागत से बन रही यह परियोजना बाँदा, महोबा और हमीरपुर के किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी। उन्होंने कहा था कि इससे इन तीनों जिलों के 168 गांवों के 1.5 लाख किसानों को लाभ मिलेगा।
उन्होंने यह भी कहा था कि इस परियोजना से करीब 4 लाख लोगों को पीने का शुद्ध पानी मिलेगा और 15 हजार हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की सुविधा मिलेगी। इस परियोजना के तहत सिंचाई क्षमता को 44,382 हेक्टेयर तक बढ़ाया जाएगा।